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2022-03-04

video streaming kya hai | वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म क्या है |

वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (video streaming platform) क्या होता है या वीडियो स्ट्रीमिंग के बारे मे जानकारी हिन्दी मे


वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के अपने फायदे है। यहाँ आप न सिर्फ दुनियाभर के कंटेंट को एक्सेस कर सकते है, बल्कि कुछ सीखना और सीखना चाहते है, तो यहाँ उसकी भी सुविधा मौजूद है। आइये जाने कैसे वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विसेज का लाभ उठाया जा सकता है।




वीडियो की स्ट्रीमिंग


आज इंटरनेट की दुनिया में जिस तरह के कंटेंट का बोलबाला
है, वह है वीडियो। वीडियो
की स्ट्रीमिंग के लिए जो प्लेटफॉर्म सबसे
ज्यादा लोकप्रिय हो चुका है, वह है यूट्यूब।
हालांकि विमियो, डेली मोशन और मेटा
कैफे जैसे दूसरे प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं,
लेकिन यूट्यूब जैसी कामयाबी किसी को
नहीं मिली। हालांकि अब फेसबुक उसके
लिए एक बड़ा प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरा है।
आज भारत में यूट्यूब के 35 करोड़ से भी
ज्यादा दर्शक मौजूद हैं, जबकि पूरी दुनिया
में यही संख्या दो अरब से ज्यादा है। भारतं
में उसकी लोकप्रियता के कई कारण है।

दुनिया भर की सामग्री: यूट्यूब ने हमारे
लिए बहुत कुछ अच्छा किया है। सबसे
पहली बात यह कि उसने दुनिया भर की
सामग्री को हम तक पहुंचा दिया है। आज
आप अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, दक्षिण
अफ्रीका या नॉर्वे के टेलीविजन चैनल या
यूट्यूब चैनल देख सकते हैं और उन देशों
के लोग आपके या भारत के चैनल देख

सकते हैं। टेलीविजन के 'फुटप्रिंट वाली
समस्या यहां पर अप्रासंगिक है। न शहर
की सीमा, न राज्य की और न देश की।

ऑन डिमाङ : यूट्यूब की सामग्री ऑन
डिमांड है यानी जब भी सुविधा हो, आप
उसे देख सकते हैं। टेलीविजन के साथ
ऐसा नहीं था। उसके कार्यक्रम प्रसारण के
तुरंत बाद हमारी पहुंच से बाहर निकल
जाते हैं, लेकिन यूट्यूब के कार्यक्रम
चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। यहां तक कि
टीवी के भी ज्यादातर कार्यक्रम अब यूट्यूब
पर ऑन-डिमांड उपलब्ध होने लगे हैं।

सीखने-सिखाने का मंच:
यूट्यूब परएक चीज, जो सबसे ज्यादा
लोकप्रिय हुईहैवह है सीखने और सिखाने
की सुविधा ।यहा परकप्यूटरप्रोग्रामिंग से
लेकरभाषा और संगीत से लेकरनृत्य तक
सिखाया जा रहा है। पूरी की पूरी कक्षाएं
संचालित कीजा रही हैं, तो तमामप्रवेश
परीक्षाओं तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की
तैयारियां भी कराई जा रही हैं। भोजन बनाने
से लेकर विभिन्न प्रकारके क्राफ्ट सीखने के
लिए भी यहएक अद्भुत मंच बन गया है।

वैकल्पिक प्लेटफॉर्मः यूट्यूब ने सूचनाओं
को प्राप्त करने का वैकल्पिक प्लेटफॉर्म
मुहैया करा दिया है। यूटयूब समाचारों
को पाने का एक वैकल्पिक और स्वतंत्र
जरिया है। हालांकि यहां पर कितना निष्पक्ष
कंटेंट मिलता है, यह अपने आप में खोज
का विषय है।

दस्तावेजीकरण: यूट्यूब दृश्य-श्रव्य सामग्री
के दस्तावेजीकरण या डॉक्यूमेंटेशन का
अद्भुत जरिया बनकर उभरा है। जिस
सामग्री को देखने की आप कभी कल्पना
भी नहीं कर सकते थे, वह यूट्यूब
की
बदौलत आप तक पहुंच गई है। मिसाल
के तौर पर, कौन सोच सकता था कि
दूरदर्शन के दशकों पुराने कार्यक्रम हमें
फिर से देखने को मिल सकेंगे। कौन सोच

सकता था कि उस्ताद बड़े गुलाम अली
खां की ठुमरियों को आप सुन सकेंगे या
फिर दारा सिंह और किंगकांग की कुश्ती को
देख सकेंगे। स्वामी विवेकानंद का प्रसिद्ध
भाषण सुन सकेंगे या फिर गांधी जी और
आइंस्टीन की मशहूर मुलाकात का वीडियो
देख सकेंगे।

विविधता भरी सामग्री: यूट्यूब की सामग्री
विविधता भरी है, जिसे अन्य किसी भी
स्थान पर देखना संभव नहीं है। फिल्में
देखिए या फिर अच्छी गुणवत्ता की
डॉक्यूमेंट्रीज, बहुत ज्ञानवर्धक टेड टॉक्स
देखिए या फिर गुमनाम कलाकारों की
प्रतिभा का आनंद लीजिए, इस महासमुद्र
में हर तरह की बूंदें हैं। आप चाहें, तो
भाषाएं सीखिए, चाहें तो विधाएं सीखिए
और चाहें तो कुकिंग सीख लीजिए। यहां
पर सब कुछ है, क्योंकि यूट्यूब के पास
सब कुछ है। हां, कॉपीराइट का उल्लंघन
मत कीजिए, क्योंकि वह यूट्यूब की नजर
में एक अक्षम्य अपराध है। वजह स्पष्ट है
कि दूसरों की सामग्री चुराएंगे तो आप खुद
भी फंसेंगे और उसे भी ले डूबेंगे।

प्रतिभाओं को मंचः यूट्यूब ने ऐसी-ऐसी
प्रतिभाओं को हमारे सामने ला दिया है, जो
संभवतः इसके अभाव में अपने इलाके में
कैद रह जाती और गुमनामी के अंधकार
में
गुम
हो जातीं। गायिका मैथिली ठाकुर

और रानू मंडल इसकी शानदार मिसालें हैं।
मुझे पिछले दिनों जयपुर जिले के मेरे अपने
गांव के एक किशोर का वीडियो देखने को
मिला, जो अपने मन में ही बहुत सारी
गणनाएं करके तत्काल उनका उत्तर बता
देता है। जरा सोचिए कि मुझे अपने ही गांव
के विलक्षण व्यक्ति के बारे में यूट्यूब के
जरिए पता चला।

आर्थिक लाभ का मंच: यूट्यूब पर बहुत
से संस्थान खड़े हो गए हैं, जिन्होंने इस
माध्यम के लिहाज से कंटेंट बनाया और
अपनी प्रतिभा से आर्थिक लाभ उठाया।
भारत में पहले नंबर पर जो
यूट्यूब
चैनल
है, जिसका नाम है 'बीबी की वाइन्स'
उसकी सालाना आय करोड़ों रुपये में है।
अमित भड़ाना, एआइबी, वायरल फीवर,
निशा मधूलिका आदि के यूट्यूब चैनलों
की मासिक आय लाखों रुपये में है और
उनके चैनल अच्छे-खासे संस्थानों की
तरह स्थापित हो चुके हैं।

आपका आधिकारिक मंच: यूट्यूब के आने
के बाद नेताओं से लेकर फिल्मी सितारों
तक को अपना एक निजी मंच मिल गया
है, जहां पर वे अपनी आधिकारिक सूचनाएं
या कंटेंट डाल सकते हैं। इस कंटेंट को
तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने की आशंका
नहीं है, क्योंकि जिस मंच पर इसे डाला
गया है, उसके स्वामी आप खुद हैं।

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