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2021-05-06

fb account verify kaise kare | instagram account verify kaise kare | facebook account verify kaise kare | blue tick instagram and facebook

ब्लू टिक(मार्क) मतलब

instagram par verify account kaise banaye ya blue tick instagram and facebook ko verify kaise kare?



इंटरनेट मीडिया सोशल मीडिया


दुनियाभर में इंटरनेट मीडियापरकरीब 3.6 अरबलोगों की भीड़ में

खुदको अलग औरवास्तविकसाबित करना चाहते हैं, तो ब्लू टिक'

या 'बैज' इसमें आपकी मदद करसकता है। ट्विटरपर'ब्लूबैज'

की प्रक्रिया फिरसे शुरूहोरही है। आइए,जानते हैं अलग-अलग

प्लेटफॉर्मपरब्लूबैजहासिल करने का क्या है तरीका...


इंटरनेट मीडिया पर बहुत सारे प्रोफाइल्स

के बगल में आप ब्लू टिक देखते होंगे।



आपको भी लगता होगा काश हमारे

एकाउंट के साथ भी यह ब्लू टिक होता। ब्लू टिक का

मतलब होता है कि वह एकाउंट न सिर्फ वेरिफाइड है,

बल्कि संबंधित व्यक्ति एक मशहूर पर्सनैलिटी भी है।

इंटरनेट मीडिया पर चाहे आपका व्यक्तिगत

। एकाउंट

हो या फिर बिजनेस, प्रोफाइल नेम के बगल में ब्लू

टिक या बैज भीड़ में आपको अलग दिखाता है।

टिक इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह

विश्वसनीयता प्रदान करता है। हालांकि इंटरनेट

मीडिया पर एकाउंट का वेरिफाइड होना किसी

चुनौती से कम नहीं है। इसमें कुछ समय भी लग

सकता है। साथ ही, इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं

से गुजरना पड़ता है।


ट्विटर एकाउंट


ट्विटर 'ब्लू बैज' के लिए

वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को फिर

से शुरू कर रहा है। ट्विटर ने 22

जनवरी से इनएक्टिव एकाउंट

को डी-बैज करना शुरू कर दिया है। इसके

बाद जल्द ही नये एकाउंट्स के लिए वेरिफिकेशन

की प्रक्रिया को शुरू करेगा। आपको बता दें कि

ट्विटर ने ब्लू बैज की प्रक्रिया को नवंबर 2017

के बाद होल्ड कर दिया गया था, जिसे

अब फिर से शुरू किया जा रहा है। इस

संबंध में ट्विटर का कहना है कि वह

वेरिफिकेशन प्रोसेस के लिए सेल्फ-सर्व

पोर्टल को फिर से लॉन्च करेगा।

किसे मिल सकता है ब्लू बैज: दिवटर

के अनुसार, वेरिफिकेशन किए

जाने वाले एकाउंट खास और

सक्रिय होने चाहिए। यहां छह तरह

के खास एकाउंट्स हैं यानी इनसे

संबंधित लोग ब्लू बैज हासिल कर

सकते हैं: 


● सरकार से जुड़े लोग

● कंपनियां, ब्रांड्स और नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन

● न्यूज ऑर्गेनाइजेशन और जर्नलिस्ट

● मनोरंजन

● स्पोर्ट्स और इंस्पोर्ट्स

● एक्टिविस्ट, ऑर्गेनाइजर और अन्य प्रभावशाली व्यक्ति


हालांकि ट्विटर का कहना है कि अन्य श्रेणियों

को जोड़ने से संबंधित सुझाव भी मिले हैं, जिनमें

शिक्षाविद, वैज्ञानिक, संत/आध्यात्मिक नेता आदि

शामिल हैं। कंपनी इन श्रेणियों को जोड़ने की योजना

पर कार्य कर रही है। लेकिन तब तक यदि आप इनमें

से किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो आप एक्टिविस्ट,

ऑर्गेनाइजर और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के तहत

खुद को जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं।


छिन भी सकता है ब्लू बैजः यदि कोई यूजर अपना

एकाउंट नेम बदल लेता है या उनका एकाउंट

इनएक्टिव और अधूरा रहता है या फिर कोई यूजर बैज

हासिल करने के दौरान किसी पद पर था, लेकिन अब

उस पर नहीं है, तो ऐसी स्थिति में वह अपना ब्लू बैज

खो सकता है। इसके अलावा, एकाउंट वेरिफिकेशन के

लिए यदि कोई ट्विटर के मानदंडों को पूरा नहीं करता

है, तब भी वह अपना ब्लू बैज खो सकता है। ट्विटर

का कहना है कि वह अपनी सेवा-शों के अनुसार

किसी भी समय और बिना नोटिस के ब्लू वेरिफाइड

बैज को एकाउंट से हटा सकता है।

ऐसे कर सकते हैं आवेदनः वेरिफिकेशन की प्रक्रिया

शुरू होने के बाद दिवटर की नई सेल्फ-सगिन

एप्लीकेशन प्रक्रिया वेब और एप दोनों पर उपलब्ध



अगरबैज हासिल करना है


● सुनिश्चित करें कि आपका

प्रोफाइल यूनीक हो।एकाउंट

मे आपकी प्रोफाइल तस्वीर,

दिलचस्प बायो और आपकी कम

से कम एक पोस्टजरूरहो।


● आपकाएकाउंटपब्लिकहोना चाहिए।एकाउंटरियल

पर्सन, ऑर्गेनाइजेशनया फिरब्रांडकाहोनाजरूरीहै।


● वेरिफिकेशन के लिए जरूरी नहीं है कि इतनेफॉलोअर्स

होनेही चाहिए। इसके लिए ब्रांडया फिरप्रसिद्धहोना

जरूरीहैया फिरऐसाजो वास्तव में ऑनलाइन सर्च किया

जाताहो।


● यहसुनिश्चित करना होगा कि आप संबंधितप्लेटफॉर्मपर

नियमों का बार-बारउल्लंघनन करतेहों।

कोई कंपनी यूजरको वेरिफाईकरने के लिए पैसे कीमांग

नहीं करती है।




होगी। यूजर यहां पर ब्लू बैज के लिए अप्लाई कर

सकते हैं। उन्हें वेरिफिकेशन स्टेटस के लिए किसी

एक श्रेणी का चयन करना होगा। ब्लू टिक पाने के

लिए यूजर को लिंक्स के साथ सपोर्टिंग मैटीरियल

की जरूरत पड़ेगी। यूजर को बताना होगा कि उन्हें

ब्लू टिक या बैज क्यों दिया जाए। एप्लीकेशन का

ऑटोमेटेड और मैनुअल रिव्यू किया जाएगा। ट्विटर

का कहना है कि वेरिफाइड होने के लिए एकाउंट का

उल्लेखनीय होना जरूरी है। यदि आप एक सामान्य

नागरिक हैं, तो यहां ब्लू बैज हासिल करना मुश्किल

होगा। यदि आपके पास फॉलोअर की बड़ी संख्या है,

तो फिर ब्लू बैज मिलने की संभावना बन सकती है।


फेसबुक एकाउंट



ट्विटर ही नहीं, बल्कि फेसबुक

पर भी ब्लू टिक यानी बैज हासिल

किया जा सकता है, लेकिन यहां पर

बैज को हासिल करने के लिए कुछ

मानदंडों का पालन सुनिश्चित करना होगा। बैज को

हासिल करने से पहले फेसबुक यह देखेगा कि आप

वेरिफिकेशन के उसके मानदंडों को पूरा करते हैं या


नहीं। ऐसी चार चीजें हैं, जिन्हें फेसबुक देखता है :

एकाउंट की प्रामाणिकता : फेसबुक यह देखता है कि

वास्तविक या फिर व्यावसायिक नाम का उपयोग कर

रहे हैं या नहीं।

एकाउंट की विशिष्टता: आपका एकाउंट दिलचस्प और

खास होना चाहिए (पर कैट मेम्स या फनी फोटोज

आदि नहीं होने चाहिए)।

कंप्लीट सेटअप : फेसबुक एकाउंट फनी या फिर फैसी

नहीं होना चाहिए। एकाउंट एक्टिव होने के साथ

प्रोफाइल फोटो, एबाउट सेक्शन कंप्लीट होने के साथ-

साथ कम से कम एक पोस्ट जरूर होनी चाहिए।

उल्लेखनीय एकाउंट: बैज वेरिफिकेशन के लिए

आपको भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन

बैज के लिए यह देखा जाता है कि वास्तविक लोग

आपको ऑनलाइन सर्च कर सकें।

वेरिफिकेशन बैज के लिए अनुरोधः फेसबुक पर

वेरिफेकशन बैज के लिए आपको 'कॉन्टैक्ट फॉर्म'

भरना होगा। यदि पर्सनल एकाउंट को वेरिफाई करना

चाहते हैं, तो आपको सरकार द्वारा जारी एक आइडी

जमा करनी होगी। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस,

पासपोर्ट, वोटर कार्ड आदि का उपयोग कर सकते हैं।




अगर बिजनेस एकाउंट का वेरिफिकेशन कर रहे हैं,

तो फिर टैक्स इग्जेम्प्शन डॉक्यूमेंट, यूटिलिटी व फोन

बिल आदि के जरूरत भी पड़ेगी। एकाउंट के लिए

वेरिफिकेशन बैज क्यों मिलना चाहिए, इससे संबंधित

लिखित विवरण भी देना होगा। यदि कॉन्टैक्ट फॉर्म

को सबमिट कर देते हैं, तो फिर वेरिफिकेशन में यदि

रिक्वेस्ट को अस्वीकार कर दिया जाता है, तो 30 दिनों

के बाद फिर से आवेदन कर सकते हैं।


इंस्टाग्राम एकाउंट


इंस्टाग्राम पर भी वेरिफाइड एकाउंट

की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर

आप भी अपने इंस्टाग्राम एकाउंट

को वेरिफाई कराना चाहते हैं, तो

इसका तरीका भी फेसबुक की तरह ही है। यहां पर

वेरिफिकेशन बैज के लिए ऐसे शुरुआत कर सकते हैं:


● जिस इंस्टाग्राम एकाउंट को वेरिफाई करना चाहते

हैं, उस एकाउंट में पहले लॉगइन करें।


● अपनी प्रोफाइल पर जाएं और स्क्रीन के दाहिनी

तरफ मेन्यू बटन वाले विकल्प पर टैप करें।


● इसके बाद सेटिंग्स पर क्लिक करें, फिर एकाउंट

में जाएं। यहां पर आपको रिक्वेस्ट वेरिफिकेशन का

विकल्प दिखाई देगा।


● इसके बाद दिशा-निर्देशों को पढ़ते हुए मांगी गई

जानकारी भरें। आपको सरकार द्वारा जारी कोई आइडी

भी अपलोड करनी पड़ेगी।


● सबमिट करने के बाद अपने वेरिफिकेशन बैज की

प्रतीक्षा करें। यदि आपका अनुरोध स्वीकार नहीं किया

जाता है, तो फेसबुक की तरह यहां भी 30 दिनों के

बाद वेरिफिकेशन बैज के लिए फिर से आवेदन कर

सकते हैं।



2020-06-12

What Is An Internet Of Things Device Kya Hai? Internet Of Things (IOT) Ke Kya Kary Hote Hai Ke Bare Me Jankari Hindi Mein

Internet Of Things Device Ke Bare Mein

 

इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक नई अवधारणा है। आम भाषा में हम इंटरनेट को कंप्यूटरों के वैश्विक नेटवर्क के रूप में जानते हैं, लेकिन वस्तुओं से जुड़ा इंटरनेट एक हकीकत बनता जा रहा है। आइए जानें, इंटरनेट ऑफ थिंग्सकी ताकत और फायदों के बारे में...

 

नाम सुनेंगे तो ताज्जुब होगा कि क्या ऐसा भी कोई इंटरनेट हो सकता है-चीजों का इंटरनेट या चीजों के लिए इंटरनेट? आम भाषा में हम इंटरनेट को कंप्यूटरों के वैश्विक नेटवर्क के रूप में जानते हैं। उस पर इंसानों के भी अनगिनत नेटवर्क संचालित हो रहे हैं, यह भी हम जानते हैं, लेकिन वस्तुओं या चीजों का इंटरनेट?  यह एक आम सवाल है कि भला यह कैसे हो सकता है और इसमें तुक भी क्या है? लेकिन 'इंटरनेट ऑफ थिग्स' एक हकीकत है, जो टेक्नोलॉजी के फायदों और उसकी टेक एक्सपर्ट ताकत को और भी बढ़ाने वाली है। 

 

IOT Kya Hota Hai, Uske Bare Me Jane?

 

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) इंटरनेट से जुड़े हुए ऐसे उपकरणों का नेटवर्क है, जो इंटरनेट पर मौजूद सेवाओं का उपभोग कर सकते हैं। वे अपने जैसे दूसरे उपकरणों से संपर्क कर सकते हैं, इंटरनेट के जरिए दूर से नियंत्रित किए जा सकते हैं और इसी तरह उनकी निगरानी भी की जा सकती है। एक आम उदाहरण हमारे घरों के बाहर-भीतर लगाए जाने वाले आइपी कैमरे हैं, जो इंटरनेट के जरिए आपके स्मार्टफोन या पर्सनल कंप्यूटर तक तस्वीरें भेज सकते हैं। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर वे दूर से ही चालू या बंद किए जा सकते हैं। जरूरी नहीं कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़े ये उपकरण कोई बहुत आधुनिक किस्म के तकनीकी गैजेट हों। ये रोजमर्रा के काम में आने वाली सामान्य चीजें, मशीनें आदि भी हो सकती हैं। शर्त यह है कि उनमें डिजिटल संकेतों को प्रॉसेस करने, इंटरनेट से कनेक्ट करने और ऐसी ही दूसरी डिजिटल गति‍विधियां चलाने की क्षमता हो।

घरों में लगने वाले एयरकंडीशनर देखिए। बुनियादी किस्म के एयर में आप बटन या रिमोट के जरीये इसको घटा या बढ़ा सकते हैं, लेकिन एयरकंडीशनरों में एक छोटी-सी डिवाइस भी होती है, जिसमें उस समय का तापमान भी अंकित होता है। आप रिमोट कंट्रोल के जरिए इन एयरकंडीशनरों का तापमान सेट कर सकते हैं और कुछ ही देर में कमरे का तापमान उस स्तर पर पहुंच जाता है। यह तापमान एयरकंडीशनर की स्क्रीन पर दिखाई भी देता है। अब जरा कल्पना कीजिए कि किसी एयरकंडीशनर में अलग से एक हार्डवेयर फिट किया गया हो, जो इंटरनेट पर मौजूद किसी प्रणाली या सेवा के साथ कनेक्ट हो सके। तब ऐसा मोबाइल एप बनाया जा सकता है, जो उसी सेवा से कनेक्ट होकर आपके एयरकंडीशनर को नियंत्रित कर सके। अपने दफ्तर में बैठे-बैठे ही आप घर का एसी ऑन या ऑफ कर सकें। ऐसा Air Conditioner Internet Of Things की श्रेणी में आएगा। दिलचस्प बात यह है कि Internet Of Things महज चीजों तक सीमित नहीं है, बल्कि आपका कमरा, घर, मोहल्ला, दफ्तर और यहां तक कि पूरा का पूरा शहर भी इस नेटवर्क का एक सदस्य हो सकता है। शर्त वही है कि इसमें डिजिटल संकेतों तथा सूचनाओं को प्रॉसेस करने, इंटरनेट से संपर्क करने और संकेतों के लेनदेन की क्षमताएं होनी चाहिए। ऐसा भी कहा जा सकता है कि Internet Of Things के विकास का अगला चरण है। पहले हम केवल कंप्यूटर को इंटरनेट से कनेक्ट करते थे। उसके बाद स्मार्टफोन भी इंटरनेट से कनेक्ट हो गया और आज भारत जैसे देशों में इंटरनेट के इस्तेमाल का सबसे बड़ा जरिया स्मार्टफोन ही है। विकास के अगले चरण में अब हम इंटरनेट से वस्तुओं, उपकरणों, प्रक्रियाओं और चीजों की एक पूरी सीरीज को जोड़ रहे हैं। आइए देखते हैं कि दूरसंचार और आधुनिक तकनीक के इतिहास में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की क्या भूमिका है। 

 

इंटरनेट-पूर्व : Internet Ka Pratham Charan(First Step)

 

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के विकास को अगर पांच चरणों में विभाजित किया जाए, तो सबसे पहला चरण इंटरनेट से पूर्व का होगा, जिसमें लोग या तो सीधे एक दूसरे के साथ संपर्क किया करते थे या फिर फिक्स्ड टेलीफोन और मोबाइल टेलीफोन के जरिए। फोन ने उपभोक्ताओं का नेटवर्क बनाने में मदद की, क्योंकि लोग दूर से भी एक दूसरे के संपर्क में रहने लगे।

 

इंटरनेट ऑफ कंटेंट: Internet Ka Dusara Charan(Second Step)

 

 

दूसरे चरण की शुरुआत World Wide Web(WWW) से हुई जब हम Email, इंटरनेट पर मौजूद सूचनाओं, इंटरनेट पर उपलब्ध मनोरंजन आदि का प्रयोग करने लगे। इसी चरण में कई IT Platform और सेवाएं विकसित हुई। नेटवर्किंग की प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा आसान हो गई, लेकिन अभी भी नेटवर्क के रूप में हम कंप्यूटर या कंप्यूटर जैसे उपकरणों तक ही सीमित थे।

 

इंटरनेट ऑफ सर्विसेजः Internet Of Services Internet Ka Tisara Charan(Thirds Step)

 

 

तीसरे चरण को हम वेब 2.0 के रूप में जानते हैं, जब इंटरनेट का इस्तेमाल महज सूचनाओं, मनोरंजन और संवाद से आगे बढ़ गया। अब वह उत्पादकता, वाणिज्य, शिक्षा, सरकार आदि क्षेत्रों में पहुंचा। यह ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा, ई-गवर्नेस आदि के विकास और स्थापना का काल था। इसी दौरान स्मार्टफोन और स्मार्ट एप्लिकेशनों की शुरुआत हुई। यही वह समय था जब एपल ने आइफोन का विकास किया, जिसके बाद कंप्यूटिंग, संचार और कंटेंट के प्रसार और इस्तेमाल के तौर-तरीके बदल गए।

 

इंटरनेट ऑफ पीपल: Internet Of People Internet Ka Chautha Charan(Four Step)

 

 

चौथे चरण को सोशल मीडिया के दबदबे वाले युग के रूप में देखा जा सकता है। इस दौरान इंटरनेट का प्रयोग करते हुए लोगों को करीब लाना और आपस में जोड़ना बेहद आसान हो गया। इस दौरान क्रांतिकारी प्लेटफॉर्म, सेवाएं और प्लेटफॉर्म उभरे जिन्होंने भौगोलिक दूरियों को पाट दिया। स्काइप, फेसबुक, यूट्यूब, लिंक्डइन आदि देखते ही देखते बेहद लोकप्रिय हो गए और उन्होंने इंसानों के इंटरनेट के विकास को और आगे बढ़ाया। इसी दौरान स्मार्ट उपकरणों, स्मार्ट चीजों, स्मार्ट टैग आदि का भी प्रादुर्भाव हुआ।

 

इंटरनेट ऑफ थिंग्सः Internet Of Things Internet Ka Panchava Charan (Five Step)

इस पांचवें और आखिरी चरण में इंटरनेट इंसानों, सामग्री या सेवाओं से आगे बढ़कर इतना विस्तार पा गया कि उसमें मशीनों या चीजों को भी शामिल कर लिया गया। दुनिया की अरबों मशीनें इंटेलिजेंट और स्मार्ट बन गई, क्योंकि उनमें इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल तकनीकों को एम्बेड यानी फिट किया गया था। इन मशीनों के बीच आपस में भी संपर्क होने लगा और वे एक-दूसरे के साथ तालमेल करके काम करने लगीं। साथ ही, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल माध्यमों से दूर से ही संचालित करना, पहचानना, निगरानी करना भी संभव हो गया।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के आने से इन तमाम उपकरणों के जरिए बड़ी मात्रा में डेटा तैयार होने लगा। इस डेटा को दूसरे डिजिटल माध्यमों के साथ जोड़कर प्रॉसेस करना भी आसान हो गया। डेटा तैयार करने का जिम्मा अब इंसान तक ही सीमित नहीं रह गया था, बल्कि स्मार्ट मशीनों ने उसका कुछ काम खुद संभाल लिया था। इनमें छोटी-बड़ी तमाम तरह की मशीनें शामिल थीं, जो न सिर्फ सूचनाओं का इस्तेमाल कर सकती थीं, बल्कि खुद सूचनाएं पैदा भी कर रही थीं अपने बारे में, अपनी गतिविधियों के बारे में, अपनी स्थिति के बारे में, अपने आसपास के बारे में और यहां तक कि दूसरों के बारे में भी।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के आने से हम एक और क्रांतिकारी दौर में आ गए हैं, जब जीवन के तमाम क्षेत्रों में इंटेलिजेंट उपकरण अपनी जगह बनाते जा रहे हैं। ये उपकरण हमारे जीवन को बेहतर और ज्यादा सुविधाजनक बनाने वाले हैं। वे हमारे लिए बेहतर इलाज, बेहतर सुरक्षा और बेहतर परिवहन आदि का भी रास्ता साफ करेंगे। आज आप आसानी से ऐसे फ्रिज की कल्पना कर सकते हैं, जो अपने भीतर रखी चीजों का हिसाब-किताब रख सके और जरूरत पड़ने पर आपको सूचित कर सके कि उसमें फलां चीज बहुत कम रह गई है। आप ऐसे पेस मेकर की कल्‍पना कर सकते है जो हृदय में कोई असामान्‍य गतिविधियो होने पर मरीज या डॉक्‍टर को खबर कर दे। इन्‍हे यह क्षमता इंटरनेट ऑफ थिंग्स से ही मिली है। लेकिन अभी तो शुरूआत है।

 

2017-02-04

how to check mail read or not in gmail in hindi | mail tracker for gmail | how to know mail read or not in gmail in hindi

how to check mail read or not in hindi ya gmail email read or not in hindi

Jane Kaise, Mail Send के बाद उसके Answer का Wait करते है । One Trick अपनाकर आप ये जान सकते है कि आपका Mail Read भी गया या नही



यहां हम आपको ऐसी Trick बता रहे हैजिससे आपको पता चल जाएगा कि आपका Send हुआ Main किसी ने Read है या नही । इसके साथ ही उसने कितनी देर पहले यह Mail पढा हैइसकी जानकारी भी आपको मिल जाएगी । 

1. Whatsapp की तरह ही यहां भी आपको यहां Mail पढे जाने के बाद दो राइट टिक (Right Mark) दिखाई देंगे । इसके लिए आपको बस एक छोटा सा काम करना होगा। सबसे पहले Google Chrome पर जाएं। राइट कॉर्नर(right corner) में दिखाई देने वाले तीन डॉट (Three Dot) पर Click करें।

2. Click करने के बाद एक Window खुलेगीजिसमे  More Tool पर जाकर ‘’Extension” पर जाएं। ‘’Extension” में जाने पर सबसे नीचे ‘’Get More Extensions” लिखा हुआ दिखाई देगा । अब सर्च बार में ‘’Mail Tracker” टाइप करें। 

3. यहां कई ऑप्‍शन नजर आएंगेलेकिन आपको “Mailtrack For Gmail”  को चुनना ही आपको ’’Add To Chrome” का ऑप्‍शन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें। अब यह ‘’Extension”  क्रोम में ऐड हो जाएगा।

4. इसके बाद जीमेल अकाउंट से साइन इन करना होगा। साइन इन करते ही आपको “Mailtrack’’ आपके अकाउंट से कनेक्‍ट हो चुका मैसेज दिखेगा । इसमें ‘’Update Permissions”  पर क्लिक करें।

5. यहां आपको एक और मैसेज दिखाई देगा। अब ‘’Allow” पर क्लिक करें । अब आप कंपोज में जाए और मेल टाइप करके सेंड करें।

6. इसके बार सेंड में जाए यहां आपको कोने में एक सिंगल टिक का ऑप्‍शन दिखाई देगा। जैसे ही रिसीवर मेल पढ लेगासिंगल टिक डबल टिक में बदल जाएगा। यहां आपको दो राइट टिक के निशान दिखाई देने लगेगें। यहां आप टाइम भी देख सकते है कि आपका मैसेज SMS Messages कब पढा गया।

How To Use Apps Offline Or Without Internet | App Without Internet Ke Chalate Hain | Bina Internet Ke Apps Use Kaise Kare

बिना इंटरनेट के गाने, GPS Map, डिक्शनरी अप्पनेविगेशन अप्प  कैसे चलाएं या (offline application) without internet app gps map app, music app dictionary app, navigation app, offline application कैसे चलाये


How To Use Apps Without Internet In Hindi Or Bina Internet Ke Apps Kaise Use Kare?

आज के दौर में हर किसी के हाथ में  स्मार्टफोन  हैलेकिन बिना अप्प्स  के आप का स्मार्टफोन किसी काम का नही। अप्प्स के लिए फोन में  इंटरनेट चाहिए। लेकिन अब इंटरनेट न होने की स्थिति में आप ऐसे  अप्प्स  का  उपयोग कर सकते हैजो ऑफलाइन भी सुचारू रूप से काम करते है।

बिना इंटरनेट भी चलेगें ‘ऐप्‍सजाने कैसे?

Jane Kaun-2 Se App Without Internet (Offline) Ke Chalate Hain

1. Google Apps पर अब करिए ऑफलाइन सर्च

2. Hinkhoj Dictionary Apps पर ऑफलाइन कर सकते है, Translate

3. Weather Forecast Apps से जाने Weather का कैसा है हाल

 

मोबाइल की दुनिया में मौजूद Apps के क्रियान्‍वयन के लिए Internet जरूरी है। इंटरनेट न होने की स्थिति में इनका उपयोग करना मुश्किल है । लेकिन कुछ ऐप्‍स(Apps) हैजो Offline भी सुविधा प्रदान करते है। हाल ही मे Google ने अपने Apps को Update किया है।Google ने लो इंटरनेट कनेक्टिविटी (low internet connectivity) को ध्‍यान में रखकर अपने App को Update किया हैजिसके चलते App पर Offline Search की सुविधा प्रदान की गई है। इसकी मदद से User कमजोर Data Connection होने की स्थिति में Search को Store कर सकेगें। अगर User Offline हैतो Google Search App कीवर्ड को Store कर लेगा  । 


Indian Food Recipes App

यदि आप खाना बनाने से भी कही ज्‍यादा खाना खाने का शौक रखते है,  तो भारतीय फूड रेसिपी फ्री अप्पस आपके लिए उपयोगी हो सकता है। इस अप्पस को एक बार डाउनलोड  कर आप  बिना इंटरनेट के आसानी से भारतीय खानों की रेसिपी (Indian Food Recipes) के बारे मे सीख सकते है। यहां आपको 10,000 से अधिक भारतीय खानों की रेसिपी मिलेगी।

Calorie Counter My Fitness Pal App

आप अपनी  Health पर ध्‍यान रखना चाहते हैतो कैलोरी काउंटर माईफिटनेसपल  एप्लिकेशन एक अच्‍छा  विकल्प हैक्‍योकि इसे उपयोग करने के लिए आपको डाटा कनेक्‍शन या वाई-फाई (Wi-Fi) की आवश्‍कता नही है।  आप इसे ऑफलाइन  भी आसानी से उपयोग कर सकते है । 


Indian Railway Offline Timetable App

    Connection फिर से मिल जाने के बाद Search Result Google पर दिखने लगेगें। यह Fracture Google Apps के Latest 6.9.37 Version में उपलब्‍ध है। इसे Google Play Store से Download किया जा सकता है। इसी तरह रेल टिकट का पीएनआर चेक(train ticket pnr status) करने के लिए बार-बार Internet उपयोग करना पडता है। अब आप Internet न होने पर भी आप आसानी से अपना पीएनआर चेक कर सकते है। इंडियन रेलवे ऑफलाइन टाइम टेबल ऐप(Indian Railway Offline Timetable App) के द्वारा आप न केवल ऑफलाइन पीएनआर देख सकते हैबल्कि ट्रेन का टाइम टेबल और रूट(Rout) भी चेक कर सकते है। केवल इसे डाउनलोड करने व अपडेट करने के लिए इंटरनेट की जरूरत है 

Offline Music App Spotify Application

ऑफलाइन म्‍यूजिक ऐप स्‍पोटीफाई ऐप्लिकेशन(Offline Music App Spotify Application) में न केवल आप एक लाख से अधिक गाने ट्रैक कर सकते हैबल्कि उन्‍हें अपने प्‍लेलिस्‍ट में भी सेट कर सकते है।यहां उपलब्‍ध म्‍यूजिक का आनंद आप ऑफलाइन ले सकते है। यदि आपके फोन की इंटरनल स्‍टोरेज(Internal Storage) में जगह नही हैतो गानों कों माइक्रो एसडी कार्ड (Micro Sd Card) में भी सुरक्षित रखना आसान है। 

Adobe Photoshop

एडॉब फोटोशॉप(Adobe Photoshop) का उपयोग आप अक्‍सर करते होगें।  लेकिन कम ही लोग हैजो जानते है कि इसे ऑफलाइन भी उपयोग कर सकते है। इस ऐप्लिकेशन को केवल गूगल प्‍ले स्‍टोर से डाउनलोड करने के बाद आप आसानी से इसे ऑफलाइन उपयोग कर सकते है।  इसके लिए जरूरी नही कि हर वक्‍त में आपका डाटा ऑन रहे।  

Offline Map And Navigation Apps

ऑफलाइन मैप एंड नेविगेशन ऐप (Offline Map And Navigation Apps) को अपने Phone में डाउनलोड करने के बाद आपको इसका उपयोग करने के लिए इंटरनेट की आवश्‍कता नही है।  कई बार कही बाहर जाते वक्‍त हमारा इंटरनेट कार्य नही करता है। नई जगह की जानकारी न होने पर नेविगेशन Navigation की आवश्‍कता होती है। ऐसे में इस ऐप्लिकेशन(Application) का उपयोग किया जा सकता है। इसके माध्‍यम से आप आसान से ऑफलाइन मैप और नेविगेशन का उपयोग कर सकते है। यह ऐप्लिकेशन 33 भाषाओं को सपोर्ट support करने में सक्षम है। इसमें जीपीएस Global Positioning System (GPS) उपलब्‍ध हैसाथ ही स्‍पीड लिमिट की चेतावनी भी दी जाती है। 

Tripadvisor Offline App

आप कही बाहर जाने की योजन बना रहे हैतो उस जगह के बारेमें जानने या जुडे रिव्‍यू(Review) पढने के लिए आप ट्रिप एडवाइजर ऑफलाइन ऐप (Tripadvisor Offline App) का उपयोग कर सकते है।  ट्रिप एडवाइजर ऑफलाइन ऐप में 300 से अधिक शहरों के रिव्‍यू और फोटो दिए गए है।  

Offline Weather App

बाहर जाने से पहले यदि मौसम के बारे में पहले से पता कर लिया जाएतो बाहर जाना आरामदायक हो सकता है। ऐसे में ऑफलाइन वेदर ऐप (offline weather app) का उपयोग कर सकते है। इस ऑफलाइन वेदर ऐप के द्वारा बिना इंटरनेट के मौसम संबंधी जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है। यह ऐप 14 भाषाओं को सपोर्ट करने में सक्षम है। इसमें तापमानकंडीशन,प्रेशर(temperature pressure relation) आदि की जानकारी उपलब्‍ध होगी।

hinkhoj dictionary

कई बार काम करते समय हमारे सामने कुछ ऐसे शब्‍द आते हैजिनका अर्थ हमें नही पता होता या याद नही आता। ऐसे में इंग्लिश-हिंदी डिक्‍शरी-हिंखोज ऐप्लिकेशन (hinkhoj dictionary app) का उपयोग किया  जा सकता है। यह ऐप्लिकेशन बिना डाटा कनेक्‍शन के भी कार्य करने में सक्षम है। इसे उपयोग करने के लिए इंटरनेट की अवाश्‍कता नही है। यहां आप अंग्रेजी से हिंदी (English To Hindi) और हिंदी से अंग्रेजी ट्रांसलेट(Hindi To English Translate) कर सकते है। इसमें आप यदि हिंदी से अंग्रेजी ट्रांसलेट करना चाहते हैतो इस हिंदी में टाइप करें। वही अंग्रेजी से हिंदी ट्रांसलेट करने के लिए अंग्रेजी में टाइप करें । इसी तरह किसी शब्‍द का अर्थ भी पता कर सकते है।

Offline Book Reading 

 यदि आप बुक पढने का शौक रखते है और कही सफर में जाते वक्‍त भारी-भरकम किताबों के बोझ से बचना चाहते हैतो आप अमेजन किंडल ऐप Amazon Kindle App का उपयोग कर सकते है ।यहां आपको ऑफलाइन बुक रीडिंग(Offline Book Reading) की सुविधा मिलती है। इस ऐप को डाउनलोड करने और अपनी पंसदीदा बुक को सर्चकरने के लिए केवल इंटरनेट की आवश्‍कता है। एक बार बुक सेव करने के बाद आप कभी भी समय मिलने पर Offline उसे पढ सकते है।