ब्रेन स्ट्रोक का इलाज व लक्षण (सिम्पटम्स) के बारे मे या ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपाय व इलाज (ट्रीटमेंट) के बारे मे ईन हिन्दी इन हिंदी
brain stroke kise kahate hain?
ब्रेन स्ट्रोक के ज्यादात मामले 50-55 की उम्र के बा होते हैं, पर कई बार युवा भी इसकी चपेट में आ जाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी शारीरिक
समस्या है, जिसमें तत्काल
उपचार की जरूरत होती है,
क्योंकि इसमें देरी कई बार
बड़ी शारीरिक समस्या का
कारण बनती है। यदि ब्रेन
स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत उपचार मिल
जाता है तो संभावना रहती है कि वह पूरी तरह ठीक
हो जाए, लेकिन उपचार मिलने में देर हुई तो यह
शरीर के कई अंगों को प्रभावित करने का कारण बन
सकता है। सर्दियों में ये मामले बढ़ जाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक में अचानक से मस्तिष्क को पर्याप्त
मात्रा में रक्त मिलना बंद हो जाता है। कारण,
मस्तिष्क में रक्त पहुंचाने वाली नसों में रक्त का
थक्का बन जाता है, जिससे रक्त की आपूर्ति बंद हो
जाती है। ऐसे में मस्तिष्क का वह हिस्सा ऑक्सीजन
की कमी से निष्क्रिय हो जाता है। इसको एक्यूट
स्ट्रोक कहते हैं। जब हाई ब्लड प्रेशर के कारण नसें
फट जाती हैं तो इसे ब्रेन हेमरेज कहते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
• बोलने में अचानक परेशानी होना।
• एक तरफ के हाथ या पैर का अचानक से कमजोर
होना।
देखने में परेशानी होना।
• चेहरे का टेढ़ा होना।
• शरीर के किसी भी अंग का सुन्न पड़ जाना।
शरीर पर नियंत्रण न रहना।
• अचानक बेहोश हो जाना
कारण
•दिल की बीमारी।
• डायबिटीज।
• हाई ब्लड प्रेशर।
•अत्यधिक तनाव लेना।
•अल्कोहल का सेवन करना।
• निकोटीन व अधिक धूमपान ।
• मोटापे की समस्या।
• फास्टफूड का अधिक सेवन।
निदान
स्ट्रोक का निदान चिकित्सक मरीज के लक्षणों
को देखकर सीटी स्कैम या एमआरआई की
मदद से करते हैं।
●ब्लड प्रेशर और डायबिटीज नियंत्रित रहना।
●दिल का समय पर चेकअप कराना।
●नियमित व्यायाम करना और वजन नियंत्रित
रखना।
●तनाव रहित रहना।
●चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाओं का नियम
से सेवन करना।
• एक तरफ के हाथ या पैर का अचानक से कमजोर
होना।
देखने में परेशानी होना।
• चेहरे का टेढ़ा होना।
• शरीर के किसी भी अंग का सुन्न पड़ जाना।
शरीर पर नियंत्रण न रहना।
• अचानक बेहोश हो जाना
कारण
•दिल की बीमारी।
• डायबिटीज।
• हाई ब्लड प्रेशर।
•अत्यधिक तनाव लेना।
•अल्कोहल का सेवन करना।
• निकोटीन व अधिक धूमपान ।
• मोटापे की समस्या।
• फास्टफूड का अधिक सेवन।
निदान
स्ट्रोक का निदान चिकित्सक मरीज के लक्षणों
को देखकर सीटी स्कैम या एमआरआई की
मदद से करते हैं।
●ब्लड प्रेशर और डायबिटीज नियंत्रित रहना।
●दिल का समय पर चेकअप कराना।
●नियमित व्यायाम करना और वजन नियंत्रित
रखना।
●तनाव रहित रहना।
●चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाओं का नियम
से सेवन करना।
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