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2021-02-20

khana khane ka sahi samay aur tarika | khana khane ka sahi samay aur sahi tarika kya hai



खाना खाने का तरीका समय बताइए या खाना खाने का सही समय और सही तरीका क्या है इन हिंदी में


एक स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक भोजन मिलना

जरूरी है। भोजन से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती

है और हम सक्रिय होकर, दिन भर के काम ठीक

से पूरा कर पाते हैं। सही भोजन हमारे शरीर के लिए

ईंधन का काम करता है। भोजन से हमें केवल 

पोषक तत्व ही नहीं मिलते हैं, बल्कि यह हमारी

हड्डियों को मजबूत बनाने और मांसपेशियों को

बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लेकिन केवल पौष्टिक भोजन मिलना ही पर्याप्त

नहीं है। इससे भी ज्यादा जरूरी है सही समय पर

भोजन करना। आज लोगों के काम करने के तरीके

में बदलाव हुआ है। इसका प्रभाव हमारे जीवन पर

पड़ रहा है। बदलती जीवन-शैली में रहन-सहन के

साथ खान-पान का समय भी अनिश्चित हो गया

है। सुबह देर से जागना, घंटों काम करना,

देर से भोजन करना, रात

देर तक जागना,

हमारी दिनचर्या

का हिस्सा बनते

जा रहे हैं। अगर

भोजन सही समय

पर न किया जाए तो

इससे फायदा मिलने

की बजाय नुकसान भी

पहुंच सकता है।

कई रिसर्च से पता चला

है कि देर रात खाना खाने से

दिल से जुड़ी बीमारी होने की संभावना काफी बढ़

जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि देर रात खाना खाने

से शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ जाता है,

जिससे शरीर में ब्लड फैट का लेवल बढ़ सकता

है। इससे कम उम्र में ही दिल की बीमारियों का

शिकार होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। जिन्हें

रात को देरी से खाना खाने की आदत है, उन पर

हार्ट अटैक का खतरा गंभीर रूप से मंडाराता है,

क्योंकि दिन की तुलना में रात को हमारा शरीर कम

सक्रिय रहता है और रात को खाना पचाने के लिए

शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

इससे दिल पर जोर पड़ता है, जो हार्ट

अटैक का कारण बन सकता है। देर रात

खाना खाने की आदत के कारण और भी

कई तरह की परेशानियों का सामना

करना पड़ सकता है, जो प्रत्यक्ष या

अप्रत्यक्ष रूप से दिल की बीमारी से जुड़ा

है। देर रात खाने से न केवल नींद में बाधा होने की

समस्या आती है, बल्कि शरीर के हार्मोस का

संतुलन भी बिगड़ता है। इससे दो तरह की

परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहला वजन

बढ़ना और दूसरा अनिद्रा जैसी परेशानी का शिकार

होना। वजन बढ़ने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रल का

लेवल भी बढ़ने लगता है, जिसके कारण हृदय



कमजोर हो सकता है और दिल की बीमारियां होने

का जोखिम बढ़ाता है। नींद पूरी न होने से भी ऐसी

ही गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि जब हम सोते हैं तो उस समय

हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई होती


है। लेकिन अगर नींद पूरी नहीं होती, तो विषाक्त

पदार्थ साफ नहीं हो पाते हैं, जिस वजह से बल्ड

प्रेशर का जोखिम बढ़ सकता है। बल्ड प्रेशर सीधे

तौर पर दिल की बीमारियों को बुलावा देता है।


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