दिल के लिए ट्रेडमिल (Treadmill) या क्रॉस ट्रेनर (Cross Trainers)
दिल की सेहत दुरूस्त रखना चाहते है। मांश पेशियों एवं हड्डियों
को भी मजबूती देनी है। समझ नही आ रहा कि ट्रेडमिल लें या फिर क्रॉस ट्रेनर ? पहले दोनों के फायदों को जाने, उसके बाद ही खरीदें। यदि हृदय रोग से बचे
रहना चाहते है, तो बिना अधिक सोचे, ट्रेडमिल खरीदें। यह हृदय के लिए बेहतर
वर्कआउट मशीन है। यदि आपको जोडों से संबंधित समस्या है और वजन कम करना है, तो क्रॉस ट्रेनर ले सकते है। फिटनेस
ट्रेनर एंड एक्सपर्ट, कहते है कि कार्डियो एक्सरसाइज के लिए
ट्रेडमिलक्रॉस ट्रेनर से अधिक बेहतर है। ट्रेडमिल जहां पूरे शरीर का वर्कआउट करता
है, वहीं क्रॉस ट्रेनर पैरां, हाथों, घुटनों और जोडोंको अधिक मजबूती देता है। हृदय गति को बढाने और
कैलोरी बर्न करने के लिए ट्रेडमिल को बेहतर माना गया है। इसके बावजूद दोनों के ही
अपने फायदे-नुकसान है। ट्रेडमिल पर जब आप दौडतेंहै, तो बाहर दौडने की तुलना आप अधिक ध्यान देकर लगातार दौड पाते
है।
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इससें हृदय में रक्त प्रवाह तेजी से होताहै, जिससे हृदयकी सेहत सुधरती है। ट्रेडमिल एक वॉकिंग एक्सरसाइज
है, जबकि क्रॉस ट्रेनर सीढी चढने की तरह है।
इसमें सिर्फ ऊपर-नीचे, आगे-पीछे करते है। जब हम सीढियां चढते है, तो घुटनों पर ज्यादा दबाव पडता है। इससे
घुटनों की सेहत ठीक होती है। जहांतक वजन कम करने की की बात है, तो क्रॉसट्रेनर और ट्रेडमिल दोनों ही वजन
कम करते है। कई बार ट्रेडमिल पर अधिक तेज रफ्तार में दौडनेके कारण लोग अपना संतुलन
खो बैठते है, जिससे चोट लग जाती है। इस लिहाज से क्रॉस
ट्रेनर अधिक सुरक्षित है। ट्रेडमिल की खासियत यह है कि ये किसी भी उम्र के व्यक्ति
के लिए परफेक्ट वर्कआउट मशीन है। अपनी क्षमता और स्टैमिना के मुताबिक इसकी गति
को आप घटा-बढा सकते है। जिन लोगों को जोडों से संबंधित कोई समस्या है, उन्हें क्रॉस ट्रेनर खरीदना चाहिए।
ट्रेडमिल पर वर्कआउट करने से शरीर की मांशपेशियां मजबूत होती है। इस पर दौडने से
पहले अपनी ‘टारगेट हार्ट रेट’ को जान लें। जल्दी वजन घटानेके चक्कर
में ज्यादा स्पीड न रखें। किसी को भी अपनी ‘टारगेट
हार्ट रेट’ की 50 से 70 फीसदी स्पीड से ज्यादा पर नही दौडना चाहिए वरना आपको दिल का दौरा भी
पड सकता है।
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