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2021-05-27

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गर्भवती क्या क्या खाना चाहिए


मां की सेहत का सीधा असर पड़ता है गर्भस्थ शिशु पर। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान जरूरी है संतुलित आहार-विहार...



हमारे खानपान का सीधा असर सेहत पर

पड़ता है। गर्भावस्था का समय हर मां बनने

वाली महिला के लिए सुखमय होता है। ये

दिन सेहत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होते

हैं। मां बनने वाली महिलाओं को चिकित्सक

अच्छी डाइट लेने के साथ तनावमुक्त रहने

की सलाह देते हैं। क्योंकि इन सभी चीजों का

असर मां के साथ गर्भ में पल रहे शिशु पर

पड़ता है। यदि मां सेहतमंद रहती है तो शिशु

भी सेहतमंद होता है, यानी कि इन दिनों मां की

सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्थिति भी

अच्छी होनी चाहिए। जिससे शिशु स्वस्थ हो

और मां को भी किसी तरह की परेशानी का न

करना पड़े सामना।



पौष्टिक हो आहार


गर्भावस्था के दौरान सबसे जरूरी है,

संतुलित व पौष्टिक आहार का सेवन।

खाने में मौसमी फल, अंकुरित अनाज,

फाइबरयुक्त चीजें, प्रोटीन और हरी

सब्जियों को शामिल करें।यह सिर्फ मां

के लिए नहीं, गर्भ में पल रहे शिशु के

लिए भी आवश्यक हैं। इन दिनों मांजो भी

सेवन करती है, शिशु को भी उसी से सारे

आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।


इन बातों का रखें ध्यान

● कॉफी का सेवन न करें।

● हर तरह के नशे से बचें।

● खुद से किसी भी दवा का सेवन न करें।

● कोई जेनेटिक बीमारी है तो उसे चिकित्सक से जरूर साझा करें।


पाचनतंत्र रखें दुरुस्तः गर्भावस्था के दौरान

अधिसंख्य महिलाओं में कब्ज और उल्टियां

होने की शिकायत रहती है। इसलिए भरपेट

भोजन कतई न करें। थोड़ा-थोड़ा खाएं

और बीच में डेढ़ या दो घंटे का अंतर रखें।

सामान्य रूप से हल्दी और गुनगुने दूध का

सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन गर्भावस्था

के दौरान इसका सेवन ठीक नहीं रहता है।

गर्भस्थ स्त्रियों को हर उस चीज से परहेज

करना है, जो गर्म तासीर की होती हैं। कब्ज

होने पर हरी सब्जियों व फाइबर वाली चीजों

का सेवन करें।


मेडीटेशन और योग करें: शरीर को स्वस्थ

रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। शरीर

को क्रियाशील रखने के लिए घर के छोटे-छोटे

काम करें। किसी भी काम को जल्दबाजी में

अंजाम न दें। योग और मेडीटेशन सुबह और

शाम जरूर करें। इससे तनावमुक्त रहेंगी और

सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।


तनाव से बनाएं दूरी: आपके हर क्रियाकलाप का असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है, इसलिए हर प्रकार के तनाव से दूर रहें। इन दिनों अपने शौक को पूरा करना फायदेमंद रहता है। संगीत सुनें, किताबें पढ़ें और यदि आध्यात्मिक विचारों की हैं तो पौराणिक किताबें पढ़ें। कई शोधों से साबित हो चुका है कि आपके विचारों का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है।


चिकित्सक के संपर्क में रहें: गर्भावस्था का

समय बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए

चिकित्सक के संपर्क में जरूर रहें और

चिकित्सक द्वारा बताई गई गाइड लाइन

को ही अपनाएं। समय पर जांच, डाइट चार्ट

और जो भी दवाएं बताई गई हों, उनका सेवन करें।

2 टिप्‍पणियां:

Thanks You Guys
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