डायबिटीज में ब्लड शुगर कैसे नियंत्रित रखें??
किसी भी काम के लिए शरीर में रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) का एक निश्चित स्तर होना जरुरी होता है। मधुमेह (डायबिटीज) में रक्त में शर्करा स्तर काफी बढ़ जाता है।शरीर में रक्त शर्करा नियंत्रित रहे, इसके लिए जरूर है कि हमारा पाचन तंत्र ठीक रहे।
डायबिटीज में शरीर की कोशिकाएं उर्जा पाने के लिए शर्करा का ठीक से उपयोग नहीं कर पाती जिसका दुष्प्रभाव शरीर के दूसरे अंगों पर भी पड़ता है। बहरहाल, खानपान कि गलत आदतों, अस्वस्थकर जीवन शैली और स्वास्थ्य संबंधी अज्ञानता के कारण डायबिटीज के मामले लगातार बढ़ते जा रहे।
आज लगभग हर घर में कोई न कोई व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त है यह स्थिति गंभीर तो है। लेकिन थोड़ी-सी सावधानी से हम रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर स्वस्थ रह सकते हैं।
संदर्भ में इन सुझाव पर अमल करें.....
1. पर्याप्त नींद ले ।
2. वजन नियंत्रित रखें।
3. शरीर में पानी की कमी न होने दें। पर्याप्त मात्रा पानी सेवन का करें।
4. चीनी से बने पदार्थ शर्करा की मात्रा बढा देते हैं। इसलिए चीनी का सेवन न करें।
5. अधिक कार्बोहाइड्रेट का सेवन न करें। कार्बोहाइड्रेट काफी तेजी से पचता है और ग्लूकोज बनता है। इससे भी रक्त मे शर्करा की मात्रातेजी से बढ़ जाती है।
6. प्रोटीन हमारी सेहत के लिए बहुत जरुरी है। आपको अपने हर आहार में प्रोटीन को जरूर शामिल करना चाहिए।
7. रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के लिए रक्त शर्करा की जांच समय-समय पर करानी चाहिए ।
8. नियमित रूपसे व्यायाम करें। सुबह उठकर जॉगिग करें या योगासन, प्राणायाम करें। इससे इंसुलिन का बनना रुकता नहीं है और मांसपेशियो को उर्जा मिलती रहती है।
कम ग्लाइसेमिक सूचकांक इंडेक्स वाले आहार का सेवन करें। ऐसे आहार आपके रक्त मे धीमे-धीमे पचते हैं।इससे रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।
- हरी सब्जियां, फलियो और रेसेदार फलों (जैसे - बेरी आदि) बादाम आदि का सेवन करें। साबुत अनाज बहुत फायदेमंद है।
- तनाव मुक्त रहे। इसके लिए ध्यान (मेडिटेशन) करें.
- इंसुलिन का निर्माण पैंक्रियाज में होता है । धूम्रपान पैंक्रियाज के लिए हानिकारक है, इसे छोड़ दें।
- खाने में नमक की मात्रा कम कम ले और खाने के बाद 15 से 20 में तक जरूर टहले।
- गर्मियों में पिए जाने वाले सॉफ्ट ड्रिंक मे इस्तेमाल किये जाने वाले स्वीटनर और प्रिजर्वेटिव से रक्त में शर्करा की मात्रा काफी तेजी से बढ़ती है ।इनसे बचें।
- नीम, बेलपत्र, मेथी, विजयसार, गुडमार, हल्दी, त्रिफला, जामुन आदि औषधियों का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ले।
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