शारीरिक और मानसिक से खुश यानि हॅप्पी जीवन कैसे बिताए
या मन को कैसे खुश रखे॥
हर कोई चाहता है कि वह शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप में स्वस्थ और सबल बना रहे। ऐसा संभव है, लेकिन इसके लिए जिंदगी में बहुत कुछ बदलना होगा। वेलनेस और हीलिंग एक्सपर्ट कहते हैं, "बढ़ती उम्र के साथ सेहतमंद रहना एक कला है। यह स्वयं पर निर्भर करता है। उम्र भर सेहतमंद बने रहने के लिए सबसे सामान्य एवं महत्वपूर्ण बात ये है कि आपकी सोच कैसी है? क्या आप चीजों को सकारात्मक तरीके से लेते हैं? हर किसी के सोचने की प्रक्रिया सकारात्मक होनी चाहिए। बिना सकारात्मक रवैये के कोई भी मानसिक रूप से शांत नहीं रह सकता। जीवनशैली क्या है, किस तरह आप जिंदगी जीते हैं, लोगों से मिलते-जुलते हैं या नहीं आदि हर बातें स्वास्थ्य पर असर करती हैं। यदि सोचने की प्रक्रिया सकारात्मक है और आप दूसरे लोगों या खुद को कोसते नहीं हैं, खामियां नहीं निकालते, तो आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।
अमेरिका के नेशनल वेलनेस इंस्टीट्यूट के अनुसार, "शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना एक ऐसी सक्रिय प्रक्रिया है, जिसके जरिए आप खुद को ऊर्जावन बनाए रख सकते हैं। संस्थान ने सेहतमंद रहने के आठ पहलू बताए हैं। ये सभी पहलू कहीं न कहीं जिंदगी और स्वास्थ्य से परस्पर संबंधित हैं।"
दिमाक का इस्तेमाल करके (Brain Ka Istemal Karake)
मस्तिष्क को सक्रिय बनाए रखने के लिए इसका विस्तार करना होगा। अध्ययनों से पता चला है कि दिमागी कसरत व्यक्ति को मानसिक रूप से तेज व सतर्क बनाता है। आप खूब पढ़ें। खुद की जीवनी लिखें। कभी-कभी उन भाषणों, व्याख्यानों का हिस्सा बनें, जो जिंदगी को सही तरीके से जीने के बारे में बताती हो। नई भाषाएं सीखें। उन चीजों को जानें, जो दिमाग को अधिक सक्रिय रखते हैं।शारीरिक मजबूतीयों से (Physical Yani Sharirik Majbuti Se)
जब बात आती है शारीरिक मजबूती की, तो इसका सीधा संबंध सेहतमंद शरीर से है। खुद को शारीरिक रूप से मजबूत बनाएं। इससे जीवन का हर हिस्सा सकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। शरीर को शीर्ष पर रखते हुए उसका ध्यान दें। जिम ज्वाइन करें। सेहतमंद आहार लें।
भावनात्मक मजबूती (Bhavnatmak Majbuti Se)
जिंदगी को सेहतमंद तरीके से जीने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। भावनात्मक रूप से खुद को मजबूत बनाएं। इसमें जीवन के प्रति अपनी सोच को विस्तृत करना शामिलहै। अपने करियर, घर-परिवार या जिंदगी के किसी मोड़ पर पूर्ण रूप से संतुष्टि और परिपूर्णता का अहसास होना जरूरी है। ऐसे खालीपन खुद पर हावी न होने दें।जिस कार्य में दिलचस्पी हो, उसे करें। दोस्तों के साथ मिलकर संगीता आनंद उठाएं। स्थानीय कॉमेडी क्लब का हिस्सा बनें जीवनशैली में बदलाव लाएं। इससे उत्साह बढ़ेगा, खोया हुआ आत्म-सम्मान प्राप्त होगा और मानसिक रूप से शांति मिलेगी।
जिंदगी को सेहतमंद तरीके से जीने के लिए यह एक महत्वपूर्ण पहलू है। भावनात्मक रूप से खुद को मजबूत बनाएं। इसमें जीवन के प्रति अपनी सोच को विस्तृत करना शामिलहै। अपने करियर, घर-परिवार या जिंदगी के किसी मोड़ पर पूर्ण रूप से संतुष्टि और परिपूर्णता का अहसास होना जरूरी है। ऐसे खालीपन खुद पर हावी न होने दें।जिस कार्य में दिलचस्पी हो, उसे करें। दोस्तों के साथ मिलकर संगीता आनंद उठाएं। स्थानीय कॉमेडी क्लब का हिस्सा बनें जीवनशैली में बदलाव लाएं। इससे उत्साह बढ़ेगा, खोया हुआ आत्म-सम्मान प्राप्त होगा और मानसिक रूप से शांति मिलेगी।
सामाजिक बने (Social Bane)
अकेलापन तनाव एवं अवसाद का कारण बनता है।ऐसे में सामाजिक दायित्वों को निभाना स्वस्थ्य रहने की मुख्य सीढी है।मानसिक सुख और शांति के लिए दोस्तों और परिवारों के साथ साफ जुड़े रहें। इससे खुशी का अहसास होगा। यही अहसास आपको सेहतमंद और ऊर्जावान बने रहने में मदद करेगा। खाली समय में उनसे मिले-जुलें, जिनकी रुचि आपकी रुचियों से मिलते होआध्यात्मिकता बने (Spiritual Bane)
सेहतमंद बने रहने की महत्वपूर्ण कुंजी है यह। इसके तहत स्वयं के दृढ़ विश्वासों एवं विचारों को खोज कर उसे और मजबूती दें। उम्र चाहे कोई भी हो, अपने व्यक्तिगत विचारों, विश्वासों को मजबूत बनाने जाएं। इसके लिए ध्यान करें, प्रार्थना करें और धार्मिक पुस्तक पढ़ें। इससे जीवन को जीने, उसे सेहतमंद और ऊर्जावान बनाए रखने का उद्देश्य प्राप्त होता है।व्यावसायिकता (Professionalism)
इसके अनुसार, जितना हो सके आप अपने ज्ञान, जानकारियों, अनुभवों को दूसरों के साथ बांटें। इससे आपको खुशी महसूस होगी। किसी को पढ़ाएं, जरूरतमंदों की मदद करें। पार्टटाइम या कोई ऐसा काम करें, जिससे दूसरों की मदद हो सके।पर्यावरण से प्रेम करे और उनके बिच समय बिताए
पर्यावरण और प्रकृति के बीच आप जितना रहेंगे, ऊर्जावान बने रहेंगे। प्रकृति से खुद को जोड़ें। हरियाली, रिसाइक्लिंग की तरफ बढ़ें। लंबी उम्र और स्वस्थ जीवनशैली व्यतीत करना न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से अच्छा है, बल्कि लोगों के लिए भी फायदेमंद है। प्रकृति के बीच रहने से मानसिक रूप से शांति मिलती है। बागवानी करें। ऑर्गेनिक सब्जियां उगाएं। रिसाइक्लिंग कार्यक्रमों या साफ-सफाई अभियान में हिस्सा लें।दैनिक जीवन की खानपान (Daily Food)
खानपान पर ध्यान दें, क्योंकि बिना पौष्टिकता से भरपूर भोजन किए आप स्वस्थ नहीं रह सकते। एक्सरसाइज करें, संतुलित आहार लें और स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक लक्ष्य-निर्धारित करें। मधु कोटिया कहती हैं, "हमारे सोचने की जो भी प्रक्रिया है, उसी अनुसार हमें बीमारियां भी होती हैं। यदि हमारी सोच खुद के प्रति, आसपास के लोगों के प्रति, वातावरण और चीजों को लेकर सकारात्मक हो जाती है, तो असमय बीमारियां होने की संभावना काफी हद तक कम हो सकती हैं। हम हमेशा खुश रह सकते हैं।"
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