फ्रोजन शोल्डर क्या होता है ? या फ्रोजन शोल्डर(एडहेसिव कैप्सूलाइटिस) का इलाज, लक्षण व कारण के बारे मे जानकारी हिन्दी में
फ्रोजन शोल्डर (एडहेसिव कैप्सूलाइटिस)
मांसपेशियों में विकार आने से पैदा होती है फ्रोजन शोल्डर की समस्या। शुरुआत में ही कराया जाए उपचार तो नहीं आती आपरेशन की नौबत.......
कंधे हमारे शरीर के एक प्रमुख जोड़ हैं। कई बार ये
जोड़ इतने अकड़ जाते हैं कि इन्हें हिलाना-डुलाना
मुश्किल हो जाता है। कंधों की यही समस्या फ्रोजन
शोल्डर कहलाती है। कई बार फ्रोजन शोल्डर की
समस्या अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन जब
समस्या गंभीर होती है तो उपचार कराना जरूरी हो
जाता है। जब उपचार के बाद भी कंधे सामान्य
रूप से काम नहीं कर पाते हैं तो सर्जरी ही अंतिम
विकल्प होता है। फ्रोजन शोल्डर को चिकित्सीय
भाषा में एडहेसिव कैप्सूलाइटिस कहते हैं। फ्रोजन
शोल्डर की समस्या तब होती है, जब कंधे के जोड़
के चारों ओर स्थित कैप्सूल और लिगामेंट में सूजन
आ जाती है। ऐसे में ये इतने कड़े हो जाते हैं कि
सामान्य ढंग से हिलाने-डुलाने में भी दिक्कत आती
है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं ये समस्या
अर्थराइटिस या हड्डी के टूटने के कारण तो नहीं हो
रही है चिकित्सक एक्स-रे कराते हैं। अगर समस्या
गंभीर है तो इमेजिंग परीक्षण जैसे एमआरआई और
सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। इससे पता
चल जाता है कि कहीं प्रभावित ऊतकों में फ्लूड का
जमाव तो नहीं हो रहा है।
• सर्जरी या चोट लगना।
• उम्र का बढ़ना (फ्रोजन शोल्डर सिड्रोम 40-70 साल के लोगों में अधिक होता है)।
• यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होती है।
• कंधे को हिलाने-डुलाने में दर्द होना।
• कंधे की गतिविधियां सीमित हो जाना।
• कंधे में जकड़न आ जाना।
• नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआइडीएस)।
• कॉर्टिकोस्टेरॉइडइंजेक्शंस।
फिजियोथेरेपी : इसमें स्ट्रेचिंग और दूसरे व्यायामों के द्वारा कंधे की गतिशीलता बढ़ाई जाती है।
हीट थेरेपी : प्रभावित क्षेत्र पर हीट का एक्सपोजर दिया जाता है। फिर धीरे-धीरे उसे स्ट्रेच किया जाता है।
आइस थेरेपी : सूजन और दर्द को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है।
आपरेशन : फ्रोजन शोल्डर की समस्या को ठीक
करने के लिए आपरेशन भी किया जाता है। इसके
आपरेशन में कंधे के आसपास के संकुचित और कड़े
ऊतकों को मुलामय व लचीला करने का काम किया
जाता है। आपरेशन में अर्थरोस्कोप का इस्तेमाल कड़े
और क्षतिग्रस्त ऊतकों को काटकर निकालने के लिए
होता है। यह आपरेशन बहुत जटिल नहीं होता है।
इसे कराने के बाद मरीज के कंधे पहले जैसी स्थिति
में आ जाते हैं।
फ्रोजन शोल्डर क्या होता है ?
कंधे हमारे शरीर के एक प्रमुख जोड़ हैं। कई बार ये
जोड़ इतने अकड़ जाते हैं कि इन्हें हिलाना-डुलाना
मुश्किल हो जाता है। कंधों की यही समस्या फ्रोजन
शोल्डर कहलाती है। कई बार फ्रोजन शोल्डर की
समस्या अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन जब
समस्या गंभीर होती है तो उपचार कराना जरूरी हो
जाता है। जब उपचार के बाद भी कंधे सामान्य
रूप से काम नहीं कर पाते हैं तो सर्जरी ही अंतिम
विकल्प होता है। फ्रोजन शोल्डर को चिकित्सीय
भाषा में एडहेसिव कैप्सूलाइटिस कहते हैं। फ्रोजन
शोल्डर की समस्या तब होती है, जब कंधे के जोड़
के चारों ओर स्थित कैप्सूल और लिगामेंट में सूजन
आ जाती है। ऐसे में ये इतने कड़े हो जाते हैं कि
सामान्य ढंग से हिलाने-डुलाने में भी दिक्कत आती
है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं ये समस्या
अर्थराइटिस या हड्डी के टूटने के कारण तो नहीं हो
रही है चिकित्सक एक्स-रे कराते हैं। अगर समस्या
गंभीर है तो इमेजिंग परीक्षण जैसे एमआरआई और
सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। इससे पता
चल जाता है कि कहीं प्रभावित ऊतकों में फ्लूड का
जमाव तो नहीं हो रहा है।
फ्रोजन शोल्डर के कारण
• सर्जरी या चोट लगना।
• उम्र का बढ़ना (फ्रोजन शोल्डर सिड्रोम 40-70 साल के लोगों में अधिक होता है)।
• गंभीर बीमारिया जैसे डायबिटीज, पार्किसन रोग, कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज, टीबी, स्ट्रोक आदि
• यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होती है।
फ्रोजन शोल्डर के लक्षण
• कंधे को हिलाने-डुलाने में दर्द होना।
• कंधे की गतिविधियां सीमित हो जाना।
• कंधे में जकड़न आ जाना।
फ्रोजन शोल्डर की तीन स्टेज हैं?
स्टेज-1:
फ्रोजन शोल्डरकी इस स्टेज पर कंधों में अधिक दर्द नहीं होता है। इसलिए बिना उपचार के ही कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं।
स्टेज-2:
इसमें कंधों में दर्द तो होता है, लेकिन
समय के साथ गंभीर समस्या नहीं होती है। सामान्य
उपचार से इसमें राहत मिल जाती है।
समय के साथ गंभीर समस्या नहीं होती है। सामान्य
उपचार से इसमें राहत मिल जाती है।
स्टेज-3:
कंधों में दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और इन्हे हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता है। इसका दर्द रात
में और अधिक बढ़ जाता है।
में और अधिक बढ़ जाता है।
फ्रोजन शोल्डर उपचार
फ्रोजन शोल्डर की समस्या कितनी गंभीर है, चिकित्सक इसके आधार पर उपचार का विकल्प
सुनिश्चित करते हैं।
फ्रोजन शोल्डर की दवा
• नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआइडीएस)।
• कॉर्टिकोस्टेरॉइडइंजेक्शंस।
फिजियोथेरेपी : इसमें स्ट्रेचिंग और दूसरे व्यायामों के द्वारा कंधे की गतिशीलता बढ़ाई जाती है।
हीट थेरेपी : प्रभावित क्षेत्र पर हीट का एक्सपोजर दिया जाता है। फिर धीरे-धीरे उसे स्ट्रेच किया जाता है।
आइस थेरेपी : सूजन और दर्द को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है।
आपरेशन : फ्रोजन शोल्डर की समस्या को ठीक
करने के लिए आपरेशन भी किया जाता है। इसके
आपरेशन में कंधे के आसपास के संकुचित और कड़े
ऊतकों को मुलामय व लचीला करने का काम किया
जाता है। आपरेशन में अर्थरोस्कोप का इस्तेमाल कड़े
और क्षतिग्रस्त ऊतकों को काटकर निकालने के लिए
होता है। यह आपरेशन बहुत जटिल नहीं होता है।
इसे कराने के बाद मरीज के कंधे पहले जैसी स्थिति
में आ जाते हैं।
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