Behoshi(Syncope) Ho Sakata Hain Ghatak
लोग अपने जीवनकाल मे कभी न कभी बेहोश हो सकते हैं। ज्यादातर लोग इसे मिर्गी समझने की भूल करते है,जबकि बेहोशी का एक प्रमुख कारण दिल की खराब कार्यप्रणाली से संबंधित है।दिलकी धड़कन के अनियमित होने से भी बेहोशी संभव है। बेहोशी से संबंधित विभिन्नन पहलुओं और इसके इलाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं कुछ विशेषज्ञ डॉक्टर..
Log Behosh Kyu Hote Hain???
बेहोश होने को चिकित्सकीय भाषा मे सिनकोप कहा जाता है। American Heart Association सिनकोप को अस्थायी बेहोशी कहता है जो मस्तिष्क मे खून का प्रवाह अपर्याप्त हाने से होता है। ऐसा तब होता है जब मस्तिष्क काे पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर पाता है।
बेहाशी के मामले मे सबसे अधिक जरूरी है यह जानना कि इस परेशानी को बडी बीमारी या बडा खतरा बनने से कैसे रोका जाये। By Shubham Chauhan
एक नजर इनके मामले पर
50 साल के पेशेवर सतीश कपूर (बदला हुआ नाम) शारीरिक तौर पर काफी सक्रिय थे। रोजाना 15 घट काम करने की उनकी आदत से दूसरे भी प्रेरित होते थे। अचानक एक दिन वह दोपहर बेहोश हो गए तो उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। ईसीजी Electrocardiogram में नतीजे सामान्य थे, पर कुछ दिन बाद वह फिर बेहोश हो गए। इस बार उन्हें एक हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया जब उनका कई बार ईसीजी Electrocardiogram किया गया, तब असली कारण समझ आया । डॉक्टर ने बताया कि ऐसा एरीदमिया (एक स्थिति, जब हदय की धड़कन अनियमित हो जाती है) की वजह से होता है। कुछ समय के लिए बेहोश हो जाने के मामले अक्सर होते रहते हैं, लेकिन परेशानी तब खड़ी होती है, जब हम इसे मिर्गी मानकर न्यूरोलॉजिस्ट के पास चले जाते है। दरअसल, सही सूचना, जागरूकता का अभाव बेहोशी की समस्या के प्रमुख कारण हैं। आपको पता होना चाहिए कि बेहोशी का कारण दिल की धड़कन की अनियमित स्थिति होती है और इसलिए न्यूरोलॉजिस्ट के पास न जाकर आपको हृदयरोग विशेषज्ञ के पास जाना जरूरी है। अनियमित घड़कन की स्थिति जब बहुत धीमी होती है तो पीड़ित चल-फिर नहीं पाता और बेहोश हो जाता है। वहीं तेज धड़कन की स्थिति में उसकी जान भी खतरे में पड़ सकती है।
हृदय रोगी हो जाएं सचेत
वैसे तो सिनकोप (बेहोशी की स्थिति) के अधिकांश शिकार साठ साल से अधिक उम्र के लोग होते हैं। हालांकि कम उम्र के लोगों और यहां तक कि बच्चों में भी बेहोशी की समस्या उत्पन्न हो सकती है,पर जो लोग कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कॉनजेनाइटल हार्ट डिफेक्ट्स , वेट्रीकुलर डिसफंक्शन के साथ हार्ट अटैक झेल चुके है, उन्हे जोखिम ज्यादा हो सकता है। दरअसल सिनकोप की वजह से अचानक दिल का दौरा पड सकता है। अगर दिल की धडकन की असामान्य स्थिति(एरिदमिया) का उपचार समय पर नही किया जाए तो बेहद घातक हो सकता है।
कैसे होती है जाॅच
बेहोशी की जॉच का सामान्य तरीका है इलेक्ट्रोकािर्डियोग्राफी (ईसीजी) । खुन में शुगर का स्तर और ब्लड काउंट की भी निगरानी की जा सकती है । नतीजों के आधार पर समस्या की गंभीरता का आकलन करने के लिए और या आवश्यकता हो सकती है।
इलाज के बारे में
जीवनशैली में बदलाव और दवाओ से भी इसका इलाज किया जाता है। हालाकि यह सब चिकित्सकीय स्थिति की गंभीरता पर निर्भर है। सिनकोप का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि इसका कारण क्या है।
ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है कि बेहोशी होने पर किस तरह के टॉक्टर के पास जाना चाहिए। आमतौर पर लोग शीघ्र ही न्यरोलॉजिस्ट से संपर्क करते हैं। यदि अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट नहीं मिले तो आप फिजीशियन से भी मिल सकते हैं। वैसे बेहोशी का सटीक इलाज कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट के पास होता है। वे ईसीजी कर इलाज के बारे में परामर्श देते हैं। वे पेसमेकर लगाकर इससे आपकी धीमी हृदय गति को नियमित करते हैं।
सजग करने वाले लक्षण
यदि बेहोशी आने वाली है तो त्वचा पीली हो जाती है। धडकने असामान्य होने लगती है। कमजोरी बहुत महसूस होती है। िसिर भारी हो जाता है और जी मिचलाने लगता है । पसीना बहुत आने लगता है।
ध्यान रहे
सिनकोप के मरीज को वाहन चलाते वक्त सावधानी रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योकि अचानक बेहोश होने की स्थिति मे दुर्घटना होने का जोखिम बढ जाता है। वही कुछ खास तरह के शारीरिक कार्य करने के संबंध मे भी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
यदि आप खूब पानी पीते हैं, तो आप बेहोशी का खतरा टाल सकते हैं। अधिकतर लोग चाय, कॉफी, कोल्डडिक, ग्रीन टी आदि पीकर बॉडी डिहाइड्रेट (शरीर में पानी की कमी) कर लेते हैं। यदि आप अधिक पानी नहीं पी सकते हैं तो चायकॉफी और विभिन्न कोल्ड ड्रिंक्स पीने के स्थान पर नींबू पानी, छाछ, लस्सी आदि लें ताकि बॉडी को हाइड्रेट रख सके।
याद रखने वाली बातें
1. आप कब बेहोश हो चुके हैं, इस बारे में तारीख व दिन आदि बातों को किसी डायरी में लिख लें ताकि दोबारा डॉक्टर से परामर्श लेते वक्त आप उन्हें इस संदर्भ में जानकारी देते रहें।
2. अगर आपको सीने में दर्द होता है, सांस फूलती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें,क्योंकि ये लक्षण गंभीर हैं। खासकर तब जब हाई ब्लड प्रेशर और हृदय की बीमारी से पीड़ित हों।
3. बेहोश होने वाले व्यक्ति के पैरों के नीचे बड़ा कुशन या मोटा तकिया रखें ताकि उसके पैरों की ऊंचाई सिर के लेवल से ऊपर हो जाए।
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