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2022-05-05

cbse board exam ki taiyari kaise kare tips in hindi

CBSE बोर्ड एग्जाम की तैयारी कैसे करें या बोर्ड एग्जाम की तैयारी कैसे करनी चाहिए


एग्जाम का तैयारी कैसे करें?


अब जब दो साल बाद फिर से सीबीएसई बोर्ड की आफलाइन परीक्षाएं होने को हैं, तो ऐसे में जरूरी है कि आप शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त- दुरुस्त रहें। पढ़ाई के साथ-साथ अपनी जीवनशैली को भी सही रखना आप सभी के लिए आवश्यक है। आप सक्षम हैं। कर सकते हैं, तो अब अपने प्रयास बढ़ाकर कहना होगा कि इन परीक्षाओं के लिए हैं तैयार हम....


Cbse board की आफलाइन परीक्षाओं की तारीखें घोषित होने पर आप कुछ परेशान तो नहीं हैं? ऐसा हो सकता है, क्योंकि आपकी आदत आनलाइन पढ़ाई करने की जो हो गई है। दूसरे, वार्षिक परीक्षा की अच्छी तैयारी करना भी आसान नहीं है। इसके लिए जमकर पढ़ना होता है। शरीर और मस्तिष्क, दोनों अगर आपका बेहतर साथ देंगे, तभी आप ऐसा कर पाएंगे। फिर खुशी-खुशी परीक्षा भवन में प्रश्नों के उत्तर अच्छी तरह से लिख सकेंगे।

तन की ऊर्जा महत्वपूर्ण: 


    अगर आपका शरीर थका-थका सा रहता है, पढ़ाई के लिए देर तक बैठने की हिम्मत नहीं होती तो पढ़ने या दोहराने में पीछे हो जाने का तनाव महसूस करने लगेंगे। इसलिए आपको उन बातों को मानना है, जो आपके शरीर को चुस्ती और फुर्ती दें। पढ़ते हुए अगर आपको नींद आ रही है तो 15 मिनट का अलार्म सेट करें और पावर नैप (कुछ मिनटों की झपकी) ले लें। चाइल्ड काउंसलर कहती हैं कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए बच्चों का पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। इससे पढ़ने के लिए जरूरी ऊर्जा मिलेगी। कल क्या पढ़ना है, इसे रात में ही लिख लें। फिर खुद को रिलैक्स करते हुए आराम से सो जाएं।

करें नियमित व्यायाम: 


    यह सीबीएसई की परीक्षा है और वह भी आफलाइन यानी आप पहले की तरह परीक्षा केंद्र में तीन घंटे बैठकर परीक्षा देंगे। दोस्तो, कोरोना के दिनों में आनलाइन परीक्षाएं होने के कारण आपकी देर तक बैठकर लिखने की आदत तो बिल्कुल ही छूट गई होगी, तो सबसे पहले देर तक बैठने और लिखने की प्रैक्टिस करें। इसके लिए आपमें शारीरिक ऊर्जा होनी चाहिए और यह आएगी व्यायाम से। न्यूट्रिशनिस्ट कहती हैं. 'परीक्षाओं से पहले आप जुबा, एरोबिक्स आदि के जरिए व्यायाम कर सकते हैं। अपने रूटीन में कम से कम एक घंटा जरूर निकालें, जिसमें शारीरिक व्यायाम हो। थोड़ी देर के लिए विराम लें और टहलें। इससे पढ़े हुए को दोहराने में मदद मिलेगी। आप घर में रहकर योग भी कर सकते हैं।'

स्मार्टफोन से दूरी है जरूरी: 


परीक्षाएं सिर पर हैं तो आपने अपने मम्मी-पापा से एक स्मार्टफोन की मांग तो की ही होगी। आप कहते होंगे कि आपके दोस्त और अध्यापक फोन के जरिए आपसे जुड़े हैं। वाट्सएप पर आपके कई ग्रुप बने हैं, जिन पर पढ़ाई को लेकर बातचीत होती है। लेकिन ध्यान रहे कि आप इनमें ज्यादा फंसें नहीं। दूसरी तरफ स्क्रीन पर ज्यादा देर तक रहना आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकता है और आंखों को थका सकता है, इसलिए इन दिनों स्मार्टफोन से भरसक दूरी ही बेहतर है। कैलिफोर्निया में एक शोध में पाया गया कि जो किशोर दिन में अपना ज्यादा समय इंटरनेट मीडिया पर बिताते हैं, उन पर एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर)
नामक मानसिक विकार का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में किशोर किसी विषय पर ध्यान लगाने में परेशानी महसूस करते हैं। उनका ध्यान बार-बार भटकने लगता है।

प्राणायाम सिर्फ आधा घंटा: 


अभी नंबरों की परवाह मत कीजिए। परीक्षा से पहले ही परिणाम को लेकर तनाव मत पालिए। बस खुद को तंदुरुस्त रखिए, मन लगाकर पढ़ाई कीजिए। जो पढ़ें, उसे दिमाग में बिठा लीजिए। इसके लिए योग आपको शारीरिक और मानसिक सुदृढ़ता देगा। अयंगर योग सिखाने वाली गुरु निवेदिता जोशी कहती हैं, 'योग का शुरू से ही अभ्यास किया गया हो तो बहुत अच्छा रहता है। लेकिन जिन्होंने नहीं भी किया है, वे भी परीक्षा के पहले से ही योग के लिए आधा घंटा निकालना शुरू कर दें। सुबह ही अभ्यास कर लें। फिर पढ़ाई में लगें। सुबह का अभ्यास पूरे दिन मस्तिष्क को तरोताजा रखता है।'


लें एंटी-आक्सीडेंट: 


तन और मन को  हल्का रखने के लिए हल्का खाएं, ताकि आलस नहीं आए और आपकी ऊर्जा बनी रहे। इसके लिए बस थोड़ा-सा सजग रहना होगा। चिप्स, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा जैसे जंक फूड बिल्कुल न खाएं। कोलंबिया एशिया अस्पताल की डायटिशियन कौर बताती हैं कि परीक्षाओं में एंटी-आक्सीडेंट चीजें खाना बेहतर है। ये आंखों के लिए भी अच्छे हैं और संक्रमण रोकते हैं। इसके लिए विटामिन-ए और बीटा कैरोटिन चाहिए। विटामिन-ए अंडे, डेयरी प्रोडक्ट, गाजर और पालक से मिलेगा। कैरोटिन पीली, लाल शिमला मिर्च, ब्रोकली, पपीता, मटर, गोभी जैसी सब्जियों और फलों में पाया जाता है। लाल, पीले और गहरे रंग के फल व सब्जियां बीटा कैरोटिन के स्रोत हैं। मेमोरी के लिए ओमेगा फ्री फैटी एसिड फूड जैसे अलसी, अखरोट और अगर नानवेज हैं तो मछली ले सकते हैं। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पीना चाहिए। इससे दिमाग तरोताजा रहता है। न्यूट्रिशनिस्ट श्रुति टंडन कहती हैं, 'नींबू पानी, फलों का ताजा रस और नारियल पानी पावर हाउस आफ मिनरल्स होते हैं।'  खाते समय पूरा ध्यान खाने पर रखें। यह पाचन के लिए जरूरी होता है।



बच्चों पर करें भरोसा, उन्हें करते रहें प्रोत्साहित


जो बच्चे बोर्ड की परीक्षा देने जा रहे हैं, वे पिछले सत्र की तुलना में इस सत्र में अधिक सहज हैं। उनके पास टर्म वन का अनुभव है, जो काफी मददगार होगा। बस एक चीज है, जो नई है। वह यह है कि दो साल बाद वे उस परीक्षा में बैठेंगे, जो तीन घंटे की होगी। साथ में यह सब्जेक्टिव मोड में होगी। उन्हें इसकी तैयारी करनी है। लिखने का अभ्यास करना है ताकि अगले माह तक वे मिशन परीक्षा के लिए तैयार हो सकें। बच्चों को घबराना नहीं है। अपने स्कूल में शिक्षकों की मदद लेनी है। मुश्किले आएं तो उसे हल करने की दिशा में खुद पहल करनी है। अपनी दिनचर्या तय करें। खानपान को हल्के में न लें। जंक फूड से दूरी रखना है और मन-चित्त को शांत रखना है। अभिभावकों से बस इतना कहना है कि घर में बच्चों को एक बेहतर माहौल दें। प्रदर्शन  को लेकर उन पर नकारात्मक टिप्पणियां न करे। टोका-टाकी से उनके आत्मविश्वास पर असर होगा। उन पर भरोसा करना जरूरी है। उन्हें प्रोत्साहित करते रहें।


यही है वार्मअप का समय


बच्चे इस अवधि को वार्मअप पीरियड मानें यानी वह समय, जब खुद को धीरे-धीरे परीक्षा के अनुरूप ढालने का अभ्यास करना है। इसके लिए जरूरी है कि वे अध्यापक के साथ सहज हों, क्योंकि आनलाइन कक्षाओं के कारण आपके बीच दूरियां बढ़ी हैं। मुश्किलें आने पर उनसे चर्चा करें। इसके अलावा, तीन घंटे एक जगह बैठने का अभ्यास करना है। यह काम मुश्किल हो रहा है, क्योंकि आनलाइन में बच्चे पढ़ते तो थे, पर वे ज्यादा देर तक एक जगह नहीं बैठते थे। लेकिन यदि तीन घंटे नहीं बैठ पा रहे हैं तो शुरुआत में एक घंटे बैठने की प्रैक्टिस कर सकते हैं और इसे धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।


दिनचर्या हो संतुलित



शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हमें नियमित रूप से आठ घंटे तो सोना ही चाहिए। छह घंटे में अपने शौक जैसे गाने सुनने, टहलने, व्यायाम करने को देना चाहिए। फिर भी दस घंटे बचते हैं पढ़ाई के लिए। यही संतुलित रूटीम रखकर मैंने अपनी आइएएस की तैयारी की थी, क्योंकि लंबी परीक्षा को पार करने के लिए आपको लंबी
रेस का घोड़ा बनना पड़ता है। परीक्षा तो परीक्षा है, चाहे सीबीएसई हो या आइएएस। अगर आप शुरू में ही 12 घंटे पढ़ लेंगे और खुद को थका देंगे तो शायद एक-दो महीने पढ़कर अपनी किताबें एक तरफ रख देंगे कि अब हमसे न हो पाएगा। इसलिए भटकाव को रोके और एकाग्र होकर आगे बढ़ें।

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