योगा करने से क्या लाभ होता है या योग करने से क्या फायदे होते हैं
आज की तेज रफ्तार जीवनचर्या में तनाव एक अवांछित, मगर जीवन का
आवश्यक अंग बन गया है। भोर से लेकर देर रात तक जिंदगी की दौड़-धूप में धीरे-धीरे
अनेक बीमारियां हमारे शरीर में घर बना लेती हैं।
इन्हें 'लाइफस्टाइल डिजीज' अर्थात जीवनशैली से
उत्पन्न व्याधियां कहा जाता है। मसलन- मोटापा,
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, मधुमेह यानी
डायबिटीज आदि। एक बार ये बीमारियां शरीर में
अपनी जगह बना लें तो इन्हें खत्म करना टेड़ी खीर
सिद्ध होता है। ऐसे में जरूरत है कि अपनी
दिनचर्या में आधा घंटा अपने शरीर के लिए निकाल
लें और इन बीमारियों को शरीर में प्रवेश ही न करने
दें। आपके शरीर को रोग प्रतिरोधी और सशक्त
बनाने के लिए आधा घंटे किया गया योग-आसन-
प्राणायाम आपकी बहुत मदद कर सकता है।
एक्टिव लाइफस्टाइल
यदि आप दिन भर बहुत भाग-दौड़ करती हैं,
अत्यधिक शारीरिक श्रम करती हैं, तो आपको बेहद
सतर्कता की जरूरत है। आप मार्केटिंग या सेल्स,
मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, मीडिया कर्मी हैं, तो
अत्यधिक मेहनत, ड्राइविंग आदि के कारण आपको
तनाव, थकान, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, कमर
दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द की शिकायत हो सकती
है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप सुबह 30
मिनट अपने शरीर को दें। 15 मिनट का सूक्ष्म
व्यायाम अत्यधिक लाभ पहुंचा सकता है। बस,
आपको गर्दन से लेकर शरीर के सभी जोड़ों को
पांच-पांच बार घुमाना या मोड़ना है। पहले गर्दन
को धीरे-धीरे आगे, पीछे, दाएं, बाएं मोड़ें। फिर गर्दन
को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं। यह
प्रक्रिया 5 बार दोहराएं। इसके बाद कंधों पर उंगलियां
रखकर 5-5 बार आगे-पीछे घुमाएं। फिर कमर को
बाएं से दाएं और दाएं से बाएं घुमाएं। कमर के बाद
सीधे खड़े हों, फिर हाथों को घुटनों पर रखकर यही
प्रक्रिया दोहराएं। घुटनों
के बाद पैर की
एडियों-पंजों को 5-5
बार क्लॉकवाइज और
एंटी क्लॉकवाइज
घुमाएं। फिर हाथों की
कोहनियों और
कलाइयों को भी इसी
तरह घुमाएं। खास
बात यह कि हर
अभ्यास के बाद 10
से 15 सेकेंड रुकें।
इस सूक्ष्य व्यायाम के
बाद आपका शरीर
कुछ योगासन के लिए
पूरी तरह तैयार है।
अर्द्धकटि चक्रासन
सबसे पहले अर्द्धकटि
चक्रासन करें। यह
पीठ दर्द, कब्ज और पैरों के लिए लाभकारी होता है।
इसको करने से पार्श्व क्षेत्र की लोच बढ़ जाती है।
मांसपेशियों में खिंचाव के साथ उनमें रक्त की आपूर्ति
बढ़ जाती है। कूल्हे के जोड़ लचीले हो जाते हैं और
कमर के आसपास की अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती
है। इसको करने के लिए पहले सीधी खड़ी
हों। फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे दाहिने हाथ
को सिर के ऊपर उठाएं। हाथ को पूरे श्वास
के साथ आगे की ओर फैलाएं। अब धीरे-
धीरे सांस छोड़ते हुए शरीर को बाईं ओर
झुकाएं। लगभग 30 सेकंड के लिए इस मुद्रा
में रहें। सांस छोड़ते हुए हुए दाहिने हाथ को
धीरे-धीरे नीचे लाएं। दूसरी तरफ भी इसी
प्रक्रिया को दोहराएं।
पादहस्तासन
अब आप पादहस्तासन
करने के लिए फर्श पर चटाई बिछाकर
सीधी खड़ी हो जाएं। दोनों हाथों को नीचे
की ओर सीधा रखें और सामने की ओर
देखें। धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों हाथों को
सिर के ऊपर ले जाएं और उनको आपस में जोड़ लें।
सांस को बाहर की ओर छोड़ते हुए कमर से शरीर को
मोड़ते हुए सामने की ओर झुकें। दोनों हाथों से जमीन
को छूने का प्रयास करें। इस दौरान गर्दन पर कोई
खिचाव न बनाने दें। अब माथे से घुटनों को छूने का
प्रयास करें। संभव हो तो दोनों हाथों को पैरों में लपेट
लें। अपनी क्षमता के अनुसार इस स्थिति में कुछ
सेकंड के लिए रुकें और 5-6 बार सांस लें। धीरे-धीरे
सांस लेते हुए कमर को सीधा करती जाएं। लेकिन
ध्यान रखें कि अगर आप सायटिका या पीठ में तेज दर्द
से परेशान हैं तो इस आसन को न करें। यदि आपकी
जांघों में दर्द या हैमस्ट्रिंग में समस्या है, तब भी आपको
इसे करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाएं इस
आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लें।
इसके बाद अर्धचक्रासन को करने के लिए पैरों को
एक साथ रखते हुए सीधी खड़ी हो जाएं। सांस लेते हुए
धीरे-धीरे हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और हथेलियां
एक-दूसरे के सामने रखें। सांस छोड़ते हुए धीरे से
पीछे की ओर झुकने का प्रयास करें। हाथों को कान से
सटाकर रखें, कोहनियां तथा घुटने सीधे रखें। सिर
सीधा रखते हुए सीने को आसमान या छत की तरफ
उठाएं। सांस अंदर की ओर लेते हुए इस अवस्था को
कुछ देर बनाए रखें और फिर धीरे से वापस आ जाएं।
सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं और विश्राम करें।
गर्भवती और जिन महिलाओं को कूल्हे तथा रीढ़ की
हड्डी में कोई गंभीर समस्या है, वे इसे न करें। जिन्हें
उच्च रक्तचाप, मानसिक विकार और हार्निया की
समस्या है, वे भी इसे न करें।
सेडेंट्री लाइफस्टाइल
ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं को अधिक
शारीरिक श्रम नहीं करना होता। उन्हें एक स्थान पर बैठे
रहकर ही काम करना होता है। तो अगर आप ऑफिस
या बैंक क्लर्क हैं, कॉल सेंटर अथवा रिसेप्शन पर काम
करती हैं अथवा कोई स्टोर, ब्यूटी पार्लर आदि चलाती
हैं, तो आपको मोटापा, कॉलेस्ट्रॉल बढ़ना, हाई बीपी
यानी उच्च रक्तचाप, हृदयाघात और डायबिटीज जैसी
बीमारियां घेर सकती हैं। ये बीमारियां शरीर में प्रवेश न
कर सकें, इसके लिए सुबह उठकर 15 मिनट तेज
गति से टहलें, ताकि आपका पसीना बहे। अब सबसे
पहले आप पश्चिमोत्तान आसन करने के लिए फर्श पर
चटाई बिछाकर सीधी लेट जाएं। दोनों पैरों को आपस
में मिलाकर और शरीर को सीधा रखें। अब दोनों हाथों
को सिर के पीछे की ओर ले जाएं और जमीन से ऊपर
की ओर उठाते हुए तेजी से कमर के ऊपर के हिस्से को
भी जमीन से उठा लें। अब दोनों हाथों को धीरे-धीरे पैरों
की तरफ लाएं और दोनों पैरों के अंगूठों को पकड़ें। इस
दौरान दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। धीरे-धीरे
हाथों से पैरों के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें।
जब आप इसमें सफल हो जाएं तो दोनों हाथों के बीच
से सिर को नीचे करके नाक को धीरे-धीरे घुटनों पर
लगाने का प्रयास करें। अंगूठा पकड़ने
की स्थिति में 5-6 सेकेंड तक रहें।
इसके बाद अंगूठे को छोड़कर
हाथों को पैरों के ऊपर रखते
हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर
खींच लें। इस आसन को 10-
10 सेकेंड का आराम लेकर 3
बार करें।
उष्ट्रासन आसन
इसके बाद उष्ट्रासन
को लें। यह शरीर की प्रतिकूलता
और मानसिक तनाव को कम करता है।
अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और अनेक प्रकार से
लाभदायक है। इसे करने के लिए फर्श पर मैट
बिछाकर घुटनों के बल अर्थात वज्रासन में बैठ जाएं।
अब घुटनों के बल सीधी खड़ी हो जाएं और पिंडलियों
को फर्श पर रखें। आपकी जांघ और छाती एक सीध में
होनी चाहिए। अब सांस को अंदर लें और कमर से
थोड़ा-सा पीछे की ओर झुकें। फिर दाएं हाथ को पीछे
की ओर ले जाकर दाएं पैर की एड़ी पर रख लें। बाएं
हाथ को भी धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं और उसे
बाएं पैर की एड़ी पर रखें। गर्दन को पीछे की ओर झुका
लें। इस मुद्रा में आप 10-15 सेकेंड तक रहें और फिर
प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इस आसन को भी 3
बार करें।
अर्द्ध मत्स्येंद्रासन या वक्रासन
अब अर्द्ध मत्स्येंद्रासन या वक्रासन करें।
शरुआत में इसे योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
रीढ़ की हड्डी और पैरों सहित लगभग पूरा शरीर इस
आसन में शामिल होता है, इसलिए स्वास्थ्य की दृष्टि से
यह शरीर के विभिन्न अंगों के लिए अत्यंत फायदेमंद
है। इसके लिए फर्श पर मैट बिछाकर बैठ जाएं, फिर
दोनों पैरों को आगे फैलाएं। बायां पांव इस प्रकार मोड़ें
कि एड़ी कूल्हे के किनारे से स्पर्श करने लगे। दायां पैर
जमीन पर बाएं घुटने के निकट रखें। बाईं बांह को दाएं
घुटने के ऊपर रखें तथा दाएं पैर के पंजे को बाएं हाथ
से पकड़ लें। दाईं बांह को कमर की ओर से ले जाकर
पीठ के पीछे ले जाएं और पीछे से नाभि स्पर्श करने का
प्रयास करें। इसके बाद सिर दाईं ओर घुमाएं और पीछे
की ओर देखने का प्रयास करें। पीछे सांस छोड़ते हुए
देखें। अपनी क्षमता के अनुसार आसन की स्थिति में
बने रहें। यह आधा चक्र हुआ। इसके बाद इसी क्रिया
को दूसरी तरफ से दोहराएं। तब एक चक्र पूरा होगा।
एक बार पूरा होने के बाद कुछ सेकेंड रिलेक्स हों। इस
आसन को भी 3 बार करें। अंत में 5 मिनट शवासन
करके शरीर को शिथिल करें।
मिश्रित लाइफस्टाइल
इस श्रेणी के लोगों को अत्यधिक मानसिक श्रम करना
होता है। इससे उन्हें अत्यधिक तनाव, अवसाद,
डायबिटीज, मोटापा आदि की शिकायत हो जाती है।
अत्यधिक तनाव इनके पारिवारिक जीवन को भी
प्रभावित करता है। तो अगर आप शिक्षिका, किसी
कॉरपोरेट हाउस में मैनेजर, वकील या कोई प्रशासनिक
अधिकारी हैं, तो आपको पूर्ण स्वस्थ रहने के लिए
अपने शरीर पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। आप अपने
लिए 30 मिनट अवश्य निकालें। सुबह 15 मिनट
सामान्य गति से नियमित रूप से टहलें। फिर अर्द्धकटि
चक्रासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन और अर्द्ध
मत्स्येंद्रासन अथवा वक्रासन 3-3 बार करें। अंत में 5
मिनट शवासन में लेट जाएं और शरीर को विश्राम दें।
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Thanks You Guys
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