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2022-03-10

इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ - immunity badhane ke gharelu upay in hindi

इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं क्या खाएं या इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाएं



यह बात सदियों से कही जा रही है कि स्वस्थ शरीर ही बीमारियों से बचाव कर सकता लेकिन मौजूदा परिदृश्य में

जबकि देश-दुनिया में कोरोना का असर बढ़ रहा है,एकबार फिर रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने की जरुरत पर

चर्चा शुरू हो गई है...



करोना वायरस (कोविड 19) से प्रभावित हैं। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इस तरह के वायरस से कहीं जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी बीमारी का वायरस शरीर पर तभी हमला कर पाता है, जब हमारी रोगों से लड़ने की क्षमता (जिसे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहते हैं) कमजोर होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर के लिए रक्षा कवच की तरह काम करती है, जिसके कमजोर होने पर

ही वायरस या बीमारी रूपी दुश्मन शरीर में

प्रवेश कर पाते हैं। मौसम बदलने पर होने

वाला फ्लू ही नहीं, टीबी और कैंसर जैसी

बीमारियों की वजह भी कमजोर इम्यूनिटी

या रोग प्रतिरोधक क्षमता को माना गया

है। यह तो तय है कि आहार, व्यवहार और

जीवनशैली ने हम सबकी इम्यूनिटी को

प्रभावित किया है, जिसकी वजह से पहले

की अपेक्षा बीमारियों का हमला जल्दी हो

जाता है और ठीक होने में भी उतना ही समय

लगता है लेकिन अगर बहुत छोटे-छोटे

पर जरूरी प्रयास आहार और व्यवहार में

शामिल कर लिए जाएं तो कोरोना ही नहीं,

अन्य कई तरह के वायरल फ्लू, संक्रामक

और गैर-संक्रामक बीमारियों से बचा जा

सकता है, जिसका राज हमारे रसोई और

किचेन गार्डन में मौजूद है।


एक नजर रसोई पर


किचेन की दराज खोलिए और एक

नजर मसालों के डिब्बों पर डालिए।


मेथीदाना, सरसों, हींग, राई, पंचफोरन

सहित अदरक और लहसुन, आम दिनचर्या

में प्रयोग किए जाने वाले ये मसाले बेहतरीन

इम्यून बूस्टर मतलब रोग प्रतिरोधक क्षमता

को बढ़ाने वाले कहे जा सकते हैं। इन सभी

का प्रयोग रोज के खाने में होता है लेकिन

औषधीय रूप से इनका प्रयोग भिन्न-भिन्न

तरीके से किया जाए तो ये अधिक कारगर

हो सकते हैं। अदरक का सेवन मौसम के

साथ होने वाले वायरल संक्रमण से बचाता

है, मेथीदाना कैंसररोधी होता है तो वहीं

पंचफोरन का इस्तेमाल ही

रोगों से लड़ने के लिए किया


जाता है। मसालों के अलावा फल व सब्जियां

भी पौष्टिक विकल्प के रूप में प्राकृतिक रूप

से रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में

कारगर साबित हुए हैं। नींबू, चुकंदर, संतरा,

खीरा, बादाम, अखरोट के अलावा मौसमी

फल अमरूद और कीवी का नियमित सेवन

भी बीमारियों को नजदीक नहीं आने देता।

विशेषज्ञों का एक बड़ा समूह अब इलाज के

साथ ही संक्रमण और बीमारियों से बचाव

की पैरवी करने लगा है, जो महंगे इलाज से

कहीं अधिक बेहतर है।


दवाओं से तैयार रक्षा कवच


एलोपैथी में इम्यूनिटी

मजबूत करने के कई

विकल्प है। इस बारे

में राममनोहर लोहिया

हास्पिटल के जनरल

फिजीशियन डॉ. कहते

हैं, 'विटामिन सी और

विटामिन बी 12 टैबलेट्स को काफी समय

से इम्यून बूस्टर माना गया है। हमारे पास

अब ऐसे कई स्वस्थ मरीज आते हैं जो

नियमित स्वास्थ्य जांच के बाद अपनी सेहत

को लेकर संजीदा होते हैं। ऐसा 40 साल की

उम्र के बाद वाले युवाओं में अधिक देखा जा

रहा है। बुजुर्गों को मौसम बदलने के साथ

हमला करने वाले संक्रमण से बचाने के लिए

वैक्सीग्रिप इंजेक्शन लगाने की सलाह दी

जाती है, जो फ्लू के स्टेन के आधार पर

बनाएं जाते हैं। हर साल बाजार में आने

वाले वैक्सीग्रिप वैक्सीन बदले स्टेन

के साथ लांच किए जाते हैं, जिससे

वायरस के संक्रमण

के खिलाफ शरीर

में अप्राकृतिक रक्षा

कवच तैयार किया

जा सकता है।'



सदियों पुराना रामबाड़ इलाज


आयुर्वेद में सबसे

पहले रोग प्रतिरोधक

क्षमता के विषय को

परिभाषित किया

गया, क्योंकि यहां

केवल बीमारी का

नहीं बल्कि रोगी के

आचार, विचार औ

व्यवहार का भी इलाज किया

जाता है। इसमें इलाज की

प्रक्रिया के बारे में अखिल

भारतीय आयुर्वेदिक शोध

संस्थान के पंचकर्म विभाग के

विभागाध्यक्ष डॉ. बताते हैं, पंचकर्म

प्रक्रिया शरीर से टॉक्सिन

या रसायनिक तत्वों को

निकालकर शरीर को मजबूती

प्रदान करती है। जड़ी-बूटियों


और औषधीय पौधों

से तैयारच्यवनप्राश

को सदियों से

बीमारियों से लड़ने

का रामबाण माना

गया है। त्रिफला,

अश्वगंधा, आंवला

का प्रयोग इम्यूनिटी

मजबूत करता है। अब यह

बात लोगों को समझ आने

लगी है और अधिकांश लोग

सप्ताहभरतनाव भरा काम

करने के बाद वीकेंड पर

पंचकर्म कराने के

लिए आते हैं।


ध्यान से बढ़ती है इम्यूनिटी


सिर्फ दवाएं या जड़ी-बूटियां ही

नहीं बल्कि योग-ध्यान की मदद

से भी आप अपनी इम्यूनिटी को

मजबूत कर सकते हैं । इस बारे

में लाइफ कोच और मेडिटेटर

अमरजीत सिंह बताते हैं,

'मानसिक स्वास्थ्य से शारीरिक

स्वास्थ्य का गहरा ताल्लुक होता

है। कभी-कभार पांच मिनट आंख बंद

करके बैठने को ध्यान नहीं कहा जा

सकता। यदि नियमित ध्यान

का अभ्यास किया जाएं, तो

शरीर की सभी इंद्रियों

को साधा जा सकता है

और सांस को नियंत्रित

किया जा सकता है।

रक्त में मौजूद सफेद

रक्त कणिकाओं की

संख्या से भी व्यक्तिको

रोग प्रतिरोधक क्षमता की


स्थिति का पता लगाते हैं, जिसके कम होने

पर ही आसानी से कैसर का भी

हमला हो सकता है, जबकि लाल

रक्तकणिकाएं हीमोग्लोबिन

के लिए तथा प्लेटलेट्स खून

जमने में कारगर हैं। इन तीनों

का अपना महत्व है, ध्यान में

सभी इंद्रियां नाभि में केद्रित होती

हैं, जिसे शरीर का केंद्र बिंदु

भी माना गया है। ध्यान के प्रारंभ के दस

मिनट के बाद मनुष्य अचेतन अवस्था में

चला जाता है, जहां से तनाव के

कारक प्रोटीन का स्तर कम

होने लगता है। नियमित

अभ्यास के बाद तनाव

का स्तर शून्य से

माइनस हो जाता है

और इसका असर.

श्वेत रक्त कणिकाओं

की संख्या पर पड़ने

लगता है।'



5 का पंच


1.चुकंदर काजूस खून बढ़ाने में कारार

होता है।


2. नीबू और दही विटामिन सी के भरपूर

स्रोत हैं। इन्हें भोजन में नियमित रूप

से शामिल करे।


3. मौसमी फल, संतरा, कीनू और आंवले

का मुरब्बा इम्यूनिटी मजबूत करते हैं।


4. ग्रीन टी और लेमन टी भी इम्यूनिटी

मजबूत करने में कारगर होते हैं।


5.जीरा और अजवाइन इम्यून बूस्टर का

काम करते हैं। इन्हें पानी में उबालकर

छानकर पीएं, किसी मौसम में वायरल

संक्रमण नहीं होगा।


Location:India India

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