बच्चे बिस्तर गीला क्यू कते है या बच्चे बिस्तर गीला ना करे उपाय, बिस्तर गीला करने से कैसे बचाए
बच्चा रात में सूखे बिस्तर पर
सोता है और सुबह बिस्तर गीला मिलता
है। ऐसे में आपके चेहरे पर बल और उसके चेहरे
पर झेप आना लाजमी है। पर, यकीन मानिए यह
समस्या बेहद आम है। इससे निजात पाने के लिए
आपको बस थोड़ी-सी मेहनत करने की
जरूरत पड़ेगी। कैसे?
आपका बच्चा भी क्यारात में सोते वक्त बिस्तर गीला
कर देता है? अगर हां, तो बदले में आप क्या
करती हैं? उसको मारती हैं, डांटती हैं,
सजा देती हैं। जवाब हां में है तो आपके इस बर्ताव
से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला। इस
समस्या से निजात पाने के लिए कुछ प्रयास
करने होंगे।जानकार भी इस बात से इत्तफाक
रखते हैं। बालरोग विशेषज्ञ डॉ.पंकज टंडन
की मानें तो यह आदत बच्चों को विरासत में
मिलती है यानीमाता-पिता में से किसी को भी
बचपन में अगर यह समस्या थी तो बच्चों में
इस समस्या के होने की आशंका 50 प्रतिशत
तक बढ़ जाती है, वहीं जिन बच्चों के माता-पिता
बचपन में बिस्तर गीला नहीं करते थे, उनमें इस
समस्या के होने की आशंका मात्र 15 प्रतिशत होती
है। इस समस्या से छुटकारा दिलवाने के लिए कुछ
छोटे-मोटे प्रयास कारगर साबित हो सकते हैं।
रात में कम पिलाएं पानी
सोनेजाने से पहले बच्चे के तरल पदार्थपर
किया गया नियंत्रण आपके लिए खासा
कारगर साबित हो सकता है। ऐसा करने
के लिए आप बच्चे के शरीर की पानी की
जरूरत कोसमय के हिसाबसे बांट दीजिए
ताकि पानी की कमी न होने पाए। पानी की
जरूरत का लगभग चालीस फीसदी पानी या
तरल पदार्थसुबह और चालीस फीसदी दोपहर में
दें।शाम के लिए केवल बीस फीसदी ही रखें। साथ ही
सोने जाने के दो घंटे पहले से ही तरल पदार्थ का सेवन
बंद करवा दें। रात का खाना भी जल्दी खिला दें।
सोने से पहले इनसे रखें दूर
बच्चे की खुराक तालिका में भी बदलावों की जरूरत है।
रात के वक्त कुछ चीजों से परहेज करना होगा ताकि
आपके बच्चे के पेशाब थैली पर असर न पड़े। ऐसे करना
आपको राहत पहुंचाएगा। इस लिस्ट में सबसे पहले आता है,
कैफिन यानी आपको चॉकलेट वाले दूध और कोको से दूरी
बनाएरखनी है। साथ ही आर्टिफीशियल फ्लेवर, रंगखासतौर
परलालरंग, खट्टे फलों के जूस वमिठाई आदि से भी इस वक्त
बच्चे को दूर ही रखें।
अलार्म आएगा काम
बच्चा रात में बिस्तर गीला करता है तो उसकी और आपकी
दोनों की ही नींद में खलल पड़ती है। अगर आप इस समस्या
से बचना चाहती हैं तो बेहतर होगा कि आप अलार्म थैरेपी
का सहारा लें। इसके लिए आपको उसके दिन में
पेशाब करने का औसत निकालना होगा। वह
जितने घंटे के अंतराल में पेशाबकरता है, उसके
हिसाब से अलार्म लगाएं और रात में उतने
अंतराल पर बच्चे को पेशाब करवाएं। ऐसा
करने से उसका बिस्तर भी गीला नहीं होगा,
साथ ही उसकी आदत में भी सुधार होगा।
आपको कुछ समय तक लगातार यह तरीका
अपनाना होगा। बच्चे के बिस्तर पर जाने के
पहले भी उसे पेशाब जरूर करवाएं।
डांट नहीं तारीफ करेगी काम
अपनी तारीफ भला किसको अच्छी नहीं लगती।
इस समस्यासेराहत पाने कायह भी एक अच्छाउपाय
है।बिस्तर गीला होने पर बच्चे को डांटने के बजाय बच्चे
से कहें कि अगर वो रात में बिस्तर गीला नहीं करेगा तो उसे
बदले में तारीफ, उपहार आदि मिलेगा। जानकारों की मानें तो
25 फीसदी मामलों में यह तरीका कारगर साबित होता है।
चिकित्सकीय परामर्श है जरूरी
यूं तो रात में बच्चों का बिस्तर गीला कर देना आम समस्या है।
पर, कुछ लक्षण ऐसे भी हैं जिन पर आपकी पैनी नजर जरूरी
है ताकि आप बच्चे को आने वाली समस्याओं से बचा सके।
अगर आपका बच्चा एकदम से बिस्तर गीला करना शुरू कर
दे और यह सिलसिला लंबे समय तक जारी रहे तो यह खतरे
की घंटी हो सकती है। बच्चे की पैंट दिन में भी गीली रहे तो यह
समस्या भी चर्चा का विषय बन सकती है। बच्चे काखर्राटालेना,
अधिक खाना-पीना, पेशाब में जलन, पैरों और एड़ी में सूजन,
सात साल या उससे अधिक होने पर भी बिस्तर कागीला करना
आदि तमाम ऐसे लक्षण हैं, जिसमें बिना देरी किए डॉक्टरी
सलाह लेना बेहद जरूरी है।
कहीं कारण बीमारी तो नहीं
बच्चा नींद में है और उसने बिस्तर गीला कर दिया। अभी तो
छोटा ही है, समय के साथ ठीक हो जाएगा। बच्चे के बिस्तर
गीला करने को लेकर यह सोच आम है। पर, इससे इतर इस
ओर भी गौर जरूर कर लीजिएगा कि यह कुछ बीमारियों का
लक्षण भी हो सकता है। बकौल डॉ.टंडन बच्चों का बिस्तर
गीला करना यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन, कब्ज, पेशाब थैली की
समस्याएं, मधुमेह, तनाव सरीखी परेशानियों का लक्षण भी हो
सकता है।
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