30 लाख नौकरियां आपके लिए
एसोचैम
और केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 तक दूरसंचार क्षेत्र में 30 लाख नौकरियों के अवसर पैदा होगे।
तो फिर देर किस बात की,
इस क्षेत्र में उज्जवल भविष्य बनाने के लिए अभी से कस लें अपनी कमर।
क्या कहते है आंकडे
2018
तक दूरसंचार क्षेत्र में 30 लाख नौकरीयों के अवसर होगे।
40-50
हजार शुरूआती वेतन होता है टेलीकॉम इंजीनियर की।
भारतीय
दूरसंचार उघोग दिन ब दिन मजबूत होता जा रहा है। दूरसंचार इंडस्ट्री ने न सिर्फ शहरी, बल्कि
ग्रामीण इलाकों की सूरत को भी तेजी से बदला है। 2जी, 3जी और अब 4जी की सेवाओं से स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं
की संख्या में भारी बढोत्तरी हुई है। हाल ही में एसोचैम और केपीएमजी द्वारा जारी
की गई एक रिपोर्ट के अनुसार,
लगातार मार्केट में नई-नई कंपनियों के आने,
4जी तकनीक की शुरूआत, डाटा उपयोग में वृद्धि, डिजिटल वॉलेट के चलन और देश भर मे स्मार्टफोन
की बढती लोकप्रियता से दूरसंचार इंडस्ट्री में रोजगार के नए रास्ते बनते नजर आ रहे
है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2018 तक दूरसंचार क्षेत्र में 30 लाख नौकरियों
के अवसर पैदा होगे। ऐसे में व्याप्त संभावनाओं को देखते हुए यह सेक्टर आने वाले
दिनों में काफी हॉट करियर साबित हो सकता है।
कहॉ-कहॉ है अवसर
योग्यता
और कोर्स
दूरसंचार
में पूर्वस्नातक कोर्स करने के लिए फिजिक्स,केमिस्ट्री और मैथ्स में किसी मान्यता प्राप्त राज्य/राष्ट्रीय
बोर्ड से 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। वहीं पीजी कोर्स के लिए आपको किसी
संस्थान/यूनिवर्सिटी से संबद्ध स्ट्रीम में बीई/बीटेक करना जरूरी है। आज भारत के
कई नामी संस्थान दूरसंचार के क्षेत्र में पूर्वस्नातक, स्नातकोत्तर,डिप्लोमा के
अलावा मैनेजमेंट संबंधी कोर्स भी करवाने लगे है। इसमें एंट्री के लिए बीई, बीटेक, एमई, एमटेक और एमबीए
जैसे कोर्स आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है। टेलीकॉम कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को
नेटवर्क सिस्टम, एनालॉग, डिजिटल कम्युनिकेशन, मल्टीमीडिया, डाटा कम्युनिकेशन,ऑप्टिकल कम्युनिकेशन,मॉडयूलेशन टेक्नीक्स, डिजाइनिंग, इंस्टॉलिंग, टेस्टिंग, रिपेयरिंग
आदि के बारे में जानकर दी जाती है। 12वी के बाद आईआईटी या ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन
टेस्ट में शामिल होकर आप टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर(बैचरल डिग्री) बन सकते है। यदि
आप टेलीकॉम के क्षेत्र में एमबीए करना चाहते है, तो आपको विज्ञान या इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करना होगा।
बेहतर शिक्षण संस्थान
भारती स्कूल ऑफ टेलीकम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, आईआईटी दिल्ली
bhartischool.iitd.ac.in
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिट, महाराष्ट्र
बिरला
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस,
पिलानी
सिम्बायोसिस
इंस्टीट्यूट ऑफ टेलिकॉम मैनेजमेंट,
पुणे
इंडियन
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(बीएचयू) वाराणसी
iitbhu.ac.in
कहॉ-कहॉ है अवसर
टेलीकॉम
इंडस्ट्री के अलावा डिफेंस सेक्टर,
रिसर्च विंग जैसे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी
जैसी नामचीन संस्थाओं में रिसर्च असिस्टेंट,
रिसर्च एसोसिएट साइंटिस्ट आदि के रूप में नौकरी कर सकते है। टेलीकॉम कंपनियों में
भी योग्य व्यक्तियों को आकर्षक पैकेज के साथ बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर, सिस्टम इंजीनियर,जूनियर इंजीनियर, ऑपरेशन हेड
आदि के रूप में रखा जाता है। इसके अलावा जिन्हें इस क्षेत्र की अच्छी जानकारी है।
वे किसी संस्थान या यूनिवर्सिटी में बतौर टेलीकॉम शिक्षक काम
कर अच्छी सैलरी पा सकते है।
क्या बन सकते है
भारत में टेलीकॉम इंडसट्री अन्य देशों की तुलना में काफी
तेजी से ग्रोथ कर रहा है। ऐसे में आज इसमें नए-नए रोजगारों के विकल्प सामने आ रहे
है। कोर्स पूरा करने के बाद आप दूरसंचार इंडस्ट्री में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, एनालॉग डिजिटल इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम मार्केटिंग, नेटवर्क सिक्योरिट, नेटवर्क मैनेजमेंट आदि विभागों
में काम कर सकते है। टेलीकॉम सॉफ्टवेयर इंजीनियर, टेलिकॉम सिस्टम सॉल्युशन इंजीनियर, कम्युनिकेशन इंजीनियर, टेक्निकल सपोर्ट प्रोवाइडर, रिसर्च प्रोजेक्ट सुपरवाइजर, नेटवर्क इंजीनियर्स के लिए इन दिनों बेहतर संभावनाएं है। इसमें टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल
क्षेत्र दोनों में करियर बना सकते है। टेक्निकल क्षेत्र में टेलिकम्युनिकेशन इंजीनियर और नॉन-टेक्निकल
क्षेत्र में बारहवी या ग्रेजुएशन के बाद करियर बनाया जा सकता है। नॉन-टेक्निकल में
कार्ड सेलर, कस्टमर केयर सर्विस आदि में नौकरी मिल सकती है।
जितनी बडी कंपनी, उतनी अच्छी
सैलरी
टेलीकम्युनिकेशंस इंजीनियर्स का वेतन अलग-अलग संस्थानों मे अलग-अलग
होता है। कई कंपनियों कर्मचारी की कार्यक्षमता के आधार पर अच्छी पैकेज के तहद नौकरी
देते है। मार्केट में कंपनी की शाख व नाम जितनी बडी होगी, आपका वेतन
भी उसी पर निर्भर करता है। शुरूआत में एक टेलीकॉम इंजीनियर 40 से 50 हजार तक की नौकरी
पा सकता है। टेक्निकल क्षेत्र में एंट्री लेवल पर सैलरी 15 से 20 हजार रूपये तक हो सकती है, जबकि नॉन टेक्निकल
क्षेत्र में कार्य करने वाले पेशेवरों को शुरूआती दौर में 10 से 15 हजार रूपये प्रति
माह मिलते है।
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