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2022-03-10

स्टैटिस्टिक्स (सांख्यिकी) में करियर | statistics me career kaise banaye

सांख्यिकी या स्टैटिस्टिक्स मे कैरियर कैसे बनाए, कैरियर स्कोप, अवसर, सैलरी के बारे मे जानकारी 


अब आर्थिक जगत ही नही, लगभग हर क्षेत्र में आकड़ो पर आधारित नीतिगत निर्णय लिए जाने का दौर है। महामारी जैसी स्तिथियों में भी आंकड़े हमेशा से अहम रहे है। इसलिए वर्तमान ही नही, भविष्य में भी स्टैटिस्टिक्स यानी सांख्यिकी के एक्सपर्ट के लिए अवसर की कमी नही है।


आंकड़े यानी स्टैटिस्टिक्स! इसका उपयोग अब हर क्षेत्र में दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। आज हर क्षेत्र में शोधपरक काम हो रहे हैं। ऐसे में सांख्यिकी का उपयोग भी बड़े स्तर पर हो रहा है। चुनाव, खेल, जनसंख्या गणना, चिकित्सा, पर्यावरण, विज्ञान, मनोविज्ञान, मार्केटिंग, एग्रीकल्चर, बैंकिंग, बीमा, फार्मा, मीडिया, एस्ट्रोलॉजी और स्टार्टअप, इन सभी क्षेत्रों में शोधों और स्टैटिस्टिक्स की बात होना अब आम है। स्टैटिस्टिक्स के फील्ड में विद्यार्थियों के लिए चमकदार करियर के कई आकर्षक विकल्प खुले हैं। कई लोग इसे गणित का ही एक हिस्सा समझ लेते हैं। लेकिन

स्टैटिस्टिक्स गणित की एक शाखा है। किसी भी तरह के

डेटा के गणितीय तरीके से किए जाने वाले प्रस्तुतिकरण,

विश्लेषण, व्याख्यान करने के विज्ञान को स्टैटिस्टिक्स कहा

जाता है।


टॉप की नौकरियों में है शामिल


स्टैटिस्टिक्स के क्षेत्र की अच्छी बात यह है कि इसमें

अवसर केवल देश में ही नहीं, विदेश में भी मिलने की पूरी

संभावना होती है। यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट्स 2021

में इस समय की 6 सर्वश्रेष्ठ नौकरियों में स्टैटिस्टिशियन

की जॉबको शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक

इस क्षेत्र की खास बात यह है कि इसमें काम और निजी

जीवन में संतुलन बनाना बाकी करियर क्षेत्रों की तुलना में

आसान है और तनाव रहित कार्य वातावरण

मिलता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2029 तक

स्टैटिस्टिशियन की भारी मांग होने वाली है।


जरूरी योग्यता


स्टैटिस्टिक्स की पढ़ाई स्कूली स्तर से ही शुरू हो जाती है।

इस विषय में कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश बारहवीं में प्राप्त

अंकों के आधार पर होता है, तो कुछ में प्रवेश परीक्षा के

माध्यम से किया जाता है। जिन्होंने 12वीं कॉमर्स से किया

है या जिन्होंने बारहवीं में गणित एक विषय के तौर पर पढ़ा

है, वे स्टैटिस्टिक्स में बैचलर डिग्री कोर्स कर सकते हैं।

स्टैटिस्टिक्स में एमएससी करना आपके लिए ज्यादा

अवसर खोलेगा। इसके लिए गणित या इसी विषय में

बैचलर्स डिग्री जरूरी होगी। यदि आप स्टैटिस्टिक्स में

एमफिल या पीएचडी डिग्री लेने के इच्छुक हैं, तो प्रवेश

परीक्षा देना आवश्यक होगा।


क्या हैं कोर्स


हमारे देश मे 60 से ज्यादा यूनिवर्सिटी में स्टैटिस्टिक्स के

कोर्स कराए जाते हैं। इस विषय में उच्च स्तरीय शिक्षा के

लिए इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट को सर्वोत्तम संस्थान

माना गया है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है, लेकिन

इसका कैम्पस दिल्ली, बैंगलोर औरचेन्नई में भी है। इसकी

अपनी प्रवेश परीक्षा होती है। स्टैटिस्टिक्स में ग्रैजुएट और

पोस्टग्रैजुएट कोर्स के कुछ विकल्प इस प्रकार आपको




मिलेंगे-


• बीएससी ऑनर्स इन स्टैटिस्टिक्स

•बीएससी इन अप्लाइड स्टैटिस्टिक्स

•बैचलर ऑफ स्टैटिस्टिक्स

• मास्टर ऑफ स्टैटिस्टिक्स

• एमएससी इन स्टैटिस्टिक्स

• पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन अप्लाइड स्टैटिस्टिक्स

•पीजी डिप्लोमा इन स्टैटिस्टिक्स

• सर्टिफिकेट कोर्स इन फाइनेंशियल स्टैटिस्टिक्स

•सर्टिफिकेट इन स्टैटिस्टिकल मैथड एंड एप्लीकेशंस



प्रनुख संस्थान

• इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू

• इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली

• इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट, कोलकाता

• इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी,

कानपुर, मुंबई

• सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई

• दिल्ली यूनिवर्सिटी

•लोयोला कॉलेज, चेन्नई


क्या हैं पद

सांख्यिकी के जानकार बतौर स्टैटिस्टिशियन,

कंसल्टेंट, प्रोफेसर, रिस्कएनालिस्ट, डाटाएनालिस्ट,

बिजनेस एनालिस्ट, मैथमैटिशियन, डाटा साइंटिस्ट,

बायोस्टैटिस्टिशियन काम करते हैं। विभिन्न डाटा सर्वे

एजेंसी में आपको काम के भरपूर अवसर प्राप्त होंगे और

विदेश में नौकरी की भी संभावनाएं मिलेंगी।




अवसर और पद


इस विषय में उच्च शिक्षा के बाद विद्यार्थियों के लिए


अनगिनत रोजगार के द्वार खुल जाते हैं। इसमें सरकारी व

प्राइवेट दोनों सेक्टर में नौकरियों की भरमार है। जिन क्षेत्रों

में आपको अवसर मिलेंगे, उनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं:

सरकारी क्षेत्र : सेंसस यानी जनगणना से जुड़े कार्य हों या

आधिकारिक नीतियों का निर्धारण करना हो, अधिकतर

सरकारी एजेंसियां आंकड़ों के आधार पर ही निर्णय लेती

हैं। इसीलिए अगर आपने स्टैटिस्टिक्स में एमएससी या

ग्रैजुएशन किया है, तो आपको सरकारी इकाइयों में नियुक्ति

के अवसर खुल जाते हैं। जनगणना के कार्य में भी

स्टैटिस्टिशियंस की आवश्यकता भारी मात्रा में होती है।

चुनाव आयोग में नियुक्ति मिल सकती है। आर्थिक सर्वे और

अन्य सरकारी परियोजनाओं को मुकाम तक पहुंचाने के लिए

स्टैटिस्टिशियन अहम भूमिका निभाता है। किसी सर्वेक्षण

को करने के लिए तीन से चार स्टैटिस्टिशियन की जरूरत

होती है। रिसर्च फील्ड और मार्केटिंग फील्ड में काम करने

वालों को देश से विदेश तक में काम करने का मौका

मिलता है।


बैकिंग, एकाउंटिंग और ऑडिटिंगःबैकिंग में भी सांख्यिकी

का जमकर उपयोग होता है। जमा राशि, कर्ज, ब्याज, ये

सभी मूलभूत सिद्धांत और बैंकों की अन्य आर्थिक

गतिविधियां सांख्यिकी आधारित ही होती हैं। इसी तरह

एकाउंटिंग का काम भी सांख्यिकी के सिद्धांतों पर होता है।


कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के विविध क्षेत्र: डिजिटल तकनीक

में डेटा साइंटिस्ट आंकड़ों को व्यवसायों के लिए मूल्यवान

जानकारी में परिवर्तित करते हैं। आंकड़ों का विश्लेषण करने

में उचित एल्गोरिदम और मॉडल का चयन और निर्माण करते

हैं। सॉफ्टवेयर निर्माण में सिस्टम एनालिस्ट के रूप में

सांख्यिकी छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। ज्यादातर

यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में डेटा साइंस में डिप्लोमा

कराया जाता है। डेटा साइंटिस्ट की कंपनियों में काफी

मांग है।


शिक्षण का क्षेत्रः इस विषय में पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद

आपके पास यूजीसी नेट परीक्षा और राज्य या केंद्र सरकार

की भर्ती परीक्षाओं को उत्तीर्ण करके शिक्षक या प्रोफेसर

बनने का विकल्प भी खुला होता है।

हेल्थकेयरःस्वास्थ्य और चिकित्सा में जैवसांख्यिकी के


क्षेत्र में भी खूब अवसर मिलते हैं। इस क्षेत्र में स्टैटिस्टिशियंस

को बायोस्टैटिस्टिशियन या बायोमीट्रिशियन कहते हैं।

गणित और आंकड़ों के प्रयोग द्वारा जीवित वस्तुओं के जैव

गुणों का वर्णन और वर्गीकरण बॉयोमीट्रिक्स कहलाता है।

जैव सांख्यिकी में चिकित्सा अनुसंधान के दौरान संग्रहित

चीजों से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करना होता है।

चिकित्सा अनुसंधान के लिए इसी के आधार पर कोई

अनुमान या नतीजा तय किया जाता है। इसके लिए जीव

विज्ञान औरसाख्यिकी दोनों की जानकारी होना जरूरी होती

है। आज के समय में चिकित्सा क्षेत्र के प्रसार के बाद

बॉयोमीट्रिक्स की भी मांग बढ़ गई है।

कहां होंगी नियुक्तियां

स्टैटिस्टिक्स के डिग्री प्राप्त युवा को भारतीय कृषि सेवा,

भारतीय प्रशासनिक सेवा, रिजर्व बैंक, बीमा संस्थान,

इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड मैनपावर रिसर्च, इंडियन

काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, सामाजिक-आर्थिक

गणना से जुड़े क्षेत्र, अनेक वित्तीय संस्थानों में अधिकारी,

संघलोक सेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग की ओर

से इन्वेस्टिगेटर के रूप में काम करने का अवसर मिलता

है। यदि आपके पास मास्टर्स डिग्री है तो संघ लोकसेवा

आयोग की ओर से आयोजित होने वाली अखिल भारतीय

परीक्षा उत्तीर्ण कर के भारत सरकार की सांख्यिकी सेवा में

करियरबनासकते हैं। वहीं भारत सरकारके अधीन सरकारी

सांख्यिकी प्रणाली का सर्वोच्च निकाय योजना मंत्रालय में

है, जो भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के साथ साझा प्रयास

में योजना से संबंधित आंकड़ों का संकलन करता है। इसमें

बड़े पैमाने पर नौकरी निकलती हैं।


जरूरी स्किल


एक अच्छे स्टैटिस्टिशियन में विश्लेषण क्षमता, मैथ्स

स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स होने चाहिए। गणना

करने में रुचि होना भी जरूरी है। एक जगह बैठकर काम

करने की प्रवृत्ति हो, क्योंकि आंकड़े एकाग्रता मांगते हैं।

कई बार कम समय में विविध पहलुओं के ज्यादा से ज्यादा

निष्कर्ष निकालने की चुनौतियां भी आती हैं। दिल्ली

यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. रीना बजाज कहती हैं, 'एक

स्टैटिस्टिशियन का विवेकशील होना जरूरी है, क्योंकि

गलत स्टैटिस्टिकल टूल के इस्तेमाल से भी गलत परिणाम

प्राप्त हो सकते हैं।

वेतन

इस विषय में स्नातक किए युवा को निजी कंपनियों में ढाई

से पांच लाख रुपये तक सालाना का ऑफर मिलता है।

मार्केटिंग व रिसर्च सेक्टर में 10 लाख तक सालाना पैकेज

मिलता है। अनुभव के साथ इसमें बढ़ोतरी होती जाती है।

सरकारी नौकरी में भी वेतन और सुविधाएं पद अनुसार

मिलेंगी।


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