रोटी खाने के लाभ और उनसे होने वाले फायदे (बेनेफिट्स ) के बारे मे
सदियों से रोटी का महत्व खाने की थाली में बना हुआ है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि रोटी का नियमित सेवन कई तरह की बीमारियों से बचाता है।
किस तरह की रोटी में कितनी कौलोरी अधिकांश भारतीय भोजन में दो बार रोटी जरूर खाते हैं, लेकिन जो लोग वजन को लेकर सचेत रहते हैं, उनके लिए यह जानना जरूरी है कि किस तरह की रोटी में कितनी कैलोरी होती है।
- गेहूं की चपाती 57 कैलोरी देती है
- बाजरे की रोटी 97 कैलोरी देती है
- नाचनी रोटी 88 कैलोरी
- मक्का की रोटी 153 कैलोरी
- भाखरी रोटी 66 कैलोरी
- थालीपीठ 100 कैलोरी
- मिस्सी रोटी 140 कैलोरी
- तंदूरी रोटी 116 कैलोरी
- रूमाली रोटी 78 कैलोरी
- ज्वार की रोटी 30 कैलोरी
आजकल का जमाना पिज्जा और बर्गर का है। बच्चों से लेकर बड़ों
तक की यह धारणा बनने लगी है
फास्ट फुड रोटी की जगह ले सकते हैं,
लेकिन यह उनकी गलतफहमी है। रोटी का
स्थान सिर्फ रोटी ही ले सकती है और भोजन
में वह सर्वोपरि है। कारण यह है कि वह शुद्ध
अनाज से बनाई जाती है। उसे बनाने का
तरीका भी वैज्ञानिक है । पुराने लोग कहते हुए
मिल जाएंगे कि गरम-गरम रोटी खाने में जो
आनंद और तृप्ति मिलती है वह किसी अन्य
खाने में नहीं।
इसका नियमित सेवन आपको कई
बीमारियों से बचाता है । गेहूं की एक रोटी में
57 कैलोरी होती है। इसमें मौजूद आयरन,
कैल्शियम, पोटेशियम और सेलेनियम कई
बीमारियों को दूर करने में मददगार हैं। गेहूं की
रोटी में कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल नहीं होता,
इसलिए हृदय संबंधी बीमारी को दूर करने में
यह मददगार है।
रोटी में सेलेनियम होता है, जो कैंसर की
आशंका को कम करता है। गेहूं की रोटी में
मौजूद आयरन खून की कमी को दूर करने में
मददगार है। इसी तरह रोटी में मौजूद प्रोटीन
और कैल्शियम मांसपेशियों को मजबूत बनाते
हैं। इन ढेरों फायदों के साथ गेहूं की रोटी खाने
से शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज का
संतुलन भी बना रहता है। इसलिए
डायबिटिज में यह फायदेमंद है
और ब्लड प्रेशर नॉर्मल रखने
में रोटी की अहम भूमिका है।
फाइबर की मात्रा निरंतर
अधिक होने से रोटी का सेवन
पथरी की आशंका कम कर देता
है। रोटी में लिगनैंस होते हैं, जो
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका को कम
करते हैं। गेहूं की रोटी में फाइबर और
कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो डाइजेशन ठीक
रखते हैं।
प्राचीन समय में अनाज पीसने के लिए
थकाने वाली चक्कियां या फिर ओखली-
मूसली जैसे कूटने के सीमित साधन थे, मगर
.
आज रोटी के लिए आटा तैयार
करने में पुराने जमाने की तरह
मेहनत नहीं लगती । अब तो
रोटी बनाने की मशीनों के
अलावा रोटी बनाने वाला रोबोट
भी आ गया है। इसे बनाने वाली
कंपनी के अनुसार यह मशीन आटा
गूंथने से लेकर लोई बनाने, बेलने तथा रोटी
सेंकने तक का सारा काम खुद ही कुछ
मिनटों में कर लेती है। गौरतलब है, अब कई
शहरों में गरीब और वंचित परिवारों को ध्यान
में रखते हुए रोटी बैंक की शुरुआत होने लगी
है। लोग इसमें रोटियां जमा भी कर सकते हैं।
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