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वैक्सीन लेने में भ्रम नही करें
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहरकेबाद से वैक्सीनेशन में बहुत तेजी आई है,लेकिन अभी भी काफी लोगों में
वैक्सीन को लेकर भ्रम,भय और ढेरों सवाल हैं। सच यही है कि वैक्सीन लगवाने से आपको कोरोना संक्रमण के खिलाफ रोगप्रतिरोधक क्षमता का सुरक्षा कवव मिलेगा और संक्रमण के प्रसार को रोकने में आप बनेंगे मददगार...
कोरोना की दूसरी लहर का कहर
पूरे देश ने देखा, जिससे एक बात स्पष्ट हो गई कि संक्रमण से बचने का एक ही उपाय है और वह है ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन। हालांकि अभी भी तमाम लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर भ्रम की स्थिति है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वैक्सीन ली जाए या नहीं। किसी न किसी रूप में अफवाह और गलत धारणा के चलते तमाम लोग (खासकर ग्रामीण इलाकों में) वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं। जबकि वैक्सीन को लेकर इस तरह के सारे भ्रम निराधार हैं। कोविड-19 वैक्सीन की पूरी खुराक लेने के बाद शरीर में कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। जो कोरोना की गंभीर बीमारी और उससे मौत का खतरा काफी हद तक कम कर देती है। हम स्वयं को सुरक्षित कर सकें, इस बीमारी को परिवार के सदस्य, मित्र, संबंधी और सहकर्मियों सहित करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों में फैलने से रोक सकें, इसके लिए वैक्सीन लेना बेहद जरूरी है।
पूरी तरह निराधार धारणाः
टीका लगवाने से होने वाले दुष्प्रभाव का कोई भी संबंध टीके से बनने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता से नहीं है। ऐसे लोगों की संख्या भी नहीं है, जिन्होंने यह भ्रम पाल रखा है कि टीका लगर्ने के बाद बुखार आने पर ही शरीर में कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। यह बात पूरी तरह से निराधार है। अब तक किए गए किसी भी अध्ययन में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
कोरांना वैक्सीन का हल्का व गंभीर प्रभाव: कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को दो भागों में बांटा गया है, हल्का और गंभीर हल्के प्रभाव में वैक्सीन लगने के बाद वैक्सीन वाली जगह पर दर्द, सूजन या लाल पड़ जाना, बुखार आना, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होना शामिल है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इन हल्के लक्षणों से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा असर नहीं पड़ता और जल्द ही ये परेशानी दूर भी हो जाती है। टीकाकरण के बाद यह सब होना सामान्य बाद है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि ये लक्षण दो दिन से ज्यादा रहते हैं तो आप तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
इसी तरह गंभीर प्रभाव में पूरे शरीर पर चकत्ते (लाल-लाल दाने या उभार) हो सकते हैं, खुजली हो सकती है, सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी भी आ सकती है। ये गंभीर प्रभाव टीका लगने के 30 मिनट के भीतर ही दिखने लगते हैं। यदि आप इन 30 मिनट तक पूरी तरह स्वस्थ हैं तो इससे कोई भी गम्भीर प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
इन्हीं प्रभावों को देखते हुए वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को करीब आधे घंटे तक टीकाकरण केंद्र में ही रुकना जरूरी होता है। जिससे अगर टीके के बाद एलर्जी का कोई लक्षण दिखाई देता है या तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा सके या वहीं आवश्यक उपचार दिया जा सके। एक और सावधानी यह कि अगर आपको किसी दवा, वैक्सीन या खाने की चीज से एलर्जी है तो इसकी सूचना टीकाकरण अधिकारी को अवश्य दें।
दो से तीन सप्ताह में बनती है एंटीबाडी:
कोरांना वैक्सीन का हल्का व गंभीर प्रभाव: कोरोना वैक्सीन के प्रभाव को दो भागों में बांटा गया है, हल्का और गंभीर हल्के प्रभाव में वैक्सीन लगने के बाद वैक्सीन वाली जगह पर दर्द, सूजन या लाल पड़ जाना, बुखार आना, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होना शामिल है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इन हल्के लक्षणों से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा असर नहीं पड़ता और जल्द ही ये परेशानी दूर भी हो जाती है। टीकाकरण के बाद यह सब होना सामान्य बाद है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि ये लक्षण दो दिन से ज्यादा रहते हैं तो आप तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
इसी तरह गंभीर प्रभाव में पूरे शरीर पर चकत्ते (लाल-लाल दाने या उभार) हो सकते हैं, खुजली हो सकती है, सांस लेने में तकलीफ और बेहोशी भी आ सकती है। ये गंभीर प्रभाव टीका लगने के 30 मिनट के भीतर ही दिखने लगते हैं। यदि आप इन 30 मिनट तक पूरी तरह स्वस्थ हैं तो इससे कोई भी गम्भीर प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है।
इन्हीं प्रभावों को देखते हुए वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को करीब आधे घंटे तक टीकाकरण केंद्र में ही रुकना जरूरी होता है। जिससे अगर टीके के बाद एलर्जी का कोई लक्षण दिखाई देता है या तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा सके या वहीं आवश्यक उपचार दिया जा सके। एक और सावधानी यह कि अगर आपको किसी दवा, वैक्सीन या खाने की चीज से एलर्जी है तो इसकी सूचना टीकाकरण अधिकारी को अवश्य दें।
दो से तीन सप्ताह में बनती है एंटीबाडी:
टीका लगने के बाद पर्याप्त एंटीबाडी बनने में दो-तीन सप्ताह का समय लगता है. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि आपके शरीर में पहले से मौजूद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाए और संक्रमण का खतरा अधिक हो जाए। फिर भी वैक्सीन लेने के बाद भी हमें कोविड-19 के बचाव के सभी उपाय अपनाने हैं। जैसे, मास्क पहनना, शारीरिक दूरी और हाथों को नियमित रूप से धोना।
दूसरी डोज 12 से 16 हफ्ते में ज्यादा असरदार:
इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल 'लासेट' में प्रकाशित लेख वैक्सीनः ए पूल्ड एनालिसिस आफ रैडोमाइज्ड ट्रायल' के मुताबिक 8597 ऐसे व्यक्तियों पर अध्ययन किया गया, जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन लगी। जब छह हफ्ते से कम अंतर पर दूसरी डोज दी गई तो वैक्सीन का असर 50 से 60 फीसद रहा, लेकिन, अंतर बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने पर असर 81.3 फीसद पाया गया।
इसलिए केंद्र सरकार ने इन तथ्यों को ध्यान में रखकर कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच का अंतर 12 हफ्ते कर दिया है। अधिकतम लाभ को तय समय पर लें दूसरी खुराक: दूसरी खुराक निर्धारित समय से पहले लेने का कोई नुकसान नहीं है, लेकिन इससे पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं बन पाती है। इसलिए वैक्सीन का अधिकतम
लाभ पाने के लिए यह जरूरी है कि दूसरी खुराक निर्धारित समय पर ही ली जाए।
वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण का खतराः
कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद हमारे शरीर में कोरोना के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है, जो कि कोविड की गंभीर बीमारी और उससे मौत का खतरा काफी कम कर देती है। हालांकि, वैक्सीन लेने के बाद भी वायरस के किसी प्रारूप से संक्रमण हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि वैक्सीन लेने के बाद कोचिड-19 से बचाव के नियमों का पालन करें।
90 दिन बाद वैक्सीन लें
90 दिन बाद वैक्सीन लें
संक्रमण से उबरे व्यक्ति कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को कोरोना के लक्षण पूरी तरह ठीक होने के 90 दिन बाद अगली खुराक लेनी चाहिए। यह रोग के खिलाफ एक मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद करेगा। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद आप कोरोना से कब तक सुरक्षित रहेंगे, ये अभी भी पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं हो पाया है और इसपर अध्ययन जारी है। वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद अगली खुराक लेनी पड़ेगी या नहीं, इस पर भी अनुसंधान जारी है। दोनों डोज एक वैक्सीन की यह जरूरी है कि पहली खुराक जिस वैक्सीन की लगी है, दूसरी खुराक भी
उसी वैक्सीन की लगे। कोविन पोर्टल यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि एक लाभार्थी को दोनों खुराक एक ही वैक्सीन की मिलें।दोनों खुराक अलग-अलग वैक्सीन की लीजा सकती हैं या नहीं, इस विषय पर अभी अनुसंधान चल रहा है।
बीमार लोगों में गंभीर संक्रमण होने का ज्यादा खतरा :
हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़े के रोग, मानसिक रोग, लिवर या किडनी रोग से पीड़ित व्यक्ति, जो लगातार दवा ले रहे हैं, वे वैक्सीन ले सकते हैं। वास्तव में इन्हें वैक्सीन की आवश्यकता सबसे अधिक है, क्योंकि कोरोना संक्रमण होने पर गभीर रूप से बीमार होने की आशंका सबसे ज्यादा इन्ही व्यक्तियों में होती है फिर भी वैक्सीन लेने से पहले आप अपने डाक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
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Thanks You Guys
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