अगर आप बिटकॉइन कमाना चाहते है तो इससे बेहतर आपको साइट नहीं मिलेगी? तो बिटकॉइन कमाने के लिए क्लिक करे

Search Your Topic In This Blog : I think I written about that.

2021-06-23

vajan kaise ghataye ja sakta hai । vajan kam karne ke upay । vajan kam karne ke liye kya khayen । vajan kam karne ke upay bataiye

वजन कैसे घटाएं तरीका/उपाय या वजन को कैसे कम करें सबसे उत्तम उपाय



बढ़ती उम्र के साथ सिर्फ चेहरे की बारीक रेखाएं ही नहीं बढ़तीं, बल्कि वजन भी बढ़ता है। धीरे-धीरे यही बढ़ा हुआ वजन कई बीमारियों का कारण भी बन जाता है। 40 के बाद अचानक बढ़ने वाले वजन पर कैस पाएं काबू, बता रही हैं



अगर आप भी 40 की उम्र के बाद बढ़ते वजन की दिक्कत का

सामना कर रही हैं तो, आइये जानें इससे बचने के आसान उपायः


कैलोरी फिरसे होने लगेगी बर्न


40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं।

इन्हीं बदलावों में से एक होता है, मसल्स मास का कम हो जाना।

दरअसल, मसल्स मास ही शरीर में कैलोरी जलाने वाले इंजन का काम

करती है। जब मसल्स मास की कार्यक्षमता कम हो जाती है तो कैलोरी

जलने की बजाय शरीर में स्टोर होने लगती है। यह कैलोरी बाद में शरीर



में वसा के रूप में नजर आती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि हर साल हमारे

शरीर में 1 प्रतिशत तक मसल्स मास से

कम हो जाता है। इसका सीधा रिश्ता

एस्ट्रोजन औरटेस्टोस्टेरोन हार्मोन से भी

हार्मोन का स्राव भी कम होता है, जो मेनोपॉज

। मसल्स मास के कम होने से इन दोनों

को प्रभावित करता है। इन सबकी वजह से

मेटाबॉलिज्म धीमा हो है और हमारा शरीर उस गति से कैलोरी नहीं कर पाता है, जैसे पहले करता

था। ये प्री-मेनोपॉज वाली स्थिति होती है और ठीक इसी समय शरीर पर अतिरिक्त चर्बी इकट्ठा होने लगती

है।


हल भी जानिए: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (मांसपेशियों को मजबूत बनाने

के लिए किए जाने वाले व्यायाम) से आपको लाभ मिलेगा।

सप्ताह में दो से चार बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। इससे मसल्स

मास फिर से विकसित होगा, चर्बी कम होगी और

मेटाबॉलिज्म दुरुस्त होगा। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने में किसी तरह

की दिक्कत होतो पर्सनल ट्रेनर की मदद जरूर लें, क्योंकि

गलत तरह से की गई ट्रेनिंग, आपको चोट पहुंचा सकती है।

हर एक्सरसाइस के बीच 30 सेकेंड आराम जरूर करें।

व्यायाम के साथ आपको अपनी खुराक पर भी ध्यान देना

होगा। खाने की थाली में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट यानी

साबुत अनाज की मात्रा बढ़ानी होगी, जबकि इसके उलट

सिंपल कार्बोहाइड्रेट जैसे मैदा आदि से दूरी बनानी होगी।


उम्र के साथ बढ़े व्यायाम भी


अधिकांश भारतीयों की जिंदगी में व्यायाम के लिए कोई

जगह है ही नहीं। जबकि सेहतमंद जिंदगी के लिए जरूरी है

कि जैसे-जैसे उम्र बढ़े, वैसे-वैसे व्यायाम भी बढ़ता जाए।

ऐसा बढ़ते वजन के साथ भी करना है। बढ़ते वजन के

हिसाब से व्यायाम नहीं किया जाएगा तो वजन लगातार सिर्फ

बढ़ेगा ही। पर, ये बात भी माननी होगी कि उम्र बढ़ने के साथ

स्त्री हो

या पुरुष, दोनों की व्यायाम करने की क्षमता और

इच्छा कम हो जाती है। 40 के बाद शरीर व्यायाम के हिसाब

से ऊर्जा के इस्तेमाल को भी कम कर देता है। मतलबखूब

व्यायाम के बाद भी कैलोरी की कटौती बहुत ज्यादा नहीं

होती है। कैलोरी कम नहीं होती और वजन बस बढ़ता चला

जाता है। याद रखिए कि आप जितना ज्यादा व्यायाम करेंगी,

उतना ज्यादा प्रोटीन भी अपनी डाइट में आपको शामिल

करना होगा।

हल भी जानिए: उम्र बढ़ने के साथ व्यायाम कम कर देने

वाली सोच सही नहीं है। जानकारों की मानें तो बढ़ती उम्र के

साथ ज्यादा व्यायाम करने की जरूरत होती है। अगर आपको

लग रहा है कि आप व्यायाम अच्छे से नहीं कर पा रही हैं तो

दोबारा शुरुआत करें, लेकिन धीमे-धीमे। शुरुआत टहलने

से करें, फिर धीरे-धीरे टहलने की गति और दूरी बढ़ा दें।

कुल मिलकर बढ़ती उम्र के साथ आपको रुकना नहीं है,

बल्कि और तेज भागना है ताकि आप फिट रह सकें।


थाइरॉएड पर रखें नियंत्रण


2017 में आई एक रिपोर्ट कहती है कि हर तीसरे भारतीय

को थाइरॉएड की दिक्कत है। ऐसे में इस ग्लैंड की सेहत का

ध्यान रखना तब और जरूरी हो जाता है, जब इसका सीधा

रिश्ता उम्र से हो। दरअसल उम्र के हिसाब से मेटाबॉलिज्म

धीमा पड़ने लगता है। थाइरॉएड ग्लैंड मेटाबॉलिज्म को

नियंत्रित करता है। अगर थाइरॉएड कम या ज्यादा होता है तो


मेटाबॉलिज्म की गति भी इससे प्रभावित होगी। इन दोनों ही

स्थिति में ये शरीर के लिए हानिकारक होगा। अगर आपका

मेटाबॉलिज्म बहुत तेज है तो चाहकर भी आपका वजन नहीं

बढ़ पाएगा। इस स्थिति को हायपरथाइरॉएड कहेंगे। वहीं,

अगर मेटाबॉलिज्म धीमा है तो आपका वजन बढ़ता ही चला

जाएगा। इस स्थिति को हाइपोथाइरॉएड कहेंगे। ऐसी स्थिति

में

|आपको ऊर्जा की कमी महसूस होगी और आप हमेशा

सुस्त रहेंगी।


हल भी जानिए: अपने आहार में सिलेनियम युक्त खाद्य

पदार्थों

को ज्यादा-से-ज्यादा मात्रा में शामिल करें।

सिलेनियम एक तरह का मिनरल होता है, जो संक्रमण से

लड़ने में भी भरपूर मदद करता है। इसके सेवन के लिए दूध

या दही दोनों को ही खाया जा सकता है। एक कप दूध या

दही में 8 माइक्रोग्राम सिलेनियम होता है। ये अंडे और

चिकन में भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है।


जितना बीएमआर, उतना खाना


अकसर महिलाएं घर पर ही डाइटिंग करके वजन कम करने

की कोशिश करती हैं। कई बार इस कोशिश में सफलता

मिलती है और कई बार असफलता। पर, इन महिलाओं को

उदाहरण के तौर पर देखना सही नहीं है। वजह है, उनके

शरीर में डाइटिंग की वजह से होने वाली पोषक तत्वों की

कमी। इस तरह मनमर्जी से डाइटिंग करके महिलाएं कई सारी

बीमारियों को भी दावत दे देती हैं।

हल भी जानिए: खुद ही खुद की डाइटीशियन बनना ठीक

है। इसके लिए किसी एक्सपर्ट की राय जरूरी हो जाती

है।

वे एक्सपर्ट ही आपको बीएमआर यानि बेसल

करेट का

फिडा भी समझा सकते हैं। बीएमआर

जो जिंदा रहने के लिए हमारे शरीर

को चाहिए होती है। बीएमआर जानने के

दर से आपकी डाइट तय कर देंगे। वैसे भी भूखे रह कर भी

मोटापा बढ़ने की आशंका रहती है। दरअसल वसा

करने के लिए भी शरीर को कैलोरी की जरूरत होती है। भूखे

रहने से उतनी कैलोरी शरीर को मिल ही नहीं पाती, जितनी

फैट बर्न करने के लिए शरीर को जरूरत होती है। इतना ही

नहीं, डाइटिंग की वजह से कई बार जरूरत भर फैट भी शरीर

को नहीं मिल पाता जबकि दुरुस्त मेटाबॉलिज्म के लिए वसा

की भी जरूरत होती है। मेटाबॉलिज्म एक प्रक्रिया है,

जिससे फैट, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन ऊर्जा में तब्दील हो

पाते हैं। जब इस प्रक्रिया को ये तीनों चीजें नहीं मिलेंगी तो

शरीर में दिक्कत होना भी लाजिमी है। कभी कमजोरी होगी

तो कभी हिमोग्लोबीन कम होगा। इसलिए बहुत जरूरी है

कि एक्सपर्ट की राय के बाद संतुलित आहार लेकर वजन

कम करने की कोशिश की जाए।



रखें ध्यान इन बातों का भी

 • चीनी का सेवन कम करें।

•नियमित तौरपर व्यायाम करें।

• मौसमी फल और सब्जियों का सेवन भी

जरूरकरें।

•अवसाद है या उसके लक्षण हैं तो ध्यान करें।

अवसाद कम होगा।

• अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं।




0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks You Guys
Please Share This Link