कटहल के फायदे(बेनेफिट्स) क्या है या कटहल के क्या लाभ व हेल्थ बेनेफिट्स के बारे मे जानकारी हिन्दी मे
राइबोफ्लेविन और जिंक की भरपूर मात्रा होती है।
कटहल से होने वाले फायदे के बारे में।
● कटहल में मौजूद विटामिन-सी हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों से बचाता है।
● इसमें मौजूद आयरन दिल को मजबूत रखता है।
● एनीमिया जैसी बीमारी में भी कटहल फायदेमंद है।
इसमें फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो
पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद होती है। फाइबर आंतों
की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।
● इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। कटहल में
कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों
की मजबूती और विकास के लिए जरूरी तत्व है।
● विज्ञानियों ने कैंसर जैसी बीमारी से बचने के लिए
कटहल की उपयोगिता बताई है। रोग प्रतिरोधक
क्षमता का भी विकास होता है।
● कटहल में पाए जाने वाले विटामिन ए और सी
आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके सेवन से
मोतियाबिंद का खतरा भी कम होता है।
कटहल में पाए जाने वाले पोषक तत्व प्रति 100 ग्राम।
पानी - 73.46 ग्राम
ऊर्जा - 95 कैलोरी
प्रोटीन - 1.72 ग्राम
फैट - 0.64 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट - 23.25 ग्राम
फाइबर - 1.5 ग्राम
कैल्शियम - 24 मिग्रा.
आयरन - 0.23 मिग्रा.
मैग्नीशियम - 29 मिग्रा.
फास्फोरस - 21 मिग्रा.
पोटैशियम - 448 मिग्रा.
सोडियम - 2 मिग्रा.
जिंक - 0.13 मिग्रा.
कटहल की कितनी प्रजातियां होती है?
कटहल की दो प्रजातिया होती हैं। एक मुलायम पल्प वाली और दूसरी ठोस पल्प वाली।
कटहल के कितने किस्म होते है?
1. चंपा
2. सीमापुरी
3. रुद्रासी
4. पडरौना
5. खाजा
6. गुलाबी किस्में भी होती हैं।
कटहल का वैज्ञानिक नाम क्या होता है?
आर्टोकार्पस हेटेरोफिल्ल
जीवनकाल
कटहल बहुवर्षीय वृक्ष है।
पानी इसकी आयु सामान्यतः
50 से 60 वर्ष के बीच
होती है। अलबत्ता, असम के कई इलाकों में तो 80
साल से ज्यादा तक के
कटहल के पेड़ भी पाए
गए हैं।
• इसका पेड़ छह से 10 साल में पूरी तरह तैयार हो जाता है। इसके बाद इसमें फल आने लगते हैं।
• कुछ किस्मों में पांचवें
साल से फल मिलने शुरू हो जाते हैं।
• पेड की ऊंचाई 20 से 30 फीट तक होती है।
कटहल के पेड़ कैसे लगाये?
ऐसे लगाएं: उद्यान विशेषज्ञ ने बताया कि सामान्यत: जून और जुलाई
के महीने में पके हुए कटहल के फल से बीज
निकालकर मिट्टी में दबा देने से पौधा तैयार हो
जाता है। या फिर नर्सरी से पौधा लेकर लगाया
जा सकता है। एक से दूसरे पौधे के बीच की दूरी
कम से कम दो मीटर होनी चाहिए।
दोमट मिट्टी में करें बोआई: दोमट मिट्टी में
कटहल लगाने से बढ़त तेजी से होती है। इसकी
जड़ें काफी गहरी होने के कारण इस मिट्टी में
पानी नहीं रुकता। कटहल के पेड़ की खास बात
यह होती है कि इसका फल पेड़ के तने के निचले
हिस्से से लेकर ऊपर तक लगता है। एक पेड़ से
10 क्विंटल तक कटहल मिल जाता है।
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