I.A.S
Indian Administrative Service
तैयारी में न हो कोई चूक-
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी को लेकर हर किसी की अपनी-2 रणनीति होती है। कोई सेल्फ स्टडी में विश्वास करता है, तो कोई कोचिंग में । तरीका जो भी अपनाएं, मगर यह सत्य है कि धैर्य के साथ लगातार सुव्यवस्थित तरीके से इस परीक्षा की तैयारी की जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है।
1. इंटरनेट, अखबार और मैग्जीन से मित्रता करें। पढाई के साथ-2 समसामयिक घटनाओं पर नजर रखें।
2. सामाजिक अध्ययन के लिए एनसीईआरटी की 9वी से 12वी तक की पुस्तकें जरुर पढें।
आईएएस अधिकारी बनने की चाह लाखों युवाओं के मन में होती है।देश की इस सब से प्रतिष्ठित परीक्षा में हर साल लाखों अभ्यर्थी अपना भाग्य आजमाते है, जिसमें हर साल कुछ सौ श्रेष्ठ छात्र ही चयनित उम्मीदवारों को यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) द्वारा खास ट्रेनिंग देकर अधिकारी के रुप मे ंतैयार किया जाता है। भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को उनकी रैंक के अनुसार अलग-2 कैडर मिलती है। राष्ट्रीय स्तर के आलावा राज्यों के स्तर पर भी स्टेट पब्लिक सर्विस की परीक्षा आयोजित होती है।
Indian Administrative Service Ke Syllabus Ke Bare Mein
आईएएस अधिकारी बनने के लिए भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेना होता है। इस परीक्षा के लिए 21 से 30 वर्ष तक के किसी भी स्ट्रीम सें ग्रेजुएट छात्र आवेदन कर सकते है। यहॉ तक कि डॉक्टर और इंजीनियरिंग जैसी प्रोफेशनल डिग्री धारक भी इस परीक्षा में अधिकतम चार बार हिस्सा लें सकते है।
यूपीएससी प्रतिवर्ष इस परीक्षा के मुख्यतः दो चरण है- प्रीलिमिनिरी परीक्षा और दूसरी मुख्य परीक्षा प्रीलिमिनिरी परीक्षा को (सिविल सर्विस एप्ट्यिूट टेस्ट) के नाम से भी जानते है। इसमे दो पेपर होते है। पेपर 1 (200 अंको) की परीक्षा है, जिसमें इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, विज्ञान व अर्थशास्त्र समेत दूसरे विषयों से 100 प्रश्न पूछे जाते है। वही पेपर 2 भी 200 अंको का प्रश्न-पत्र होता है, जिसमे रीजनिंग क्वानटेटिव एब्टीट्यूट और प्रॉब्लम सॉल्विंग के कुल 80 प्रश्न पूछे जाते है।
साल 2015 से सिविल सेवा परीक्षा के नियमों में संशोधन किया गया, तब से परीक्षा के केवल क्वालीफाइंग परीक्षा है। इसमें क्वालिफाई के लिए 33 प्रतिशत अंक जरुरी है। वही उम्मीदवारों को सामान्य पेपर 1 को मेरिट का आधार माना जाता है। इसकी दूसरे चरण की मुख्य परीक्षा में 300 अंको का अंग्रेजी का Paper भी जुडा है। इसके अलावा 300 अंको में हिन्दी या कोई अन्य भारतीय भाषा, 250-250 अंक के चार सामान्य अध्ययन के पेपर और अभ्यर्थी द्वारा चुने गए दो विषया के दो पेपर इस मुख्य परीक्षा का हिस्सा होते है। इसमें क्वालिफाई छात्रों को इंटरव्यू के लिए चुना जाता है। इसके बाद इंटरव्यू और मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंको को अधार बनाकर फाइनल रैंक तैयार की जाती है। इस आधार पर आईएएस का चयन होता है।
Indian Administrative Service Institute Ke Bare Mein
इस परीक्षा में चयन के लिए किसी तरह का खास संस्थान तो नही है। अभ्यर्थी अध्ययन के लगातार अभ्यास के बूते इसकी तैयारी करते है। वैसे कई निजी संस्थान इस परीक्षा के लिए कोचिंग उपलब्ध कराते है, जो अपने स्तर पर अभ्यर्थी को इस परीक्षा के कोर्स से संबंधित अध्ययन सामग्री और पेपर हल करने की ट्रीक बताते है, लेकिन किसी भी प्राइवेट संस्थान में कोचिंग लेने से पहले उसकी टीचिंग फैकल्टी के बारे में वहॉ के पूर्व छात्रो से जाने । एडमिशन से पूर्व आप डेमो क्लास भी ले सकते है। जानकारो के अनुसार, जागरुक अध्ययन, प्रैक्टिस व अनुशासन इस परीक्षा में सफलता का मूल मंत्र है।
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