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2022-03-07

पैर का देखभाल या पांव की देखभाल- pairo ki dekhbhal kaise kare | pairo ki care kaise kare

पैरों की देखभाल के लिए क्या करना चाहिए या पैरों की देखभाल (केयर) कैसे करे उपाय



कदमों की आहटें तो हम सुन लेते हैं,
लेकिन इन्हीं कदमों को मुकम्मल करने
वाले पैरों की तरफ हम बेपरवाह बने रहते
हैं,जबकि पैरों की देखरेख भी शरीर के
अन्य अंगों की तरह ही जरूरी है। खूबसूरत
साफ और सेहतमंद पैर हमारी जिंदगी को
आगे लेकर जाते हैं।

पैरों की सही देखभाल से कई समस्याओं को रोकने में
मदद तो मिलती ही है साथ ही इनकी खूबसूरती भी
बरकरार रहती है। पैरों को स्वस्थ और स्वच्छ बनाए
रखने के लिए हमें कुछ चीजों को रोजमर्रा के जीवन
में शामिल करना चाहिए-

● नहाते वक्त ब्रश से पैर साफ करें। इससे पैरों की त्वचा मुलायम बनेगी।

● नाखूनों को साफ-सुथरा रखें। मुलायम त्वचा के
लिए पैरों को मॉइस्चराइज करें। रोजाना की
भाग-दौड़ में सबसे ज्यादा हमारे पैर थकते
हैं। इसलिए रोजाना गर्म पानी में पैर
डालकर साफ करें और क्रीम या ऑलिव
ऑयल से मालिश करें।

● अगर आप वर्किंग हैं
और लंबे समय तक
बंद जूते पहनती हैं तो
पसीने के कारण पैरों से
बदबू आ सकती है। बदबू दूर
करने के लिए पानी में बेकिंग
सोडा मिलाएं और पैर डालकर
कुछ देर रखें। इससे बदबू तो दूर
होती है साथ ही थकावट भी कम
होती है।

● पैरों की स्वच्छता के लिए
हफ्ते में एक बार पेडीक्योर करें।
पेडीक्योर करने से पहले नाखूनों
पर लगी नेलपॉलिश हटा दें। फिर
टब या बाल्टी में गुनगुना पानी डालें और उसमें
क्रीम सोप मिलाएं। अगर पैरों की त्वचा रुखी है
तो उसमें ऑलिव ऑयल भी मिला सकते हैं।
पैरों को कम से कम 15 मिनट तक पानी के
भीतर रखें और फिर बाहर निकालकर स्क्रबर से
स्क्रब करें। अब पैरों को ठंडे पानी से ठीक से धोएं
और क्रीम से हल्की मालिश करें।

● पैरों की त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए
वैक्सिंग जरूर करें। वैक्सिंग करने से अतिरिक्त
बाल निकल जाते हैं और साथ ही मृत कोशिकाएं
भी समाप्त हो जाती हैं, जिससे पैर खूबसूरत
दिखते हैं।


पैरों की अच्छी सेहत के लिए जूते हों सही

गलत फुटवेयर हमारे पैरों के लिए ही नहीं, बल्कि
पूरे शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। अगर
जूते सही न हों तो यह पैरों के साथ-साथ कमर और
घुटने के दर्द का भी कारण बन सकता है। खासतौर
पर लंबे समय तक ऊंची हील्स पहनने से
महिलाओं को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का
सामना करना पड़ सकता है। जूतों के मामले में
कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

पुराने जूते

वर्कआउट, रनिंग या जॉगिंग के लिए पुराने जूतों का
इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पुराने जूतों का आकार
समय के साथ बदल जाता है और वे पैरों में फिट
भी नहीं रहते हैं। इनके कारण पैरों में मोच आ सकती है।

चुनें सही जूते

जूते हमेशा काम को ध्यान में रखकर चुनें। यानी
अगर वर्कआउट के लिए जा रही हैं तो वर्कआउट
के हिसाब से जूते चुनें। इसी तरह ऑफिस, पार्टी या
खेलकूद के हिसाब से ही अलग प्रकार के जूते
चुनें।

हाई हील्स को कहें न

विशेषज्ञों का कहना है कि हाई हील्स के कारण
महिलाएं कई तरह की समस्याओं का सामना करती
हैं, जैसे कि घुटने, कमर या जोड़ों का दर्द, नसों में
खिंचाव और कमर के आसपास चर्बी जमना। यहां
तक कि 12 से 18 साल की लड़कियों में भी ये
समस्याएं हो रही हैं। अगर आप हील्स पहनने की
शौकीन हैं तो ध्यान रहे कि एक से डेढ़ इंच से
ज्यादा न हो। इससे ऊंची हील्स के कारण पैर मुड़ने
और फैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही
ज्यादा समय तक हील्स पहनने से घुटने भी
कमजोर हो सकते हैं।

आने वाली बीमारियों का देते हैं संकेत

विशेषज्ञों का कहना है कि पैरों में होने वाले बदलाव
हमें कई गंभीर बीमारियों के संकेत देते हैं। शरीर
के तंत्रिका तंत्र में आने वाली किसी भी गड़बड़ी
का सबसे पहले हमारे पैरों पर असर पड़ता है।
इसलिए पैरों की देखभाल नियमित रूप से करनी
चाहिए।
अगर पैरों में नियमित रूप से मोच या क्रैम्प
आते हैं, तो इसका मतलब डीहाइड्रेशन और
शरीर में पोषक तत्वों की
कमी है। अंगूठे में
अचानक सूजन आना या
लाल होना या जोड़ों में
दर्द हो तो यह
आर्थराइटिस का संकेत हो
सकता है। अगर एड़ी में दर्द
है तो इसका मतलब है कि
आपको जूते बदलने और
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने की
जरूरत है।
पैरों की त्वचा में खुरदुरापन
आना या पीलापन आना फंगल
इंफेक्शन का इशारा करता ह। पैरों को
ज्यादा से ज्यादा सूखा और ठंडा
रखने की कोशिश करें। अगर फंगल
इंफेक्शन नहीं है, तो यह एक्जिमा भी
हो सकता है, लेकिन खुद किसी
निष्कर्ष पर पहुंचने की बजाय
डॉक्टर से सम्पर्क करें। पैरों का

अक्सर ठंडा रहना हाइपोथायरायडिज्म का संकेत
है। इसमें पैर गर्म नहीं होते। यह समस्या ज्यादातर
40 की उम्र के बाद होती है। ज्यादातर लोग इसे
मौसम का असर समझकर नजरअंदाज
करते रहते हैं। हाइपोथायरायडिज्म से
बालों का गिरना, थकान, अचानक
वजन बढ़ना और डिप्रेशन जैसी
समस्याएं भी हो सकती हैं।

नियमित शारीरिक गतिविधि

कई शोध इस बात की पुष्टि
करते हैं कि समग्र स्वास्थ्य
के लिए शारीरिक गतिविधि
महत्वपूर्ण है। नवीनतम
अमेरिकी सरकार की सिफारिशों के
अनुसार, एक स्वस्थ वयस्क को हर हफ्ते
कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता
वाली एरोबिक गतिविधि (जैसे, तेज
चलना) करनी चाहिए। पैरों के खराब सेहत
के कारण कई लोगों के लिए यह लक्ष्य
चुनौतीपूर्ण है। कम शारीरिक गतिविधि के
कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जैसे
कि मांसपेशियों और ताकत में कमी, कम
सहनशीलता और मधुमेह, हृदय रोग और
संज्ञानात्मक गिरावट सहित एक गतिहीन
जीवनशैली से संबंधित बीमारियों का जोखिम
झेलना पड़ सकता है।

बिल्कुल फ्लैट चप्पल भी नुकसानदेह

हमेशा फ्लैट चप्पल या सैंडल पहनना भी सेहत को
नुकसान पहुंचा सकता है।
इससे पैरों की गोलाई को
सहारा नहीं मिलता, जिससे
एड़ियों पर अतिरिक्त दबाव
पड़ता है और एड़ियों में दर्द
हो सकता है।

पैरों की देखभाल क्यों है जरूरी?

पैरों की समस्याएं केवल आपके
पैरों को ही प्रभावित नहीं करती हैं।
बल्कि इससे कई दूसरी चीजें भी
जुड़ी हुई हैं। यदि आपके पैरों में
चोट लगी है या आपके पैरों में
अन्य समस्याएं हैं, तो आपकी
अच्छा काम करने की संभावना
कम हो जाती है। यानी सक्रियता
में कमी आती है।
इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन
की गुणवत्ता पर पड़ता है, जहां
एक ओर यह हमारे जीवन की
गुणवत्ता को कम करता है, वहीं
दिल की बीमारी और कैंसर
सहित एक गतिहीन जीवन शैली
से जुड़ी गंभीर बीमारियों का
जोखिम भी बढ़ जाता है। साथ ही
पैरों के स्वस्थ न होने से
मानसिक बीमारी होने की
संभावना पैदा हो जाती है, क्योंकि
जब आपके पैर स्वस्थ नहीं होते
हैं, तो आपको चलने फिरने में
समस्या होने लगती है और आप
कहीं आ जा नहीं सकते। ऐसे में
आपकी समाजिक सक्रियता कम
हो जाती है, जिससे मानसिक
समस्या पैदा हो जाती है।

शरीर के बाकि अंगों की तरह ही पैरों का
ध्यान रखना जरूरी है, लेकिन आमतौर पर
हम तब तक पैरों की तरफ ध्यान नहीं देते
जब तक कि पैरों से जुड़ी कोई समस्या सामने
नहीं आए। धूल-मिट्टी के संपर्क में आने और
सही देखभाल न होने से पैरों की त्वचा शुष्क
हो जाती है। साथ ही
फटी एड़ियां, सूजन
जैसी कई समस्याएं
होने लगती हैं। इन
सभी समस्याओं से पैरों
को बचाने के लिए
इनकी देखभाल करना
जरूरी होता है। सबसे
पहली चीज है
स्वच्छता। पैरों को
साफ रखें। रात को सोने से पहले रोजाना पैरों
को ठीक से धोएं और पैरों की ऑलिव ऑयल
से हल्की मालिश करें। ऑलिव ऑयल पैरों की
नमी बरकरार रखता है। पैरों को साफ रखने
और आराम देने के लिए नियमित रूप से
पेडीक्योर करें। अगर मोजे पहनती हैं, तो याद
रहे कि साफ हों और कॉटन के हों। कभी भी
ऐसा मोजा न पहनें जो या तो बहुत छोटे या
बहुत तंग हों। वे आपके पैरों में ब्लड
सर्कुलेशन में बाधा डालते हैं। फुटवेयर हमेशा
आरामदायक पहनें।

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