Toxic Personality Disorder Ke Bare Me Jankari
Toxic Personality Disorder Kya Hain?
जब भी बोलें, कड़वी बात ही मुंह से निकले। बात-बात में ताने और नजरो से उपहास उड़ाने वाले लोग आसपास मिल ही जाते हैं। इसे ही toxic personality disorder कहते है। मनोवैज्ञानिक कहते हैं, "ऐसे 'टॉक्सिक पर्सनालिटी' से बचकर रहना बेहतर।" वैसे ऐसे लोगों का इलाज भी संभव है।
कई लोग बातचीत में जहर उगलते हैं और यह उनकी आदत में शुमार हो जाता है। मनोवैज्ञानिक कहते हैं यह एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्तित्व को नकारात्मक बनाती है। जैसे किसी भी इंसान का एक दूसरे इंसान से जुड़ाव और अलगाव उसकी शख्सियत या व्यक्तित्व तय करता है। एक इंसान किसी के लिए अच्छा हो सकता है तो वही इंसान किसी के लिए बेहद खराब भी हो सकता है, लेकिन इन सभी के बीच एक ऐसा व्यक्तित्व भी होता है जो सभी के लिए परेशानी का सबब होता है। इस तरह के व्यक्तित्व के स्वामी टॉक्सिक, विषाक्त या जहरीला कहा जाता है। जिस तरह से सांप की फितरत हर स्थिति में जहर उगलने की ही होती है उसी तरह टॉक्सिक पर्सनालिटी अपने आसपास के लोगों और माहौल में नकारात्मकता का संचार करता है। यदि आप दूसरे के लिए टॉक्सिक व्यक्ति नहीं बनना चाहते हैं और दूसरों के लिए ही क्यों अपने आप के लिए भी अपने व्यवहार का अध्ययन करना शुरू कर दें।
कैसे जाने टॉक्सिक पर्सनालिटी को
कई बार अपने भी जाने-अनजाने में विषाक्त लोगों का सामना किया होगा, लेकिन संभवतः एक निश्चित परिभाषा न गढ़ पाए हो। सामान्यतः इस तरह के व्यक्तित्व को कुछ लक्षणों से पहचाना जा सकता है। ऐसे लोग भावात्मक और मानसिक तौर पर थकान वाले, असहयोगात्मक रवैया रखने वाले, बात करने के दौरान लगातार टोकने वाले, आपको एक शब्द न बोलने देने वाले और अपने ही बारे में बात करने वाले होते हैं।प्रश्न किए जाने पर उतर की प्रतीक्षा किये बगैर ही ये बीच में कूद पड़ने वाले होते हैं। आत्ममुग्ध और अपनी जरूरतों को ही महत्त्व देते हैं। इस तरह के लोग अपने चारों ओर की सभी चीजों और लोगों को नियंत्रित करने की इच्छा रखते हैं। ये हमेशा कुछ उदास, नकारात्मक या निराशावादी रहते हैं। बातचीत और रिश्ते में कभी भी सकारात्मक नहीं दिखते हैं। हर स्थिति को ड्रामा की शक्ल देने में माहिर होते हैं। इनके साथ हमेशा समस्याएं रहती है। ये केवल आपका समर्थन चाहते हैं- लेकिन आपकी सलाह नहीं है। यह इतने जलनखोर होते हैं कि अपने आस-पास के किसी भी व्यक्ति के लिए खुश नहीं हो सकते। आमतौर पर इनकी ईर्ष्या, निर्णय, आलोचना या गपशप के रूप में सामने आती है। ये मानकर चलते हैं कि बाकी सभी लोग बेहद मूर्ख या अन्य किसी तरह की कमी वाले होते हैं। करीबी रिश्तों में वे आपको अपने आप पर शक करने पर मजबूर कर डालते हैं ताकि आप अपने अधिकारों का दावा करने से डरे। यह झूठ बोलने वाला, रिश्तो में बेईमानी करने वाला, अभिमान और दंभ से भरा व्यक्तित्व होता है। सिडनी आस्ट्रेलिया की साइकोथैरेपिस्ट (मनोचिकित्सक) के मुताबिक, ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति पूरी तरह से टॉक्सिक होता हैं, बल्कि या तो उनका व्यवहार और उस व्यक्ति के साथ रिश्ता रखना विषाक्त होता है। इस तरह का इंसान अंदर किसी भी वजह से बेहद आहत हुआ रहता है।
कैसे प्रभावित करती हैं टॉक्सिक पर्सनालिटी
ऐसे लोग किसी न किसी तरह से आप को प्रभावित करते हैं। यदि आपके नजदीक ऐसे लोग हैं तो आप आसानी से पहचान कर सकते हैं। न चाहते हुए भी आप इनके भावात्मक ड्रामे से प्रभावित होते हैं। आपके इनके करीब रहने में डर महसूस करते हैं। इनके साथ बातचीत करने के दौरान या तो आप थका हुआ महसूस करते हैं या फिर आपका पारा चढ़ने लगता हैं। इसके साथ रहने के दौरान आप खुद के लिए बुरा या शर्मिंदा महसूस करते हैं। आप अनजाने में ही इनको बचाने, इनकी समस्या को ठीक करने और इनकी चिंता करने के एक असामान्य से चक्र में फस जाते हैं।
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