इंटरनेट ऑफ थिंग्स इंजीनियर मे कैरियर कैसे बनाए, कैरियर अवसर, जॉब सैलरी, जॉब स्कोप, कैरियर पाथ के बारे मे
ऑटोसेक्टर से लेकर टेलीकॉम और हेल्थ केयर सेक्टर की कंपनियों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है। एक ओर कंपनियां जहां इस तकनीक से अपनी लागत कम कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर इसने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बना दिया है। सिस्को की मानें तो 2023 तकदेश में कजेक्टे डडिवाइसेज की संख्या 2.1 अरब के पार पहुंच जाएगी। जाहिर है इस क्षेत्र में संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं...
जरा सोचिए अगर आपके
घर पहुंचने से पहले
कमरे की लाइट, एसी
ऑन हो जाए या आपकी गाड़ी का
सेंसर आपको पहले से यह
कि अमुक रोड पर जाम की स्थिति
है या कार के नजदीक पहुंचने से
पहले ही उसका एसी ऑन हो जाए।
आपके फ्रिज में सामान खत्म होने की सूचना मोबाइल पर आ जाए,
तो आपको कैसा लगेगा। जाहिर
है इससे आपको काफी सहूलियत
मिलेगी। यही चीजें इंटरनेट ऑफ
थिंग्स हैं। यानी इंटरनेट से कनेक्टेड
ऐसे डिवाइस या उपकरण जिससे
मनमुताबिक आप कोई भी कार्य
करवा सकते हैं। इंटरनेट की मदद
से आज लोग क्या नहीं कर सकते?
फोन
पर वीडियो कॉलिंग, वीडियो
क्रॉफ्रेंसिंग तो हम पहले से कर रहे
है। लेकिन अब स्मार्ट एसी-फ्रिज,
लाइट्स, लॉक्स या स्मार्ट वॉचेज
और कनेक्टेड कारों के आ जाने से
आइओटी का इस्तेमाल निजी और
घरेलू कामों में भी तेजी से बढ़ने
लगा है। जानकारों की मानें, तो
ऑटोमेशन पर बढ़ते फोकस को
देखते हुए आने वाले समय में यह
तकनीक स्मार्ट होम और स्मार्ट सिटी
जैसे विभिन्न रूपों में अधिक देखने
को मिलेगी। सिस्को की एक रिपोर्ट
के अनुसार, साल 2023 तक देश
में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90.7
करोड़ पहुंचने के साथ ही इस तरह
के ऑटोमैटिक डिवाइसेज की संख्या
भी कई गुना (करीब 2.1 अरब) हो
जाएगी। यही वजह है कि इन दिनों
मैन्युफैक्चरिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में
इस तकनीक के जानकारों की काफी
डिमांड देखी जा रही है।
दुनियाभर में डिमांड : अपनी बढ़ती
उपयोगिता के कारण इंटरनेट ऑफ
थिंग्स आजकल काफी डिमांड में
है। इंटरनेट से कनेक्टेड उपकरणों
के बाद कनेक्टेड कारों में यह
तकनीक काफी देखने को मिल
रही है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले
तीन वर्षों में आइओटी प्रोफेशनल्स
की डिमांड करीब 300 फीसद तक
बढ़ी है। एक अनुमान के मुताबिक,
इस समय दुनिया भर में करीब 30.7
बिलियन आइओटी आइटम्स हैं।
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबकि 2021
तक आइओटी का यह मार्केट बढ़कर
दोगुना होने वाला है।
करियर संभावनाएं: आइओटी
विशेषज्ञों की सबसे अधिक डिमांड
स्टार्टअप के अलावा मैन्युफैक्चरिंग,
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, एम्बेडेड
सिस्टम्स, हेल्थकेयर तथा इलेक्ट्रिक
/इलेक्ट्रॉनिक कंज्यूमर प्रोडक्ट्स
बनाने वाली कंपनियों में देखी जा
रही है, जहां आइओटी डेवलपर,
आइओटी आर्किटेक्ट, आइओटी
एम्बेडेड सिस्टम्स डेवलपर या
आइओटी सॉल्यूशंस इंजीनियर
के रूप में ऐसे प्रोफेशनल्स अपनी
सेवाएं दे रहे हैं।
प्रमुख संस्थान
● आइआइटी,खड़गपुर, दिल्ली,
मुंबई, कानपुर, गुवाहाटी, रुड़की
www.iit.ac.in
● नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ
टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
www.nsit.ac.in
● एनआइईटी, गेटरनोएडा
www.niet.co.in
● बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ
टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी
www.bits-pilani.ac.in
कोर्स एवं योग्यताएं: आइओटी
आइटम्स की बढ़ती उपयोगिता
और मांग को देखते हुए देश के कई
संस्थानों में विशेष रूप से बीटेक
प्रोग्राम इन इंटरनेट ऑफ थिंग्स या
एम्बेडेड सिस्टम्स नाम से यह कोर्स
कराया जा रहा है, जिसे करने के
लिए पीसीएम विषयों से 12वीं होना
आवश्यक है। संबंधित डोमेन नॉलेज
वाले बीटेक बैकग्राउंड के युवा
भी
यह कोर्स कर सकते हैं। आइबीएम,
कोर्सेरा जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्स
द्वारा भी आइओटी सॉफ्टवेयर की
कुशलता के लिए यह कोर्स किया जा
सकता हैं।
सैलरी पैकेज: आइओटी में प्रशिक्षित
प्रोफेशनल्स को आजकल शुरुआत
में ही 6 से 8 लाख रुपये तक के
आकर्षक पैकेज ऑफर हो रहे हैं।
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