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2022-03-29

पिंपल्स - muhase ka ilaj, muhase kaise Hataye ya Saaf Karane, Tarika, Vidhi, Illaj, Upchar, Chhutkara

चेहरे (फ़ेस) मुंहासे दाग धब्बे खत्म या दूर करने का तरीका, इलाज व उपचार छुटकारा?



हामोस में असंतुलन, गलत जीवनशैली या कुछ अन्य कारणों से चेहरे पर एक्ने होना आम बात है, मगर इनको उचित देखभाल में नजर अंदाजी पोछे छोड़ जाती है इनके दाग, जो कर देते हैं चेहरा बेजान...

मुंहासे क्यों होते हैं ?


चेहरे पर मुंहासे होने का अर्थ है कि आपका शरीर यह संकेत दे रहा है कि आपकी दिनचर्या या खानपान की शैली में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता है। इसके अलावा हामोस में आने वाले बदलाव भी इस प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। इससे ज्यादा परेशानी का सबब बनते हैं एक्ने के बाद होने वाले दाग-धब्बे। ये दाग तब होते हैं, जब कोई मुंहासा त्वचा के भीतर गहराई तक पहुंच जाता है और भीतर के टिश्यू को नुकसान पहुंचाता है। इसीलिए हर प्रकार के दाग-धब्बे के उपचार का अलग असर होता है और कुछ उपचार अन्य के मुकाबले खास प्रकार के धब्बों पर ज्यादा प्रभावी होते है। इनका सही उपचार करवाकर ही इन्हें पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए। जब शरीर में किसी चोट की वजह से अधिक मात्रा में कोलेजन बनने लगता है तो आइस पिक जैसे परेशान करने वाले स्कार्स बन सकते हैं। आइस पिक स्कार्स त्वचा में बहत गहरे तक जगह बना चुके छिद्र होते हैं, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि त्वचा एक आइस पिक के साथ पंक्चर की गई है। इसके उपचार में पंच नामक एक छोटे उपकरण से स्कार को काटना और उसकी वजह से बने छिद्र पर टांके लगाना शामिल होता है, लेकिन यह सिर्फ अकेले आइस पिक स्कार्स पर ही काम करता है। अगर कई आइस

रेडियोफ्रीक्वेसी एनजी


पिक स्कार्स हों तो एक्ने स्कार उपचार डिवाइरों जिनमें रेडियोफ्रीक्वेसी एनजी का इस्तेमाल होता है तो ये अच्छा विकल्प साबित होता है। ये उपचार त्वचा के भीतर कोलेजन बनाने में मदद करते है। यह कोलेजन स्कार्सको भीतर से भरने में मदद करता है। लेजर, रेडियोफ्रीक्वेंसी या एक अल्ट्रासाउंड डिवाइस से ऊर्जा आधारित स्किन रिसफेसिंग ट्रीटमेंट काम में आ सकता है, क्योंकि ये सभी त्वचा के भीतर कोलेजन बनाने का काम करते हैं। दाग-धब्बे के विस्तार, रासायनिक पील्स के आधार पर उपचारों की श्रृंखला की जरूरत होती है, जो उसे फैलने से रोकने में मदद करते हैं। इनमें से किसी भी प्रक्रिया के बाद रेटीनॉयड क्रीम का इस्तेमाल करने से कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है और कोलेजन में भी इजाफा होता है।

फ्रैक्शनल नॉन एब्लेटिव लेजर


फ्रैक्शनल नॉन एब्लेटिव लेजर नई तकनीक है और पुरानी लेजर तकनीक के मुकाबले इसमें कम समय लगता है साथ ही इसके परिणाम भी अच्छे आते हैं। पुराने एब्लेटिव लेजर्स में त्वचा की बाहरी सतह नष्ट हो जाती है, जिसे ठीक होने में समय अधिक लगता है, लेकिन ये नॉन एब्लेटिव लेजर्स फ्रक्सेल की तरह होते हैं, जो त्वचा की बाहरी सतह से होकर गुजरता है और बिना नुकसान पहुँचाये गहरे टिश्यू को गरमाहट देता है और कोलेजन को रोलिंग स्कास को प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) के साथ  माइक्रोनीडिलिंग के बाद माइक्रोफैट इंजेक्शन के साथ ठीक किया जा सकता है, माइक्रोनीडिलिग से त्वचा पर छोटे धाव हो जाते हैं। इसके बाद शरीर की प्राकृतिक, नियत्रित सुधार प्रक्रिया शुरू होती है जिससे आतरिक तौर पर कोलेजन बनने शुरू हो जाते है। माइक्रोनीडिलिंग भी एक महत्वपूर्ण एक्ने स्कार उपचार है, क्योंकि यह त्वचा के भीतर चैनलों को खोलते हैं, जो पीआरपी सुधार करने वाले कारकों को आपके रक्त और त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों को त्वचा के भीतरी सतह तक पहुंचने का मौका देते हैं जहां इनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

हाइपरपिगमेंटेशन से एक्ने


स्कार्स का उपचार हाइड्रोक्विनोन और सनब्लॉक के साथ होता है।
हाइड्रोक्विनोन एक टॉपिकल ब्लीचिंग एजेंट होता है, जिसका इस्तेमाल आप सीधे गहरे धब्बे पर कर सकते हैं। सनब्लॉक महत्वपूर्ण है, क्योंकि सूरज की रोशनी में हाइपरपिगमेंटेशन खराब हो सकता है। अन्य लोकप्रिय उपचारों
में ग्लाइकोलिक एसिड क्रीम शामिल है,जो त्वचा पर गहरे धब्बों की बाहरी
सतह को खत्म करती है। कई बार कई प्रकार के उपचारों की जरूरत होती है और यह आपके शरीर की प्राकृतिक सुधार प्रक्रिया पर भी निर्भर करता है।

2021-03-30

rashes kaise thik kare | rashes ka ilaj in hindi | rashes ka gharelu ilaj | rashes home treatment

स्किन रैशेज की समस्या का घरेलु उपचार इलाज और जांघों Rashes को ठीक करने के उपाय या स्किन रैशेज ट्रीटमेंट इन हिंदी 


जांघो के बीच में होने वाले रैशेज गर्मी के मौसम की सबसे आम परेशानियो में से एक है। कैसे घरेलू उपायों की मदद से इस परेशानी से कैसे छुटकारा पाए।


गार्मियों का मौसम आया नहीं कि महिलाओं में त्वचा संबंधी सौ परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इन परेशानियों की एक प्रमुख वजह है, पसीना। परेशान करने वाली गर्मी के बीच शरीर से लगातार बहता पसीना चिपचिपा और बदबूदार तो होता ही है, साथ ही इससे कई तरहके  फंगल इंफेक्शन भी हो जाते हैं। खासतौर से महिलाओं की जांघों के बीच रैशेज होना गर्मी के मौसम की एक आम समस्या है। जिन महिलाओं या युवतियों की जांघे सामान्य से थोड़ी भारी होती हैं, उन्हें तो और ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे में रह-रहकर होने वाली खुजली से असहजता और बढ़ जाती है। बार-बार खुजाते रहने से त्वचा छिल जाती है और खरोंच के निशान तक पड़ जाते हैं, जो सूखने के बाद और ज्यादा दर्द पैदा करते हैं।कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि चलने और उठने-बैठने तक में बहुत दिक्कत होने लगती है।


क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डॉक्टरी भाषा में इसे टिनिया क्रूरिस के रूप में परिभाषित किया गया है, जो एक तरह की दाद या खुजली होती है। सामान्यतः महिलाओं की जांघों के साथ-साथ यह उनके प्रजनन अंगों तक भी फैल सकती है, जिसका समय रहते इलाज किया जाना बेहद जरूरी है। हालांकि इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिये, जो एंटी फंगल ट्रीटमेंट के तहत कुछेक क्रीम, पाउडर आदि से जल्दी ठीक भी हो जाता है। इसके अलावा आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी इस प्रकार के फंगल इंफेक्शन से छुटकारा पा सकती हैं।


नारियल तेल का कमाल

जब हम चलते हैं, तो हमारी जांघों की त्वचा आपस मेटकराती है और गर्मी में पसीने की चिपचिपाहट से या बेहद तंग कपड़े पहनने की वजह से उस जगह पर रैशेज पड़ने लगते हैं, जो बहुत पीड़ादायक होते हैं। प्रभावित हिस्से पर अगर नारियल का तेल या अन्य कोई भी सौम्य एवं ठंडा तेल लगाकर हल्के हाथ से मालिश की जाए तो रैशेज से राहत मिलती है। रात में सोने से पहले अगर यह मालिश की जाए तो ज्यादा लाभ मिलता है।


नमी रखे बरकरार वैसलीन


नारियल तेल के अलावा पेट्रोलियम जेली यानी वैसलीन को प्रभावित हिस्से पर लगाने से भी बहुत आराम मिलता है। वैसलीन भी तेल की तरह ही प्रभावित हिस्से की नमी को बरकरार रखती है और त्वचा को सूखने नहीं देती।

एलोवेरा का फायदा


सौंदर्य उत्पादों में एलोवेरा का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है, लेकिन त्वचा पर पड़ने वाले इस प्रकार के रैशेज में भी यह बहुत प्रभावी होता है। एलोवेरा जेल में ल्यूपियोल नामक फैटी एसिड होता है, जो रैशेज में होने वाले दर्द से राहत देने में सहायक होता है। इसे रात को सोने से पहले प्रभावित हिस्से में लगाने पर सुबह तक चमत्कारी रूप से आराम मिलता है।

साबुन भी बदलें

गर्मियों में बार-बार नहाने का दिल करता है और पसीने की बदबू से छुटकारा पाने के लिए बार-बार साबुन लगाने से त्वचा शुष्क हो जाती है। हमेशा सौम्य किस्म के साबुन का ही इस्तेमाल करे, जो त्वचा के पीएच बैलेंस को तो बनाए रखे ही, साथ ही हानिकारक बैक्टीरिया से भी सुरक्षा प्रदान करे। यदि ज्यादा पसीना आता है, तो दिन में दो बार माइल्ड साबुन से त्वचा को साफ करें और अच्छी तरह से पोंछ कर कपड़े पहनें।


पाउडर भी देता है फायदा


पसीने से पैदा होने वाली नमी से बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं, जिससे इंफेक्शन काखतरा और बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए प्रभावित हिस्सों पर अच्छी तरह टेलकम पाउडर लगाएं। पाउडर पसीने को सोख लेगा और आपको रैशेज भी नहीं होंगे। वैसे आजकल फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए मेडिकेटेड पाउडर भी बाजार में उपलब्ध हैं।


इन्हें भी आजमाएं


गर्मी का मौसम ज्यादा नमी वाला और उमस से भरा होता है, जिसमें पसीना लगातार आता रहता है। इससे बचने के लिए आप कुछ आसान टिप्स आजमा सकती हैं।

• जहां तक कोशिश हो ढीले, हल्के रंगों के सूती कपड़े ही पहनें ताकि पसीना आने पर वह जल्दी ही सूख जाए और

शरीर को हवा लगती रहे।

• लंबे समय तक टाइट फिटिंग जींस या इसी प्रकार की अन्य ड्रेसेज पहने रखने से खासतौर से जांघों को हवा

नहीं लग पाती और रैशेज हो जाते हैं।

• इसी प्रकार अगर शॉर्ट ड्रेस पहन रही हैं, तो उसके नीचे साइकिलिंग शॉर्ट्स जरूर पहनें।

• नहाने के बाद अपनी जांघों वाले हिस्से और उसकी आस-पास की जगह को अच्छी तरह से साफ करें।

• ध्यान रखें कि इस दौरान इस्तेमाल किया जाने वाला तौलिया एकदम साफ हो और उसे आपके अलावा कोई

और इस्तेमाल ना करता हो।

•  प्रभावित हिस्से के सूखने के बाद ही कोई तेल, क्रीम या कोई पाउडर लगाएं और फिर कपड़े पहनें।

• यह सही है कि दिन के समय में आप जांघों जैसे हिस्सों को बहुत ज्यादा खुला नहीं रख सकती है, लेकिन रात को

सोते समय जहां तक संभव हों, प्रभावित हिस्से में अच्छे से हवा लगने दें।

• अपने अंडरगार्मेंट्स अच्छी तरह से धोएं और उन्हें पूरी तरह से सूखने पर ही पहनें।

• प्रभावित हिस्सों पर अल्कोहल युक्त टोनर बिलकुल ना लगाएं।

• इस स्थिति में गुलाब जल ठंडक प्रदान करता है।

2021-03-14

holi hair care tips in hindi | holi skin and hair care in hindi | hair tips holi in hindi

holi skin and hair care tips in hindi

होली के रंग त्वचा से उसकी प्राकृतिक चमक छीन सकते है। इसलिये रंग लगाने से पहले और उसके बाद चेहरे का ख्याल रखना जरूरी है।




होली में रंगों के कारण हमारी त्वचा को भारी नुकसान

झेलना पड़ता है। चूंकि इन रंगों में कई रासायनिक तत्व

होते हैं, जो हमारी त्वचा में प्रवेश कर इसे नुकसान

पहुंचा सकते हैं। एस्टाबेरी बायोसाइंसेस के ब्यूटी

एक्सपर्ट अचल आर्य कहते हैं कि होली के बाद रूखी

और बेजान त्वचा को फिर से मुलायम और बेहतर

बनाने के लिए होली से पहले और उसके बाद कुछ

जरूरी बातों का ध्यान रखें।


होली से पहले


होली खेलने के लिए बाहर निकलने से पहले त्वचा पर

सनस्क्रीन, तेल और अन्य सौंदर्य उत्पादों का उपयोग

करके अपनी त्वचा को रंगों से बचाएं।


मॉइस्चराइजरः बाहर निकलने से पहले अपने शरीर


पर मॉइस्चराइजर या नारियल के तेल से अच्छे से

मालिश करें, ताकि यह त्वचा में अच्छे से समा जाए।

यह आपकी त्वचा और रंगों के बीच एक कवच की

तरह काम करेगा। साथ ही होली के बाद रंगों को त्वचा

से हटाना आसान हो जाएगा। सन टैन और जलन से

बचने के लिए, सनस्क्रीन क्रीम और लोशन का भी

उपयोग करें। ध्यान रखें कि यह कम से कम 30 या

उससे अधिक एसपीएफ का हो। हो सके तो सनस्क्रीन

को साथ रखें और हर 2-3 घंटे में इसे लगाते रहें।

नाखूनों को करें प्रेप : होली से पहले अपने नाखूनों


को जरूर काटें। क्योंकि यह वह जगह है जहां रंग जमा

हो सकते हैं और खाते समय आपके पाचन तंत्र में

प्रवेश कर सकते हैं। इस दौरान अपने नाखूनों को डार्क

नेल पॉलिश से पेंट करने से भी बचें। अपने नाखूनों पर



थोड़ा-सा जैतून का तेल मल लें, इससे रंग नाखून के

अंदर जमेंगे नहीं। कान, होंठ और आंखों पर भी ध्यान

दें। इन क्षेत्रों को अनदेखा न करें, क्योंकि रंग आंखों,

कानों और होंठों की दरार में काफी आसानी से समा

जाते हैं। इन जगहों पर पेट्रोलियम जेली को अच्छे से

लगाएं।


सिर्फ सूती कपड़े: होली के दौरान ऐसे कपड़े पहनें,

जो आपके शरीर के अधिकतम हिस्से को ढंके। आप

पूरी बाजू के कुर्ते, टी-शर्ट या टॉप, ट्राउजर, सलवार,

पूरी लंबाई के जॉगर्स आदि पहन सकती हैं। यह आपकी

त्वचा को रंगों के नुकसान के साथ धूप से भी बचाएगा।

होली के दौरान आरामदायक कपड़े पहनें, जो सूती हों।

इससे शरीर को सांस लेने में आसानी होगी। सिंथेटिक

और तंग कपड़ों के साथ आप रंगों के संपर्क में आती

हैं, तो रैशेज और एलर्जी हो सकती है।


होली के बाद


होली खेलने के बाद भी आपको अपनी त्वचा पर ध्यान

देना चाहिए। अगर आपने होली से पहले त्वचा का

ख्याल रखा है, तो त्वचा रंगों के दुष्प्रभाव से बची रहेगी,

लेकिन फिर भी होली के बाद भी त्वचा को अच्छे से

साफ करें।।


चेहरे से हटाएं रंग : रासायनों से भरे रंगों को त्वचा से

निकालना काफी मुश्किल होता है। इसलिए किसी भी

रंग को हटाने के लिए सबसे पहले क्लींजर से चेहरा

धो लें। गर्म या गुनगुने पानी के बजाय ठंडे पानी का

इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे रंग आसानी से छूटता है।

फोमिंग फेसवॉश का प्रयोग करें। इसके बाद नारियल

तेल में डूबी हुई एक रूई को अपने चेहरे पर लगाएं।

इसे 5 मिनट तक रहने दें और फिर फेसवॉश

का उपयोग करें। इसके बाद लोशन का इस्तेमाल

जरूर करें।


फेस मास्क : अपनी त्वचा पर फेसपैक लगाएं, यह

त्वचा को ताजगी देगा। दही और शहद का उपयोग

करके फेस पैक बनाएं और फिर इसे अपने चेहरे और

गर्दन पर हल्के हाथों से लगाएं। दही में ब्लीचिंग एजेंट

के गुण होते हैं और शहद में जीवाणुरोधी गुण होने के

कारण यह त्वचा को अंदर से साफ करेगा। एक सूती

कपड़े में कुछ क्यूब्स लपेटें और फिर इसे धीरे से अपने

चेहरे और गर्दन पर रगड़ें। आइस क्यूब्स आपके चहरे

की खोई चमक वापस लाता है।


क्लीनिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग : होली के

बाद भी आपकी त्वचा पर रंग रह गया है, तो चहरे की

क्लीनिंग, टोनिंग और मॉइस्चराइजिंग करें। चहरे से

गंदगी निकालने के लिए स्क्रब का उपयोग करें। आप

बाजार से या घर पर खुद प्राकृतिक स्क्रब बना सकती

हैं। स्क्रब के बाद आपनी त्वचा पर मॉइस्चराइजिंग

लोशन जरूर लगाएं। सप्ताह में एक बार इसका उपयोग

जरूर करें।

2020-10-28

Garmi Me Twacha Ki Dekhbhal Kaise Kare | Garmi Me Skin Care Kaise Kare Hindi Mein

garmi me skin Care (tavcha Ka khyal) kaise rakhe tips


यदि आप कुछ जरूरी बातों का ख्याल रखें, तो अपनी त्वचा को गर्मी के मौसम में भी सुरक्षित और स्वस्थ रख सकती हैं।



आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी 'पित्त दोष' का मौसम होता है, जिसका संबंध अग्नि तत्व से होता है। यह मेटाबॉलिज्म (चयापचय) और शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें पाचन भी शामिल है। इसके अलावा कुछ और भी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जो पित्त दोष से जुड़ी होती हैं, जैसे- सीने में जलन, शरीर का अत्यधिक तापमान और पसीना, त्वचा पर चकत्ते, घमौरियां, एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, चिड़चिड़ापन, रूखे बाल आदि। इन दिनों अत्यधिक एसिडिटी और अपच के कारण त्वचा का पीएच स्तर कम हो जाता है, जो त्वचा में एलर्जी का कारण बनता है। इससे टैनिंग और चेहरे की चमक में कमी आ जाती है। हालांकि इस समस्या का निदान आपके किचन में ही मौजूद है।


त्वचा की डिटॉक्सिफाई


गर्मी में नींबू पानी बहुत ही फायदेमंद होता है। इसकी मदद से हमारे शरीर में विटामिन-सी पहुंचता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को ठीक रखकर हमें सेहतमंद बनाए रखता है। यही नहीं, नींबू फ्री रेडिकल्स की समस्या से भी लड़ता है। हर दिन इसका सेवन करने से त्वचा चमकदार बनती है। साथ ही यह डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है। यह नेचुरल ब्लीचिंग का काम करता है, जिससे कि त्वचा का रंग हल्का होता है। लेकिन नींबू लगाने के बाद धूप में घर से बाहर न निकलें, क्योंकि इससे जलन की समस्या हो

सकती है। 


नमी के वास्ते एलोवेरा


यदि आपकी त्वचा धूप की वजह से बेजान हो गई है, तो

एलोविरा आपकी त्वचा को जितनी जल्दी हो सके उतनी

जल्दी ठीक कर देता है। इसके जेल को लगाने से त्वचा

को ठंडक महसूस होती है। साथ ही यह कई प्रकार के

बैक्टीरिया, फफूंद और वायरस को भी यह मारता है।

एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है,

जिससे त्वचा स्वस्थ दिखाई देती है। इसलिए इन दिनों

आप एलोवेरा का सेवन कर सकती हैं।



टैनिंग दूर करने के लिए दही



कैल्शियम और मैग्नीशियम तत्वों से भरपूर दही सिर्फ

हमारी हड्डियों को ही मजबूत नहीं करता, बल्कि त्वचा

में निखार भी लाता है। धूप की वजह से अगर त्वचा

झुलस गई हो, तो चेहरे पर सिर्फ दही भी लगा सकती हैं।

इसे बेसन में मिलाकर लगाने से त्वचा निखरती है।


गर्मियों में नीम


तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से इन दिनों त्वचा संबंधी समस्याओं में सबसे आम है एलर्जी। ऐसे मौसम में नीम आपको राहत दे सकता है। नीम के औषधीय गुण नीम की तासीर ठंडी होती है। इसीलिए गर्मी में इसकी

पत्तियों का सेवन शरीर के लिए विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। इसका जलनरोधी, फंगस रोधी,जीवाणुरोधी गुण, न केवल आपकी सेहत को लाभ

पहुंचाता है, बल्कि सौंदर्य संबंधी कई परेशानियों को भी

दूर करता है। नीम में विटामिन-सी होता है, जो त्वचा

संबंधी समस्याओं जैसे ब्लैकहेड्स, पिग्मेंटेशन, निस्तेज

और बढ़ती उम्र के असर को दूर करने में मदद करता है।

इससे त्वचा पर निखार आता है।




त्वचा की खास थेरेपी



त्वचा की टैनिंग दूर करने के लिए आप आधा चम्मच

समुद्री नमक, आधा चम्मच ब्राउन शुगर, एक बड़ा

चम्मच शिया और कोको बटर को एक साथ मिलाएं।

इसमें 10 बूंद नींबू का रस और कुछ बूंदें नेरोली ऑयल

की डालें। फिर इसे बॉडी और चेहरे पर लगाएं। हल्के

हाथों से 5-10 मिनट के लिए इसे रगड़ें और पांच मिनट

के लिए छोड़ दें। चेहरे को धोने के बाद 10-20

एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं। हर हफ्ते इस उपाय को

करें। फिर देखें, जादुई असर।

गर्मियों में बालों की देखभाल भी जरूरी है। बालों के

रूखेपन को दूर करने के लिए रोजमेरी ऑयल की मदद

ले सकती हैं। रोजमेरी ऑयल, बेजिल ऑयल, टी ट्री

ऑयल, पचौली तेल की एक-एक बूंद लें। फिर इसे एक

चम्मच बादाम या शुद्ध जैतून के तेल में मिलाएं। हर दूसरी

रात में सिर पर हल्की अंगुलियों से 10-15 मिनट के लिए

मसाज करें। अगले दिन शैंपू से बालों को धो लें। ऑयली

बालों के लिए लेवेंडर और रूखे बालों के लिए जोजोबा

शैंपू लें। इसके बाद 5.5 पीएच वाला हेयर कंडीशनर या

फिर स्पा क्रीम बालों में लगाएं। फिर 5-10 मिनट बाद

बालों को धो लें। त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए दिन भर

भरपूर पानी पिएं। सादा पानी पीना उबाऊ हो सकता है,

इसलिए इसमें स्वाद या खुशबू के लिए नींबू और संतरा

डाल सकती हैं। इसके अलावा फलों का रस, आसानी से

पचने वाले सलाद और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों

का सेवन करें, इससे त्वचा की खोई चमक वापस आ

सकती है। ऐसे फल खाएं, जिनमें पानी की मात्रा उच्च हो,

जैसे तरबूज, खीरा, संतरा आदि। ऑयली खाना, जंक

फूड, खासकर कोल्ड ड्रिंक्स, फ्रिज में रखा पानी और

बहुत ज्यादा मीठा बिल्कुल न खाएं।



2020-10-27

Pasina Dur Karne Ke Upay | Pasina Kam Karne Ke Upay

 Pasina Rokane Ka Gharelu Upay Or Ilaj


पसीने से हमारी त्वचा चिपचिपी हो जाती है, जिसके कारण पोर्स बंद हो जाते है और त्वचा में मुहासे, खुजली और फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं होने लगती है।



गर्मी के मौसम में पसीना आना आम बात है और अगर पसीने को साफ नहीं किया गया, तो इससे रैशेज और दुर्गध के साथ कीटाणुओं का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर को साफ और सुरक्षित रखने के लिए इस मौसम में त्वचा का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। पसीने से हमारी त्वचा चिपचिपी हो जाती है, जिसके कारण हमारे पोर्स जो हमारी त्वचा के जरिये हमारे शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालते हैं, वह बंद हो जाते हैं। इसी कारण त्वचा में मुंहासे, खुजली और फोड़े-फुसी जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

गर्मी में सैलिसिलिक एसिड युक्त फेसवॉश त्वचा के पोर्स को खोलकर आपके त्वचा को पूरा दिन तेल रहित रखने में मदद करता है और इससे त्वचा चमकदार दिखने लगती है। लेकिन ध्यान रहे, इसका इस्तेमाल एक दिन में एक या दो बार ही करना चाहिए। इस मौसम में अपनी त्वचा को दिनभर ताजा और ऑयल फ्री रखने के लिए मिनरल वॉटर मिस्ट का इस्तेमाल करें। ये न केवल चेहरे की चमक वापस लाते हैं, साथ ही त्वचा की नमी बरकार रखते हैं। ये आपकी त्वचा को पुनर्जीवित करता है और आपके रोम छिद्रों को बढ़ने से रोकता भी है। त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाना बहुत जरूरी होता है। इसलिए गर्मी में पसीने से बचने के लिए आप वॉटर बेस मॉइस्चराइजर लगाएं, जो आपको हाइड्रेट करते समय त्वचा की नमी के स्तर को भी बनाए रखता है। गर्मी में बहुत ज्यादा उमस के कारण भारी मेकअप लगाने से आपके चेहरे पर पसीना आने लगता है। इसलिए अपने मेकअप को खराब होने से बचाने के लिए आपको मेकअप से पहले प्राइमर का उपयोग करना चाहिए। यह त्वचा के छिद्रो में नमी को रोककर

उसको चिकना होने से रोकता है।


कई बार तनाव, लो ब्लड प्रेशर या हाइपरहाइड्रोसिस के कारण हाथों में बहुत पसीना आने लगता है। पसीना इतना ज्यादा होता है कि दूसरों के सामने आप खुद असहज हो जाते हैं। अगर आप भी इस समस्या से परेशान रहती हैं, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए अगर हथेलियों में हल्का पसीना आता है तो पसीने वाली जगह पर आप टैल्कम पाउडर लगाएं, जो कि नमी को सोख लेता है।


गर्म पानी में थोड़ा-सा बेकिंग सोडा मिलाकर उसमें अपने हाथों को डुबोएं। ऐसा केवल कुछ मिनट के लिए करें और फिर देखें कि इस घोल से हाथ निकालने के बाद आपको कई घंटो तक हाथों में पसीना नहीं आएगा।

इसके अलावा एक बाउल में पानी डालकर उसमें 4-5 टी बैग डालिए और अपनी हथेलियों को भिगो दीजिए। यह प्राकृतिक रूप से आपके हाथों का पसीना कंट्रोल करेगी।

पैरों के तलवे में पसीने को आने से रोका जा सकता है। इस समस्या का कोई स्थायी उपचार नहीं है, लेकिन कुछ हद तक पसीने को दूर किया जा सकता है। पांव से सख्त हो चुकी मृत त्वचा को रगड़कर निकाल देना चाहिए। ज्यादा पसीना आने से मृत त्वचा में बैक्टीरिया पैदा हो सकता है, इसलिए हर रोज नहाते वक्त प्यूमिक स्टोन से एडियों और पांव को साफ करें। पांव को साफ रखें, जब भी बाहर से घर पर आएं, तो एक अच्छे एंटी बैक्टीरियल साबुन से पैरों को धोएं।



सावधानियां बरतें


1. नहाने के पानी में चुटकी भर बेकिंग सोडा मिलाकर

नहाने से गर्मियों में स्किन पर एलर्जी नहीं होती है।


2. गर्मी के मौसम में सूती रुमाल अपने साथ रखें, ताकि

पसीना साफ करते समय त्वचा पर रैशेज न आए,

खुजली की वजह से रैशेज पर फंगस हो सकता है।


3 -अपने साथ एक अल्कोहल युक्त एंटीबैक्टीरियल हैंड

सैनिटाइजर रखें।


4 - चाय या कॉफी छोड़कर ग्रीन टी का इस्तेमाल करें।

ग्रीन टी पीने से पसीने आने की शिकायत न के बराबर ही हो जाती है।


5 - सूती मोजे ही पहने और उन्हें हर दूसरे दिन धोएं। साथ ही हर दूसरे दिन अपने जूतों को भी बदलें। अपने

पहने जा चुके जूतों को सूरज की धूप में कुछ घंटे

जरूर रखें, जिससे उसमें पनप रहे बैक्टीरिया खत्म

हो सके। पसीने से बचने के लिए सैंडल पहनें।


6 - लाइट कॉटन पहनें, आप जो कपड़े पहनते हैं, कभी-

कभी वह भी आपको पसीना दे सकते हैं। इसलिए

कोशिश करें कि लाइट फैब्रिक जैसे कॉटन आदि ही

पहने। यह नमी को सोख लेता है।


7 - अधिक मात्रा में पानी और जूस पीने से शरीर में गंध

कम होती है। सुबह खाली पेट एक गिलास पानी

500 मिलीग्राम व्हीट ग्रास को पीएं। इसमें उपस्थित

क्लोरोफिल की मात्रा शरीर की गंध को कम करती है।


पांव से सख्त हो चुकी मृत त्वचा को रगड़कर निकाल देना चाहिए। ज्यादा पसीना आने से मृत त्वचा में बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं।