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2022-04-06

सैटेलाइट इंटरनेट- satellite internet kya hai

satellite internet


सेटेलाइट किसे कहते हैं?

आज इंटरनेट लोगों केलिए लाइफलाइन की तरह है,पर अभी भीबहुत से ऐसे क्षेत्र हैं,जहां इंटरनेट की पहुंच नहीं है या है भी तो उसकी स्पीड अच्छी नहीं होती। अब तक जहां आप्टिकल फाइबर नहीं पहुंचा है, वहां सैटेलाइट इंटरनेट उपयोगी हो सकता है। आने वाले दिनों में एलनमस्क का स्टार लिंक सैटेलाइट इंटरनेट भी भारत आ सकता है।जानें सैटेलाइट से कैसे मिलता है इंटरनेट........


इन दिनों सैटेलाइट इंटरनेट को खासी चर्चा है। दूरदराज के ऐसे क्षेत्र जहां अब तक इंटरनेट नहीं पहुंचा है या फिर जहां लोगों को अभी भी हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल रही है, वहां पर सैटेलाइट इंटरनेट उपयोगी हो सकता है। लाकडाउन के दौरान जब आनलाइन क्लासेज शुरू हुई, तो इस तरह की बहुत-सी खबरें देखी-सुनी गईं, जहां बच्चों को इंटरनेट एक्सेस के लिए ऊंचे स्थान पर जाना पड़ रहा था या फिर वे इंटरनेट की सुविधा न होने की वजह से क्लासेज लेने से वंचित रह गए। अब ऐसी जगहों पर रहने वाले लोग भी हाई स्पीड इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे, क्योंकि स्पेसएक्स के फाउंडर एलन मस्क ने कहा है कि स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट जल्द भारत आ सकता है। इसके लिए नियामक से अनुमति लेने की प्रक्रिया चल रही है। केवल मस्क ही नहीं, बल्कि अमेजन जैसे कई अन्य दिग्गज भी भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लाने के लिए नियामक के साथ बातचीत कर रहे हैं।
    आपको बता दें कि स्टारलिंक प्रोग्राम की शुरुआत स्पेसएक्स द्वारा की गई है, जिसमें सैटेलाइट के एक समूह का उपयोग करके इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान की जाती है। यह वर्तमान में आस्ट्रेलिया, कनाडा, चिली, पुर्तगाल, ब्रिटेन, अमेरिका सहित 14 देशों में उपलब्ध है।

क्या है स्टारलिंक: 

स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट है, जिसका लक्ष्य उन क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना है,
जहां अभी भी कनेक्टिविटी एक बड़ी
चुनौती बनी हुई है। स्टारलिंक जैसे
सैटेलाइट इंटरनेट के लिए पारंपरिक
ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती
है। यह वायर से नहीं, बल्कि लेजर बीम
का इस्तेमाल कर डाटा ट्रांसफर करता है।
स्टारलिंक की आफिशियल वेबसाइट के
अनुसार 99 डालर यानी करीब 7,200
रुपये में इसकी प्री-बुकिंग शुरू हो चुकी है।
ध्यान रखें कि यह दर सिर्फ बीटा कस्टमर
के लिए है। जब यह सेवा आम लोगों के
लिए उपलब्ध होगी, तो कीमतों में कमी या
बढ़ोत्तरी भी हो सकती है।
कैसे काम करता है: स्टारलिंक उपग्रह
आधारित इंटरनेट सेवा है, जो आपके
घरों तक सिग्नल भेजने के लिए उपग्रह
का उपयोग करता है। इसके लिए लोअर
आर्बिट सैटेलाइट का इस्तेमाल किया
जाता है। लोअर आर्बिट सैटेलाइट की
वजह से लेटेंसी दर काफी कम हो जाती
है। लेटेंसी दर का मतलब उस समय से
होता है, जो डाटा को एक प्वाइंट से दूसरे
तक पहुंचाने में लगता है। लो लेटेंसी की
वजह से आनलाइन बफरिंग, गेमिंग और
वीडियो कालिंग की क्वालिटी बेहतर
हो जाती है। दिलचस्प बात यह है कि
स्टारलिंक की कार्यप्रणाली काफी हद
तक डिश टीवी सर्विस की तरह ही है।
स्टारलिंक को इंस्टाल करने के लिए यूजर
द्वारा एक डिश का इस्तेमाल किया जाता
है, जो एक मिनी सैटेलाइट से सिग्नल
प्राप्त करता है। जून 2021 तक सक्रिय
स्टारलिंक सैटेलाइट की संख्या 1,500 से
अधिक थी, जिससे पृथ्वी के चारों ओर
सबसे बड़ा उपग्रह तारामंडल बन गया है।

पारंपरिक इंटरनेट से कैसे है अलग: हमारे
घरों, आफिस आदि में लगी पारंपरिक
इंटरनेट सेवाओं से यह अलग है। भारत में
अधिकतर इंटरनेट यूजर्स फाइबर आधारित

प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं, जो सैटेलाइट
इंटरनेट की तुलना में हाई स्पीड इंटरनेट
की सुविधा देती है। हालांकि जो चीज
स्टारलिंक की इंटरनेट सेवाओं को एक
बढ़त देती है, वह यह है कि इसके लिए
किसी वायर्ड कनेक्शन की आवश्यकता
नहीं होती है। साथ ही, इसे दुनियाभर में
कहीं से भी आसानी से एक्सेस किया
जा सकता है। फिलहाल स्टारलिंक की
इंटरनेट स्पीड 50 एमबीपीएस से 150
एमबीपीएस के बीच है। कंपनी का लक्ष्य
इसे 300 एमबीपीएस तक पहुंचाना है।



क्या है सेटेलाईट इंटर नेट के फायदे व नुकसान

फायदे

  • सैटेलाइटइंटरनेट को कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है।
  • आमतौरपरजो वादे किए जाते हैं,कईबार स्पीड उससे अधिक तेज होती है।
  • दूरदराज के क्षेत्रों और आपदा में उपयोगी।
  • आपदा की स्थिति में आसानी से रिकवर किया जा सकता है।

नुकसान

  • फिलहाल लेटेंसी की समस्या ।
  • इसके लिए आसमान का साफ होना जरूरी।
  • भारी बारिशया तेज हवा कनेक्शन को बाधित कर सकती है, जिससे इंटरनेट की स्पीड प्रभावित हो सकती है।
  • वीपीएन का सपोर्ट नहीं मिलेगा।

2021-05-06

fb account verify kaise kare | instagram account verify kaise kare | facebook account verify kaise kare | blue tick instagram and facebook

ब्लू टिक(मार्क) मतलब

instagram par verify account kaise banaye ya blue tick instagram and facebook ko verify kaise kare?



इंटरनेट मीडिया सोशल मीडिया


दुनियाभर में इंटरनेट मीडियापरकरीब 3.6 अरबलोगों की भीड़ में

खुदको अलग औरवास्तविकसाबित करना चाहते हैं, तो ब्लू टिक'

या 'बैज' इसमें आपकी मदद करसकता है। ट्विटरपर'ब्लूबैज'

की प्रक्रिया फिरसे शुरूहोरही है। आइए,जानते हैं अलग-अलग

प्लेटफॉर्मपरब्लूबैजहासिल करने का क्या है तरीका...


इंटरनेट मीडिया पर बहुत सारे प्रोफाइल्स

के बगल में आप ब्लू टिक देखते होंगे।



आपको भी लगता होगा काश हमारे

एकाउंट के साथ भी यह ब्लू टिक होता। ब्लू टिक का

मतलब होता है कि वह एकाउंट न सिर्फ वेरिफाइड है,

बल्कि संबंधित व्यक्ति एक मशहूर पर्सनैलिटी भी है।

इंटरनेट मीडिया पर चाहे आपका व्यक्तिगत

। एकाउंट

हो या फिर बिजनेस, प्रोफाइल नेम के बगल में ब्लू

टिक या बैज भीड़ में आपको अलग दिखाता है।

टिक इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह

विश्वसनीयता प्रदान करता है। हालांकि इंटरनेट

मीडिया पर एकाउंट का वेरिफाइड होना किसी

चुनौती से कम नहीं है। इसमें कुछ समय भी लग

सकता है। साथ ही, इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं

से गुजरना पड़ता है।


ट्विटर एकाउंट


ट्विटर 'ब्लू बैज' के लिए

वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को फिर

से शुरू कर रहा है। ट्विटर ने 22

जनवरी से इनएक्टिव एकाउंट

को डी-बैज करना शुरू कर दिया है। इसके

बाद जल्द ही नये एकाउंट्स के लिए वेरिफिकेशन

की प्रक्रिया को शुरू करेगा। आपको बता दें कि

ट्विटर ने ब्लू बैज की प्रक्रिया को नवंबर 2017

के बाद होल्ड कर दिया गया था, जिसे

अब फिर से शुरू किया जा रहा है। इस

संबंध में ट्विटर का कहना है कि वह

वेरिफिकेशन प्रोसेस के लिए सेल्फ-सर्व

पोर्टल को फिर से लॉन्च करेगा।

किसे मिल सकता है ब्लू बैज: दिवटर

के अनुसार, वेरिफिकेशन किए

जाने वाले एकाउंट खास और

सक्रिय होने चाहिए। यहां छह तरह

के खास एकाउंट्स हैं यानी इनसे

संबंधित लोग ब्लू बैज हासिल कर

सकते हैं: 


● सरकार से जुड़े लोग

● कंपनियां, ब्रांड्स और नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन

● न्यूज ऑर्गेनाइजेशन और जर्नलिस्ट

● मनोरंजन

● स्पोर्ट्स और इंस्पोर्ट्स

● एक्टिविस्ट, ऑर्गेनाइजर और अन्य प्रभावशाली व्यक्ति


हालांकि ट्विटर का कहना है कि अन्य श्रेणियों

को जोड़ने से संबंधित सुझाव भी मिले हैं, जिनमें

शिक्षाविद, वैज्ञानिक, संत/आध्यात्मिक नेता आदि

शामिल हैं। कंपनी इन श्रेणियों को जोड़ने की योजना

पर कार्य कर रही है। लेकिन तब तक यदि आप इनमें

से किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो आप एक्टिविस्ट,

ऑर्गेनाइजर और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के तहत

खुद को जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं।


छिन भी सकता है ब्लू बैजः यदि कोई यूजर अपना

एकाउंट नेम बदल लेता है या उनका एकाउंट

इनएक्टिव और अधूरा रहता है या फिर कोई यूजर बैज

हासिल करने के दौरान किसी पद पर था, लेकिन अब

उस पर नहीं है, तो ऐसी स्थिति में वह अपना ब्लू बैज

खो सकता है। इसके अलावा, एकाउंट वेरिफिकेशन के

लिए यदि कोई ट्विटर के मानदंडों को पूरा नहीं करता

है, तब भी वह अपना ब्लू बैज खो सकता है। ट्विटर

का कहना है कि वह अपनी सेवा-शों के अनुसार

किसी भी समय और बिना नोटिस के ब्लू वेरिफाइड

बैज को एकाउंट से हटा सकता है।

ऐसे कर सकते हैं आवेदनः वेरिफिकेशन की प्रक्रिया

शुरू होने के बाद दिवटर की नई सेल्फ-सगिन

एप्लीकेशन प्रक्रिया वेब और एप दोनों पर उपलब्ध



अगरबैज हासिल करना है


● सुनिश्चित करें कि आपका

प्रोफाइल यूनीक हो।एकाउंट

मे आपकी प्रोफाइल तस्वीर,

दिलचस्प बायो और आपकी कम

से कम एक पोस्टजरूरहो।


● आपकाएकाउंटपब्लिकहोना चाहिए।एकाउंटरियल

पर्सन, ऑर्गेनाइजेशनया फिरब्रांडकाहोनाजरूरीहै।


● वेरिफिकेशन के लिए जरूरी नहीं है कि इतनेफॉलोअर्स

होनेही चाहिए। इसके लिए ब्रांडया फिरप्रसिद्धहोना

जरूरीहैया फिरऐसाजो वास्तव में ऑनलाइन सर्च किया

जाताहो।


● यहसुनिश्चित करना होगा कि आप संबंधितप्लेटफॉर्मपर

नियमों का बार-बारउल्लंघनन करतेहों।

कोई कंपनी यूजरको वेरिफाईकरने के लिए पैसे कीमांग

नहीं करती है।




होगी। यूजर यहां पर ब्लू बैज के लिए अप्लाई कर

सकते हैं। उन्हें वेरिफिकेशन स्टेटस के लिए किसी

एक श्रेणी का चयन करना होगा। ब्लू टिक पाने के

लिए यूजर को लिंक्स के साथ सपोर्टिंग मैटीरियल

की जरूरत पड़ेगी। यूजर को बताना होगा कि उन्हें

ब्लू टिक या बैज क्यों दिया जाए। एप्लीकेशन का

ऑटोमेटेड और मैनुअल रिव्यू किया जाएगा। ट्विटर

का कहना है कि वेरिफाइड होने के लिए एकाउंट का

उल्लेखनीय होना जरूरी है। यदि आप एक सामान्य

नागरिक हैं, तो यहां ब्लू बैज हासिल करना मुश्किल

होगा। यदि आपके पास फॉलोअर की बड़ी संख्या है,

तो फिर ब्लू बैज मिलने की संभावना बन सकती है।


फेसबुक एकाउंट



ट्विटर ही नहीं, बल्कि फेसबुक

पर भी ब्लू टिक यानी बैज हासिल

किया जा सकता है, लेकिन यहां पर

बैज को हासिल करने के लिए कुछ

मानदंडों का पालन सुनिश्चित करना होगा। बैज को

हासिल करने से पहले फेसबुक यह देखेगा कि आप

वेरिफिकेशन के उसके मानदंडों को पूरा करते हैं या


नहीं। ऐसी चार चीजें हैं, जिन्हें फेसबुक देखता है :

एकाउंट की प्रामाणिकता : फेसबुक यह देखता है कि

वास्तविक या फिर व्यावसायिक नाम का उपयोग कर

रहे हैं या नहीं।

एकाउंट की विशिष्टता: आपका एकाउंट दिलचस्प और

खास होना चाहिए (पर कैट मेम्स या फनी फोटोज

आदि नहीं होने चाहिए)।

कंप्लीट सेटअप : फेसबुक एकाउंट फनी या फिर फैसी

नहीं होना चाहिए। एकाउंट एक्टिव होने के साथ

प्रोफाइल फोटो, एबाउट सेक्शन कंप्लीट होने के साथ-

साथ कम से कम एक पोस्ट जरूर होनी चाहिए।

उल्लेखनीय एकाउंट: बैज वेरिफिकेशन के लिए

आपको भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन

बैज के लिए यह देखा जाता है कि वास्तविक लोग

आपको ऑनलाइन सर्च कर सकें।

वेरिफिकेशन बैज के लिए अनुरोधः फेसबुक पर

वेरिफेकशन बैज के लिए आपको 'कॉन्टैक्ट फॉर्म'

भरना होगा। यदि पर्सनल एकाउंट को वेरिफाई करना

चाहते हैं, तो आपको सरकार द्वारा जारी एक आइडी

जमा करनी होगी। इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस,

पासपोर्ट, वोटर कार्ड आदि का उपयोग कर सकते हैं।




अगर बिजनेस एकाउंट का वेरिफिकेशन कर रहे हैं,

तो फिर टैक्स इग्जेम्प्शन डॉक्यूमेंट, यूटिलिटी व फोन

बिल आदि के जरूरत भी पड़ेगी। एकाउंट के लिए

वेरिफिकेशन बैज क्यों मिलना चाहिए, इससे संबंधित

लिखित विवरण भी देना होगा। यदि कॉन्टैक्ट फॉर्म

को सबमिट कर देते हैं, तो फिर वेरिफिकेशन में यदि

रिक्वेस्ट को अस्वीकार कर दिया जाता है, तो 30 दिनों

के बाद फिर से आवेदन कर सकते हैं।


इंस्टाग्राम एकाउंट


इंस्टाग्राम पर भी वेरिफाइड एकाउंट

की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर

आप भी अपने इंस्टाग्राम एकाउंट

को वेरिफाई कराना चाहते हैं, तो

इसका तरीका भी फेसबुक की तरह ही है। यहां पर

वेरिफिकेशन बैज के लिए ऐसे शुरुआत कर सकते हैं:


● जिस इंस्टाग्राम एकाउंट को वेरिफाई करना चाहते

हैं, उस एकाउंट में पहले लॉगइन करें।


● अपनी प्रोफाइल पर जाएं और स्क्रीन के दाहिनी

तरफ मेन्यू बटन वाले विकल्प पर टैप करें।


● इसके बाद सेटिंग्स पर क्लिक करें, फिर एकाउंट

में जाएं। यहां पर आपको रिक्वेस्ट वेरिफिकेशन का

विकल्प दिखाई देगा।


● इसके बाद दिशा-निर्देशों को पढ़ते हुए मांगी गई

जानकारी भरें। आपको सरकार द्वारा जारी कोई आइडी

भी अपलोड करनी पड़ेगी।


● सबमिट करने के बाद अपने वेरिफिकेशन बैज की

प्रतीक्षा करें। यदि आपका अनुरोध स्वीकार नहीं किया

जाता है, तो फेसबुक की तरह यहां भी 30 दिनों के

बाद वेरिफिकेशन बैज के लिए फिर से आवेदन कर

सकते हैं।



2017-01-21

Nokia 6 Ke Bare Me Jankari | nokia 6 Price | Display | Specifications | Features Ke Bare Me Jankari


Nokia 6 Ke Bare Me Janakari Specifications, Features, Comparison Ke Bare Me Jankari


Nokia-6 दमदार रैम, जबरदस्‍त अंदाज

4जीबी रैम 64 जीबी मेमोरी वाले स्‍मार्टफोन के साथ नोकिया कंपनी ने एक बार फिर वापसी की है

मोबाइल  रिव्‍यू

मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया ने ‘नोकिया-6’ स्‍मार्टफोन से वापसी की है
इसकी कीमत 16,749 रूपये रखी है शानदार लुक्‍स वाला नोकिया का यह फोन गूगल के एंड्रॉयड प्‍लेटफॉर्म पर चलेगा इस फोन में 5.5 इंच की डिस्‍प्‍ले स्‍क्रिन मिलेगी इसके अलावा इसमें 4 जीबी रैम और 64 जीबी इनबिल्‍ट मेमोरी दी गई माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए मेमोरी को 128 जीबी तक बढाया भी जा सकता है 3000 एमएएच बैटरी वाले इस फोन में यूजर्स को 16 मेगापिक्‍सल का रियल और आठ का फ्रंट कैमरा मिलेगा यह फोन एंड्रायड 7.0 पर चलेगा इस स्‍मार्टफोन में क्‍वालकैम स्‍नैपड्रैगन 430 प्रोसेसर का इस्‍तेमाल किया गया है फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आने वाले नोकिया-6 फोन में साउंड का भी काफी ध्‍यान रखा गया है कंपनी ने इसमें डॉल्‍बी एट्म्‍स तकनीक का प्रयोग किया है
खूबियां
 माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए मेमोरी को 128 जीबी तक बाढाया भी जा सकता है
 नोकिया ने अपने नए स्‍मार्टफोन में डॉल्‍बी एट्म्‍स तकनीक का प्रयोग किया है