Kidney Cancer Ke Bare Me Jankari
किडनी कैंसर कैसे होता है??
कई तरह के कैंसर होते हैं, उन्हीं में से एक है गुर्दे का कैंसर। कैंसर जैसी बीमारियां आमतौर पर इसलिए जानलेवा साबित होती हैं, क्योंकि उनके बारे में मौजूद आधुनिक तकनीकों के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। अगर समय पर ध्यान दिया जाए, तो गुर्दे के कैंसर से भी पूरी तरह मुक्ति पाई जा सकती है। Expert कहते हैं कि गुर्दे में ट्यूमर हो जाता है, जिससे गुर्दे का कैंसर होता है। ऐसा गुर्दे की कोशिकाओं की एक असामान्य वृद्धि के कारण होता है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल है पेशाब में खून आना, पेट में दर्द, वजन कम होना और कई बार तेज बुखार आना, लेकिन बुखार 10-15% प्रतीशत लोगों में ही होता है। कई बार ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। पेशाब में खून आने से एनिमिया हो सकता है, लेकिन खून आने के बाद भी शरीर में खून और कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है। किडनी के कैंसर का इलाज यदि सही समय पर न करवाया जाए, तो यह लिंफ नोड्स (गिल्टियों), हड्डियों, दिमाग और फेफेड़ों में भी फैल जाता है। दिमाग में फैलने से स्ट्रोक हो सकता है, जबकि लिंफ नोड्स में गिल्टियां बड़ी हो जाती हैं। फेफड़ों में समस्या होने पर खांसी अधिक होती हैं इसका इलाज ओप्रतिओन के जरिये संभव है, किडनी मे बड़ा ट्यूमर को निकाल दिया जाता हैं और छोटा ट्यूमर होने पर आधी किडनी काट दी जाती हैं। गुर्दे के कैंसर के विभिन्न प्रकार हैं, जिसमे से सबसे साधारण बच्चो मे विल्म ट्यूमर और वयस्को मे गुर्दे के सेल का कार्सिनोमा (हाईपर नेफोमा भी कहा जाता है) होना होता है। जैसे ही किसी के मूत्र में अधिक खून आने की समस्या नजर आए या मूत्र का रंग गाढ़ा लाल हो, पेट में दोनों तरफ लगातार टीस के साथ दर्द हो, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि यह गुर्दे का कैंसर हो सकता है। इन लक्षणों और पेट के दोनों तरफ गांठ की उपस्थिति इस बात की तरफ इशारा करती है कि आपके गुर्द में कार्सिजेनिक कोशिकाएं विकसित हो रही हैं, जो आपकी सेहत और जीवन के लिए खतरा हैं। ऐसे में शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लें। कई रोगी लक्षणों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते। इलाज में अधिक देर होने से विकल्प सीमित हो जाते हैं।मुख्य तथ्य
- शोध की मानें, तो किडनी कैंसर के बढ़ते मामले की एक प्रमुख वजह मोटापा भी है।
- एल्कोहल भी किडनी की सेहत पर विपरीत असर डालता है।
- धूम्रपान करने वालों में औसतन 50 प्रतिशत किडनी कैंसर होने का खतरा रहता है।
किडनी कैंसर के कारण/लक्षण
- पेट में तेज दर्द, लगातार बुखार, वजन कम होना और पेशाब में खून आना इस बात की तरफ इशारा करता है कि आप गुर्दे के कैंसर से ग्रस्त हैं।
धूमपान एवं एल्कोहल
अगर आप धूम्रपान व एल्कोहल का सेवन करते हैं, तो किडनी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। धूम्रपान करने वालों में औसतन 50 प्रतिशत किडनी कैंसर होने का खतरा होता है। अगर आपकी धूम्रपान की लत । बढ़ती जा रही है, तो यह प्रतिशत बढ़ भी सकता है। जो लोग सिगरेट पीते हैं, उनमें किडनी कैंसर की संभावना धूम्रपान नहीं करने वालों से दुगनी होती है।
आनुवांशिक कारण
कुछ लोगों में खराब जींस के कारण किडनी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। डीएनए में किसी भी तरह के बदलाव करने से जीस असमान्य ढंग से काम करने लगती है। इन कारणों से होने वाले कैंसर को आनुवांशिक कहा जाता है। वैज्ञानिक इस तरह के जीन की खोज में लगे हैं, जो किडनी कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। आनुवांशिक कैंसर से ग्रस्त व्यक्ति में । अक्सर कम उम्र में ही इसके लक्षण दिखने लगते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर से किडनी की समस्या भी हो सकती हैं, क्योंकि किडनी हमारे शरीर से दूषित पदार्थों को बाहर निकालती है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की रक्त वाहिकाए संकरी या मोटी हो जाती है। इस कारण से किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है और खून में दूषित पदार्थ जमा होने लगते हैं। ऐसे में किडनी कैंसर के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
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