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Mood Swing Kya Hota Hain Aur Mood Swings Kyu Hota Hai
गर्भावस्था में महिलाओं के मन में कई प्रकार की भावनाएं जन्म लेती हैं। ऐसे में कभी-कभी महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं।
Mood- Swing Kya Hota Hain??
गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था है, जब महिलाओं के अंदर कई प्रकार की भावनाएं और विचार जन्म लेते हैं। गर्भावस्था के समय कई प्रकार के टेस्ट, डॉक्टर से समय-समय पर मिलना, परिवार में उत्साह, क्रेविंग्स जैसी चीजों से गुजरने के साथ मूड का स्विंग्स होना महिलाओं को थोड़ा चिड़चिड़ा बना देता है। कई बार आप बहुत खुश होती हैं, तो कुछ पलों में आपको बहुत गुस्सा भी आने लगता है, पर यह कोई चिंता की बात नहीं, प्रेगनेंसी में मूड स्विंग होना बहुत आम बात है। व्यवहार में आने वाले इस उतार-चढ़ाव का आप आनंद ले सकती हैं। भावनात्मक परिवर्तन गर्भावस्था का एक अहम हिस्सा होता है, क्योंकि महिला के शरीर में हॉर्मोन्स में बदलाव होता है। इसलिए माता-पिता दोनों को इसके लिए समान रूप से तैयार होना चाहिए। इस दौरान पुरुषों की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण होती है। उन्हें अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए। पत्नी के साथ शांत व्यवहार बनाएं रखें और उनके साथ अच्छा बर्ताव करें। साथ ही इस दौरान उनका पूरा ख्याल रखें।
सेल्फ-केयर और पैंपरिंग :
ऐसे समय में महिलाओं के लिए यह बहुत आवश्यक है कि वह अपने शरीर और मन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अपने शरीर की ज़रूरतों को समझें। संगीत, पढ़ना, लिखना, पेंटिंग, स्पा और शॉपिंग से मन को बहलाएं। लेकिन बहुत जरूरी है कि आप अपनी आवश्यकतानुसार ही चीजों को करें। अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य से कोई समझौता न करें। गर्भावस्था के दौरान, अपने और अपने बच्चे को प्राथमिकता दें, इसके अलावा इस दौरान खुद को व्यस्त रखें। जो आपको संतुष्टि देता हो, वह काम करें।
बेहतर आहार :
शिशु का पोषण पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि मां क्या और कैसा आहार ले रही है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों का सेवन जरूर करें। इस दौरान आपको प्रोसेस्ड और पैक्ड खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इसके बजाय गाय का दूध, अंडा, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। कभी-कभार क्रेविंग को शांत करना ठीक है।
शारीरिक गतिविधि या व्यायाम:
गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से किसी प्रकार की शारीरिक गति विधि जरूर करनी चाहिए। इन गतिविधियों के कारण आप पूरे दिन सक्रिय, जीवंत और ऊर्जा वान महसूस करती हैं। यह तनाव से दूर रखने में मदद करती है। इस दौरान सैर, स्विमिंग और कुछ हल्के योग करने चाहिए। व्यायाम आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है। गर्भावस्था के दौरान जितना और जो व्यायाम जरूरी है, उतना ही करें।
साथी को करें प्यार :
यह वह समय होता है, जब आप अपने साथी के सबसे करीब होते हैं। इस दौरान आपके पति आपकी मांगों का विशेष ख्याल रखते हैं। यह आपकी भी जिम्मेदारी बनती है कि आप उन्हें उनके प्रयासों के लिए उनकी सराहना करें। गर्भावस्था के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय अपने साथी के साथ बिताने की कोशिश करें और अपनी सारी चिंताओं को दूर करें।
मनोरंजन का सहारा लें :
जीवन के इस चरण में गपशप और नकारात्मकता से जितना हो सके, दूर रहने की कोशिश करें, क्योंकि ये आपके होने वाले बच्चे को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके बजाय, अच्छी फिल्में देखें, दोस्तों के साथ समय बिताएं और खुद को तरोताजा रखें। लंबी और अच्छी नींद आपके लिए बहुत जरूरी है, लेकिन इसके साथ जरूरी है कि आप सोने की पोजीशन का भी ध्यान रखें। हमेशा पीठ के बल सीधा सोना महत्वपूर्ण है, जो कभी-कभी परेशान कर सकता है, लेकिन यह आपके और आपके बच्चे के लिए अच्छा है। गर्भावस्था के दौरान रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लें।
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