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2019-05-19

Stem Cell Therapy Hota Kya Hai, Septic Shock Kya Hota Hain Jankari Hindi Me

स्टेम सेल थेरेपी क्या होता है उसे सेप्टिक शाॅक क्या होता है के बारे में जानकारी हिंदी में



गंभीर मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है सेप्टिक शाॅक


ICU (गहन चिकित्सा कक्ष) में भर्ती मरीजों खासकर सेप्टिक शाॅक के मरीजो के लिए स्टेम सेल थेरेपी के नतीजे काफी उत्साहवर्धक है..............



स्टेम सेल थेरेपी का प्रयोग ज्यादातर गंभीर और लाइलाज रोगों में किया जाता है। जैसे स्पाइनल कॉर्ड इंजरी,  मस्कुलर डिस्ट्राफी, लंग फाइब्रसिस, मोटर न्यूराॅन डिजीज एवं गंभीर अर्थ राइटिस आदि, लेकिन भारत में पहली बार इसका प्रयोग icu में सेप्टिक शाॅकके मरीजों की जान बचाने के लिए किया जा गया। वास्तव में यह मरीज काफी दिनों से पेसाब में इंफेक्शन ग्रस्त था लेकिन इसकी यूरेथ्रा(पेशाब कि नली) मे इंजरी कि वजह से वह खून में गंभीर संक्रामक यानी सीवियर सेप्सिस से ग्रस्त हो गया और दुसरे दिन ही सेप्टिक शाॅक में चला गया। इस कारण उसे ICU में भर्ती कराना पड़ा और किडनी फेल होने की नौबत भी आ गई। उसका सीरम क्रिएटिनिन 4.1 और
ब्लड काउंट 400000 के लगभग था। मरीज का ब्लड प्रेशर भी तेजी से गिरने लगा था। ICU में मौजूद इंटेसिविस्ट और नेफ्रोलाॅजिस्ट के भरसक प्रयास के बाद भी 36 घंटे तक मरीज काफी सीरियस बना रहा,
तब मरीज के रिश्तेदारों की सहमति तथा अस्पताल प्रशासन की अनुमति से स्टेम सेल ट्रांसफ्यूजन (एक प्रकार की स्टेम सेल थेरेपी) किया गया और अगले 24 घंटों में मरीज की हालत सुधरने लगी और 3 दिन में वह अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो गया। असल में इस प्रकार के मरीजों को आमतौर पर 3 से 4 हफ्ते तक ICU में रखा जाता है जो जान के खतरे के साथ बेहद खर्चीला भी साबित होता है।


सेप्टिक शाॅक के लक्षण



  • रक्त में गंभीर संक्रमण ब्लड काउंट का 12000 से ऊपर होना।
  • ब्लड प्रेशर का गिरना।
  • बेहोशी की हालत।
  • पेशाब न आना, सीरम क्रिएटिनिन का बढ़ना या किडनी फेल होना
  • सांस फूलना
  • हाथ और पैर का पीला और ठंडा पड़ना।


सेप्टिक शाॅक का ईलाज


ज्यादातर इस प्रकार के मरीज का इलाज ICU (गहन चिकित्सा कक्ष) में किया जाता है जिसमें मुख्यत: नस द्वारा ग्लूकोज एंटीबायोटिक ऑक्सीजन एवंब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली दवाएं दी जाती है।




कैसे जान बचाती है स्टेन सेल से जाने...............




  •  प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर।
  •  ग्रोथ फैक्टर (शरीर का एक रसायन) की मात्रा बढ़ाकर।
  • डारमेट स्टेम सेल्स ( सोई हुई स्टेम सेल )को जाग्रत करके।


किस प्रकार की स्टेम सेल का प्रयोग


सेप्टिक शाॅक एक इमरजेंसी स्थिति है। इसलिए अंबलाइकल कार्ड से प्राप्त मीसेनकायमल स्टेम सेल्स ही सबसे सुरक्षित और उपयोगी पाई गई है। खास बात यह कि इसमें रिएक्शन कि संभावना नगण्य होती है और वह प्रचुर मात्रा में आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है।

 इमरजेंसी में स्टेम सेल्स का प्रयोग


  • एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम या फेफड़े का फेर में फेल होना।
  • सीवियस सेप्सिस या सेप्टिक  शाॅक या रक्त में गंभीर संक्रमण।
  • एक्यूट रीनल फेल्यर।
  • आईएलडी या लंग फाइब्रोसिस


अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों की राय


 अमेरिकन जरनल ऑफ रेस्पिरेटरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन में डॉक्टर जेफ्री  एक के अनुसार सेप्टिक शाॅक एक बहुत खतरनाक बीमारी है जिसका इलाज खर्चीला है, लेकिन स्टेम सेल्स थेरेपी ने इसके इलाज को नई दिशा दी है और इससे काफी सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। इसी प्रकार कैनेडियन क्रिटिकल केयर एंड ट्रांसलेशनल मेडिसिन ग्रुप के अनुसार स्टेम सेल थेरेपी ने मरने वालों की संख्या काफी कम कर दी है। यह बात उन्होंने अपने शोध पत्र में प्रकाशित की है।

विशेष सुझाव


सेप्टिक शाॅक जैसे गंभीर रोगों में स्टेम सेल्स का प्रयोग क्रिटिकल केयर इंटेसिविस्ट एवं अनुभवी स्टेम सेल्स ट्रांसप्लांट सर्जन टीम द्वारा ही उपयुक्त अस्पताल में किया जाना चाहिए। अनेक मरीजों मे एक से ज्यादा बार भी स्टेम सेल्स रात भोजन ट्रांसफ्यूजन की जरुरत पड़ सकती है और हर मरीज एक नई चुनौती होता है। इसलिए कोई जरुरी नहीं कि सभी मरीजों मे जैसा एक जैसा परिणाम सामने आए।

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