Life (Zindagi) Me Khus Kaise Rahe Or Kaise Jine Chahiye
खुश रहना एक कला है। मन
की एक अवस्था है। इस भागती-दौडती जिंदगी में हा कोई खुश रहना चाहता है, पर रह नही
पाता है। शायद यह हर किसी के बस की बात भी नही। कई बार आपकी आदतें ही आपको खुशियों
को आप से चुरा लेती है। आखिर कौन सी है वे आदतें, जो
पल-पल आपसे आपकी खुशियां चुरा रही है? इन्हें
जानिए और कुछ ऐसा करिए , ताकि आप हर पल खुश रह
सकें।
दूसरों से तुलना करना: Dusro Se Comparison
हर इंसान एक समान नही होता।हर किसी में न कोई गुण जरूर होता है। लेकि, जब आप अपनी
तुलना किसी और से करते है, तो अक्सर आप अपने कमतर
गुणों को दूसरों के बेहतर गुणों से मिलाने लगते है। ऐसा करने से बचें। आप दूसरों
की कहानी जरूर सुनें, लेकिन उससे प्रभावित न हों। इससे
कामयाबी और खुशी नही मिलेगी। खुश रहने के लिए अपनी तुलना दूसरों से करने की बजाय
दूसरों से प्रेरणा लें।
सही वक्त का इंतजार: Wait For Right Time
अक्सर लोग कहते है, ‘हमारा
भी एक दिन सही वक्त आएगा।’ उस सही वक्त के इंतजार में
आप हजारों मौके गवां बैठते है। सही वक्त इंतजार में समय न गवाएं। हर चीज परफेक्ट
होने का इंतजार न करें। वक्त कभी भी परफेक्ट नही होता। आप अपने कर्मों से उसे
परफेक्ट बनाते है। अपनी तरक्क्ी की राह में ‘सही वक्त’ को भी न आने दें।
दूसरों से अधिक अपेक्षा रखना: Dusro Se Adhik Expect Rakhana
जिदंगी अनुभवों व अपेक्षाओं का नाम है। जिंदगी में करियर, रिश्तों को
लेकर हमारे अंदर बहुत सारी अपेक्षाएं होती है। हर व्यक्ति से कोई-न-कोई अपेक्षा
रखना और उसका पूरा न होना आपको कष्ट पहुचाता है। तनाव
देता है। धीरे-धीरे आप अंदर ही अंदर दबाव और तनाव के शिकार होते चले जाएंगे। इससे
आपके सेहत पर भी नकारात्मक असर पडेगा। ऐसे में अनावश्यक तनाव और झुंझलाहट को कम
करने का सबसे अच्छा रास्ता है, दूसरों से अपनी
अपेक्षाओं में कमी करना।
सैलरी के लिए काम करना: Salary Ke Liye Work Karana
क्या आप सिर्फ सैलरी पाने के लिए काम करते है ? काम के प्रति कोई जुनून आपके अंदर नही है? यदि काम के प्रति आपकी सोच ऐसी है, तो यह ठीक
नही है। इससे आपकी तरक्की ऐसी है, तो यह ठीक नही है।
इससे आपकी तरक्की की राह बंद हो जाती है। ऐसे में वही काम करें, जो आपके पसंद लायक हो। जो आपको मानसिक रूप से सुकून और संतुष्टि दे। काम
में मन लगेगा, तो तरक्की होगी, सैलरी बढेगी, इससे आप खुश रहेगे। बेहतर करने कि
सोचेगे।
डर और चिंताओं को पकडे रहना: Fear And Tensions Me Rahana
कई बार नकारात्मता
और डर के कारण जीवन में खुशी के कितने लम्हे यही जाया हो जाते है। जिन चिंताओं और
डर के कारण आप आगे नही बढ पा रहे थे, वे वास्तव में
उतने बडे थे ही नही जितना आपने उसे बना दिया था। इसलिए परिस्थितियों के गुलाम न
बनें और हर लम्हें खुलकर जिएं। आपको बस अपनी सोच बदलने की जरूरत है। सकारात्मक
सोचें, इसके बाद आप देखेगें कि जीवन कितना सुखद है।
बातों को दिल पर लेना:Bato Ko Heart Par Lena
किसी ने किसी की तारीफ कर दी, तो आप चिढ गए। दरअसल,हम हर समय दुखी होने के लिए आतुर रहते है और अपने भीतरी घावों को भरने नही देते। जो लोग आलोचना बर्दाश्त नही कर सकते, वे इसे व्यक्तिगत तौर पर ले लेते है। अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते है, तो आपको आलोचना और प्रशंसा दोनों को समान रूप से लेना चाहिए। लोग जो कहते है उसे ध्यान से सुनें,लेकिन उसे दिल पर न लें।
नकारात्मक लोगों का साथ:
जिन लोगों के साथ आप समय बिताते है, वे जान-अनजाने में आपके जीवन पर बहुत बडा असर डालते है। नकारात्मक सोच के लोग जीवन में आनंद, सौदर्य, रोमांच और चाहत जैसे अनुभवों से अछूते रह जाते है। ऐसे लोग हमेशा परेशान रहते है। वे जीवनमें कभी खुश नही रहते है। खुश रहने के लिए ऐसे लोगो से दूर रहे।
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