कक्षा (क्लास) 12th (inter) के बाद कौन सा कोर्स करें या (10+2 class) इंटरमीडिएट के बाद क्या करे
कॅरिअर का चयन करना 12वीं कक्षा तक कोई गंभीर मामला नहीं होता। लेकिन, 12वीं के बाद एक निश्चित कॅरिअर चुनना और लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक हो जाता है। ऐसे में, अगर आप सही कॅरिअर विकल्प चुनने
के बारे में सुनिश्चित नहीं है, तो कॅरिअर काउंसलर के पास जाने के अलावा आपके पास कोई और ऑप्शन नहीं बचता है। सही कॅरिअर विकल्प का चुनाव आपके जीवन की नींव रखता है। कई छात्र तो ऐसे होते हैं, जो स्पष्ट रूप से जानते हैं कि वे क्या बनना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी कई
छात्र हैं, जो या तो भ्रमित हैं या कॅरिअर वरीयताओं के बारे में कोई जानकारी नहीं रखते हैं। कॅरिअर काउंसलर से परामर्श छात्रों को सही कॅरिअर के विकल्प और उन क्षेत्रों में रुचि लेने में मदद कर सकता हैं, जिनमें वे रुचि रखते हों। कॅरिअर काउंसलर आपको भरोसा देते हैं और आपकी आवश्यकताओं को समझ कर मनोबल को बढ़ाते हैं।
सही कॅरिअर का चुनाव
एक सही कॅरिअर का चयन करना जो कि आपकी योग्यता और व्यक्तित्व से मेल खाता हो, आपकी व्यावसायिक सफलता और तरक्की का आधार होता है। कॅरिअर काउंसलर का मुख्य काम छात्रों को एक ऐसे क्षेत्र का चुनाव करने में मदद करना है, जो उनके कौशल और प्रवृत्तियों के अनुरूप हो। इसलिए कॅरिअर काउंसलर की सहायता से, अधिकांश छात्र सही कॅरिअर का चुनाव कर लेते हैं और अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।
इससे उन्हें कॅरिअर को सफल बनाने में मदद मिलती है। कॅरिअर काउंसलर व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारते हैं और नौकरी से संबंधित जिम्मेदारियों को समझने के लिए तैयार करते हैं। इसके साथ-साथ व्यक्ति के साक्षात्कार कौशल में सुधार करते हैं और व्यक्तित्व विकास और भविष्य के लिए एक उज्ज्वल दृष्टि प्रदान करते हैं।
कितनी होगी salary
अगर आप फ्रेशर हैं, तो
शुरुआत में आपकी आय इस
क्षेत्र में 15 से 25 हजार रुपये
तक हो सकती है। जैसे-जैसे
आपका अनुभव बढ़ेगा, आपकी आमदनी में भी बढ़ेगी।
कुछ अनुभवी कॅरिअर काउंसलर को 25 से 50 हजार
रुपए/माह मिल जाते हैं। यदि अपना खुद का काउंसलिंग
सेंटर खोल रखा है, तो आमदनी की कोई निश्चित सीमा
नहीं होती। कई ऐसे विख्यात काउंसलर हैं, जो लाखों कमा
रहे हैं। कई नामी काउंसलर तो एक हजार से लेकर पांच
हजार रुपये तक हर काउंसलिंग सेशन के चार्ज करते हैं।
कॅरिअर काउंसलर बनने के लिए
किसी खास शैक्षिक योग्यता या अनुभव की जरूरत
नहीं होती। लेकिन फिर भी पब्लिक रिलेशन, ह्यूमेन
रिसोर्स मैनेजमेंट, ह्यूमेन साइकोलॉजी और कॅरिअर
काउंसलिंग में डिग्री या फील्ड एक्सपीरियंस रखने
वाले उम्मीदवार फायदे में रहते हैं। जिन्होंने शुरुआत
से ही कॅरिअर काउंसलर बनने का लक्ष्य निर्धारित
किया हुआ है, वे इंटरमीडिएट के बाद ऊपर बताए
गए विषयों से ग्रेजुएट की डिग्री ले सकते हैं।
डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग भी किया जा
सकता है। इसके बाद कॅरिअर काउंसलिंग से एमए
किया जा सकता है। उच्चतर शिक्षा लेनी हो तो
कॅरिअर काउंसलिंग में एमफिल और पीएचडी भी
कर सकते हैं। अगर आप कॅरिअर काउंसलिंग की
प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो आपके पास उपयुक्त
लाइसेंस भी होना चाहिए। इसके अलावा बतौर
कॅरिअर काउंसलर आपके लिए दूसरों को समझना
और उनसे सहानुभूति रखना आवश्यक होता है।
क्लाइंट कैसा भी हो सकता है, काउंसलर को उस
पर पूरा ध्यान देना होता है। काउंसलर की दूसरों की
मदद करने में रुचि होनी चाहिए। कॅरिअर काउंसलर
की कम्युनिकेशन स्किल्स शानदार होनी चाहिए। तभी
आप ठीक तरह से क्लाइंट के साथ बात कर पाएंगे
और उसको समझ पाएंगे। इसके अलावा उसे जॉब
से संबंधित हर फील्ड की जानकारी होनी चाहिए।
कॅरिअर काउंसलिंग में आज कई पहलू शामिल हैं:
व्यक्ति की योग्यता,
व्यक्तित्व, रुचियों और
व्यक्तिगत कारकों को सबसे
उपयुक्त कॅरिअर मार्ग के
लिए मैप करना, जो उच्च
शिक्षा, कॅरिअर में बदलाव
या स्किल को बढ़ाना
इत्यादि कुछ भी हो सकते
हैं। मेरा सुझाव है कि
नवोदित कॅरिअर मेंटर्स.मनोविज्ञान का अध्ययन करें
और इंडस्ट्री व एजुकेशन के लेटेस्ट ट्रेंड्स की
जानकारी रखने के साथ सहानुभूतिपूर्ण भी बनें।
कितनी होगी salary
अगर आप फ्रेशर हैं, तो
शुरुआत में आपकी आय इस
क्षेत्र में 15 से 25 हजार रुपये
तक हो सकती है। जैसे-जैसे
आपका अनुभव बढ़ेगा, आपकी आमदनी में भी बढ़ेगी।
कुछ अनुभवी कॅरिअर काउंसलर को 25 से 50 हजार
रुपए/माह मिल जाते हैं। यदि अपना खुद का काउंसलिंग
सेंटर खोल रखा है, तो आमदनी की कोई निश्चित सीमा
नहीं होती। कई ऐसे विख्यात काउंसलर हैं, जो लाखों कमा
रहे हैं। कई नामी काउंसलर तो एक हजार से लेकर पांच
हजार रुपये तक हर काउंसलिंग सेशन के चार्ज करते हैं।
कॅरिअर काउंसलर बनने के लिए
किसी खास शैक्षिक योग्यता या अनुभव की जरूरत
नहीं होती। लेकिन फिर भी पब्लिक रिलेशन, ह्यूमेन
रिसोर्स मैनेजमेंट, ह्यूमेन साइकोलॉजी और कॅरिअर
काउंसलिंग में डिग्री या फील्ड एक्सपीरियंस रखने
वाले उम्मीदवार फायदे में रहते हैं। जिन्होंने शुरुआत
से ही कॅरिअर काउंसलर बनने का लक्ष्य निर्धारित
किया हुआ है, वे इंटरमीडिएट के बाद ऊपर बताए
गए विषयों से ग्रेजुएट की डिग्री ले सकते हैं।
डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग भी किया जा
सकता है। इसके बाद कॅरिअर काउंसलिंग से एमए
किया जा सकता है। उच्चतर शिक्षा लेनी हो तो
कॅरिअर काउंसलिंग में एमफिल और पीएचडी भी
कर सकते हैं। अगर आप कॅरिअर काउंसलिंग की
प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, तो आपके पास उपयुक्त
लाइसेंस भी होना चाहिए। इसके अलावा बतौर
कॅरिअर काउंसलर आपके लिए दूसरों को समझना
और उनसे सहानुभूति रखना आवश्यक होता है।
क्लाइंट कैसा भी हो सकता है, काउंसलर को उस
पर पूरा ध्यान देना होता है। काउंसलर की दूसरों की
मदद करने में रुचि होनी चाहिए। कॅरिअर काउंसलर
की कम्युनिकेशन स्किल्स शानदार होनी चाहिए। तभी
आप ठीक तरह से क्लाइंट के साथ बात कर पाएंगे
और उसको समझ पाएंगे। इसके अलावा उसे जॉब
से संबंधित हर फील्ड की जानकारी होनी चाहिए।
कॅरिअर काउंसलिंग में आज कई पहलू शामिल हैं:
व्यक्ति की योग्यता,
व्यक्तित्व, रुचियों और
व्यक्तिगत कारकों को सबसे
उपयुक्त कॅरिअर मार्ग के
लिए मैप करना, जो उच्च
शिक्षा, कॅरिअर में बदलाव
या स्किल को बढ़ाना
इत्यादि कुछ भी हो सकते
हैं। मेरा सुझाव है कि
नवोदित कॅरिअर मेंटर्स.मनोविज्ञान का अध्ययन करें
और इंडस्ट्री व एजुकेशन के लेटेस्ट ट्रेंड्स की
जानकारी रखने के साथ सहानुभूतिपूर्ण भी बनें।
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