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2021-06-12

ghar sajane ka tarika | home sajana ka tarika | home decoration kaise karen | home decoration tips | घर कैसा सजाना चाहिए

घर को सजाना है कैसे सजाएं या घर कैसे सजाना चाहिए




आपकी चाहतों का घर।

आपके अरमानों का घर।

आपकी जिंदगी में उत्सव का घर।

और जहां उत्सव हो, तो उसे

सजाना और संवारना भी तो

जरूरी है। लेकिन, अपने अरमानों

के घर को सजाते वक्त सेहत का

ख्याल जरूर रखें।



कहते हैं कि सुबह की शुरुआत मंदिर जाकर

अपने आराध्य का ध्यान करके करनी चाहिए।

लेकिन, क्या हमने कभी गौर किया है कि उस

मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए क्या-

क्या इंतजाम किए जाते हैं? सुबह-सवेरे ही

पूरा मंदिर साफ किया जाता है, हर सामान

साफ करके करीने से रखा जाता है, चारों ओर

धूप-बत्ती की सुगंध और चमक बिखरी होती है

हमारा घर भी बिल्कुल ऐसा ही होना चाहिए।

वही घर जो हमारा मंदिर है, जहां सुबह से

शाम तक हम अपना सबसे ज्यादा वक्त


गुजारते हैं, जहां की ऊर्जा दिन भर हम पर

असर करती है। घर की सकारात्मकता बनी

जा सकता है।

इंटीरियर डिजाइनर कहती हैं कि घर

रहे, सभी स्वस्थ रहें, इसके लिए क्या किया

बनाते वक्त लोग कई बातों का ध्यान रखते हैं,

लेकिन कम ही लोग घरवालों के बेहतर

स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर घर डिजाइन

करते हैं। इसके लिए जरूरी है कि घर ऐसे

डिजाइन किया जाए, जिससे घरवाले न सिर्फ

शारीरिक, बल्कि मानसिक तौर पर भी

फिट रहें।




हर ओर हो हरियाली


इनडोर और आउटडोर प्लांट्स के साथ घर

को इस तरह से डिजाइन करें कि चारों ओर

हरियाली नजर आए। मनी प्लांट्स, बैम्बू,

बोन्साई, स्पाइडर प्लांट, एरेका पाम लाइव

प्लांट, गुड लक जेड प्लांट, ग्रीन फर्न प्लांट,

पीस लिली जैसे इनडोर प्लांट्स घर में

लगाएं। घर की हवा शुद्ध रखने वाले कुछ

खास तरह के इनडोर प्लांट्स को घर में

जगह दें। पौधों का चुनाव करते वक्त इस

बात का ध्यान रखें कि वे मच्छरों को

आमंत्रित कर बीमारियों को बुलावा देने वाले

न हों। इसके अलावा कुछ छोटी-छोटी बातों

का भी ध्यान रखें। बालकनी, ड्रॉइंग रूम और

स्टडी टेबल के पास हैंगिंग गार्डन, बैम्बूज

और खूबसूरत फूलों का गुलदस्ता सजाकर

रखना न भूलें। इससे घर की खूबसूरती

बढ़ेगी और मन प्रसन्न रहेगा।


खुले-खुले हों कमरे


घर स्पेसियस हो, तो हर सामान सलीके

से रखें। ध्यान रखें कि घर में जहां-तहां

सामान बेकार न पड़ा हो। घर को

कॉम्पेक्ट करने की बजाय उसे

खुला-खुला रहने दें। उसे इस तरह

सजाएं कि कमरे खुले-खुले और स्पेसियस

लगें। आपके पास बड़ा कमरा है, तो जरूरी

नहीं कि उसमें फर्नीचर भरते जाएं, जितना

जरूरी हो, उतना ही फर्नीचर रखें। इससे

आंखों को सुकून मिलेगा और दिमाग को

आराम। कमरे स्पेसियस होंगे तो बड़े-बुजुर्ग

वहां टहल सकते हैं, बच्चे खेल सकते हैं

और खुद को फिट रखने के लिए आप

व्यायाम, योग और मेडिटेशन भी कर

सकते हैं।


वाटर फॉल से लें माइंड थेरेपी


घर में वॉटर बॉडी और वाटर फीचर्स पर जोर

डाल सकते हैं। पुराने घरों में भी अंदर ग्रीन

प्लांट्स और वाटर बॉडीज डाल सकते हैं।

घर के अंदर यदि वाटर फॉल बनाएं वाटर

साउंड घरवालों के लिए माइंड थेरेपी की तरह

काम करेगी। घर पर एक्वेरियम रखें। घर के

बागीचे में छोटा-सा तालाब या पूल बनाएं,

जहां आप कुछ मछलियां भी रख सकती हैं।



घर पर इन्हें रखने से भी आपका मन शांत रहता है

और सुकून की अनुभूति होती है।


वास्तु का रखें ध्यान

नकारात्मकता दूर रखने के लिए घर की सजावट

के समय वास्तु के नियमों का पालन करें। घर के

उत्तर-पूर्व में मंदिर रखकर हर रोज दीया जलाएं।

इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और

मन प्रसन्न रहता है। फेंगशुई, टॉरट्वाइज,

पिरामिड्स, वाटर टॉप वगैरह का प्रयोग करके भी

घर में पॉजिटिविटी ला सकती हैं।

साउंड थेरेपी चाहिए, तो सुबह-सवेरे घर में

मंत्रोच्चारण या भक्ति गीत तेज आवाज में बजाएं।

बगैर प्यूरिफाइड सफेद या समुद्री नमक को पानी

में मिलाकर उससे नहाने या घर में हर रोज पोंछा

लगाने से भी निगेटिविटी दूर होती है। घर को हर

वक्त सुगंधित रखें। इससे भी नेगेटिविटी दूर

रहेगी। इसके लिए अरोमा और कैंपर सीन सेंट

यूज कर सकती हैं। अगर आपको लेमन ग्रास

पसंद है, तो आप इसे भी यूज कर सकती हैं

हालांकि, यह लेमन ग्रास होटल्स या कॉमर्शियल

प्रॉपर्टीज के लिए बेस्ट है।


घर में हो किचन गार्डन


अक्सर घर बनाते समय लोगों का ध्यान किचन

की ओर नहीं जाता। जबकि किचन तैयार करते

समय भी हर बात का उतनी ही बारीकी से ध्यान

रखा जाना चाहिए, जितना अन्य किसी कमरे को

बनाते समय। यही वह जगह है, जहां महिलाओं


का सबसे ज्यादा वक्त गुजरता है और यही वह

जगह है जहां पूरे परिवार का पेट भरने की तैयारी

की जाती है। अन्य कमरों की तरह किचन को भी

स्पेसियस बनवाएं।

किचन के साथ एक किचन गार्डन सटा हो, जहां

नींबू, धनिया पत्ता, कढ़ी पत्ता, हरी साग-सब्जियां

लगी हों। इससे किचन के सामने हरियाली देखने

को मिलेगा और खाने में मिलेंगी ताजी हरी

सब्जियां। किचन के साथ लगे कमरे या बरामदे

की ओर कुछ चुनिंदा किताबों की एक सेल्फ लगा

दें, जहां अखबार व पत्रिकाएं भी रखी हों, जिनमें

पोष्टिक खाना बनाने के टिप्स वगैहर हों।


लाइट कलर्स की हो दीवारें


लाइट कलर या सही लाइट भी एक तरह की

थेरेपी है। दीवार पर बहुत ब्राइट कलर्स यूज न

करें। लाइट पेस्टल या लाइट कलर्स, सटल

कलर्स, सूदिंग कलर्स, वाइट, डल्ज, शैंपेन, बेबी

पिंक जैसे कलर्स आंखों को रिलैक्स करते हैं।

बहुत डार्क कलर्स यूज करना हर जगह सही नहीं



होता, जैसे- यदि किसी का टेंपर खराब हो, तो

लाल रंग से बचें। अगर आपको डार्क कलर

ज्यादा आकर्षित करते हैं, तो बीच-बीच में डार्क

कलर्स थ्रो कर सकते हैं। जैसे यदि कमरे में बेज

कलर का सेटअप है, तो बीच में आरेंज या ब्लू

कलर की कुर्सी रख दें। इससे कमरे की खूबसूरती

भी बढ़ जाएगी।


फैशन में है बिक वर्क


इन दिनों ब्रिक वर्क चलन में है। आप चाहें तो


एक साइड की दीवार पर बिक वर्क करवाएं यानी

ब्रिक को एक्सपोज करें। उस पर लाल, मरुन या

सफेद पेंट करें। आर्ट फीचर की तरह यहां भी

बहुत डार्क कलर्स अच्छे नहीं लगते। आप चाहें

तो बीच-बीच में कहीं गोल्डन कलर या वॉल

पेपर्स लगवाएं। चाहें तो उस पर मिरर वर्क भी

करा सकती हैं। मार्केट में कई तरह के मेलामाइन

कोट उपलब्ध हैं, उन्हें भी लगवा सकती हैं। वुड

भी थेरेपी का एक पार्ट है, इसलिए मार्बल या

टाइल्स की बजाय वुडेन फ्लोरिंग भी कर

सकती हैं।


लाइटिंग है कला


लाइटिंग में काफी कुछ नया आया है। अलग-

अलग मौकों और जगह के लिए अलग-अलग

लाइट का इंतजाम हो, तो खूबसूरती उभर जाती

है। असल में, लाइटिंग करना एक कला है और

थेरेपी भी। लाइटिंग का अपना अलग अंदाज होना

चाहिए। लाइट वहीं डालें, जहां जरूरत हो। जैसे

कि घर पर एक स्टेचू है, तो उस पर लाइट लगा

दें। सिर्फ उजाले के लिए लाइट न जलाएं, बल्कि

इस बात का भी ध्यान रखें कि किस जगह पर

कितने वाट का बल्ब लगाया जाना चाहिए। कमरे

में अधिक वाट का बल्ब रखें। स्टडी टेबल, बुक

सेल्फ, डाइनिंग टेबल सहित किचन में गैस और

बेसिन के पास फोकस्ड लाइट रखें। पौधों को

हाइलाइट करने के लिए बॉटम लाइट का प्रयोग

करें। फ्लोर लाइटिंग, वॉटर फॉल लाइटिंग, वॉटर

बॉडी लाइटिंग इस तरह की जानी चाहिए कि

उनकी खूबसूरती निखरे।


बेसमेंट में लगाएं डोर विंडोज


बेसमेंट्स में कुछ एरिया छोड़कर वहां दरवाजा

लगाएं, ताकि वहां बेसमेंट वाला फील न आए।

बेसमेंट्स को भले ही साइज में थोड़ा छोटा कर

बेसमेंट विंडोज लगाएं। प्रॉपर डोर विंडोज लगाएं।

किचन गार्डन्स भी लगा लें। छोटे-छोटे पूल बना

लें। बेसमेंट्स में एग्जॉस्ट फैन लगाएं। ताकि

आपको बेसमेंट वाला फील न आए। लाइट्स और

वेंटिलेशन, दोनों ही फैक्टर्स का पूरा ध्यान रखें।


फ्यूजन डिजाइन है खास


आज के समय में डिजाइन एलीमेंट की खास

पहचान नहीं रह गई है। आपको डिजाइन फ्यूजन

स्टाइल में भी कर सकती हैं। घर की सजावट

मॉडर्न स्टाइल में करें और उसमें ब्रिटिश एलीमेंट

डालने के लिए बीच में एंटीक पीस, जैसे- घोड़ा,

हाथी या लैंप वगैरह रखकर उसे एंटीक लुक दे

सकते हैं। इस तरह मिक्स एंड मैच करके घर को

फ्यूजन स्टाइल में डिजाइन कर सकते हैं।


पुरानी चीजों से घर को दें खूबसूरत लुक


- पुरानी कुर्सी को बेडसाइड टेबल

की तरह यूज कर सकती हैं या

फिर केन स्टूल की तरह जिसमें

छेद हो गया हो, उसे ट्रे से

ढककर उसपर रीडिंग लैंप,

फ्लावर पॉट या अलार्म क्लॉक

रख सकती हैं।


प्लेट्स को शेल्फ या रैक पर

टांगकर उसकी शोभा बढ़ा

सकते हैं। वायर प्लेट हैंगर्स लें

और उस पर अलग-अलग रंग

और साइज की प्लेट्स सजाएं।

इससे आपकी बोरिंग और प्लेन

दीवार को अलग लुक मिलेगा।


घर में फ्लावर पॉट में ताजे फूल

लगाए। लिविंग रूम के एक

कोने में बीच से इकट्ठा कर

लाए गए कंकड़-पत्थर और सीप

सजा दें। अलग-अलग साइज के

शंख या खाली कांच के ग्लास में

रेत भरकर घर के शांत कोने में

आप नई उर्जा भर सकती हैं।


घर के खाली हिस्से में मोमबत्तियां

रखकर उस जगह की

खूबसूरती बढ़ा सकती हैं। खाली

टेबल पर अलग-अलग रंग और

साइज की मोमबत्तियां रखें। अब

देखिए, आपका घर कितना

बेहतरीन लगेगा।