बच्चे की देखभाल कैसे करनी चाहिए या बच्चो का ध्यान कैसे रखे
बच्चों को संभालना, बच्चों का काम नही। बच्चों के साथ-साथ अपना काम देखना और भी कठिन है, लेकिन आप कर सकती हैं।
घर में नन्हे मेहमान के आने से मां-बाप की दिनचर्या भी पूरी तरह से प्रभावित
होती है, जिसे शुरुआत में तो वे हंसी-
खुशी स्वीकार लेते हैं, लेकिन बाद में रूटीन में
बदलाव उनकी जिंदगी पर असर डालने लगता है।
नींद पूरी नहीं होती
बच्चे के आने से आपको अपने हिसाब से नहीं,
बल्कि उसके हिसाब से सोना-उठना पड़ता है, जो
थकान के साथ-साथ तनाव का भी कारण बनता है
और जिसका असर आपके व्यक्तिगत जीवन के
साथ प्रोफेशनल लाइफ पर भी पड़ता है।
क्या करें
ऐसे समय में आप दोनों को मिलकर जिम्मेदारी
निभानी चाहिए, जैसे आप घर पर हैं, तो आप अपने
पति के रहते घर के सभी जरूरी काम निपटा लें,
ताकि बच्चे के सोने पर आप भी अपनी नींद पूरी
कर सकें और फिर जब आपके पति काम
से घर लौटें, तो आपके प्रैश होने के
कारण उन्हें भी आराम मिल सके।
खानपान में लापरवाही
पूरा दिन बच्चे की देखभाल में
माता-पिता अपने खान-पान पर ध्यान
नहीं दे पाते हैं। समय नहीं मिलने के
कारण वे जो मिल गया, वही खा लेते हैं।
भले ही फास्ट फूड खाकर ही पूरा दिन क्यों न
बिताना पड़े और फिर यही उन्हें बीमार कर देता है।
कैसे निपटें
अगर आप अकेली रहती हैं, तो आप अपना
खानपान संबंधी टाइमटेबल बना लें। जैसे आप
नाश्ते में स्प्राउट्स, अंडा, चीला ले सकती हैं। इसी
तरह लंच में दाल, रोटी, दही,
छाछ या फिर उबले चने और रात
के खाने में ओट्स आदि ले सकती
हैं। इस बीच आपको जब भी भूख
का अहसास हो, तो आप फल,
चने लें, जो आपकी भूख को शांत
करने के साथ-साथ आपको स्वस्थ
भी रखेंगे।
भावनात्मक लगाव की कमी
बच्चे में व्यस्त रहने के कारण
पार्टनर एक-दूसरे को वक्त नहीं दे
पाते हैं। रोमांस तो उनकी लाइफ
में रह नहीं जाता, जिससे उनके
बीच इमोशनली अटैचमेंट में कमी
आती है।
कैसे निपटें
पैरेंट्स बनने का मतलब यह नहीं
कि आप एक-दूसरे के साथ रोमांस
जताना ही छोड़ दें, बल्कि पहले
की तरह ही पार्टनर के साथ
रोमांटिक रहें। उसकी फीलिंग्स को समझें और टाइम
दें। हो सके, तो डिनर या फिर रोमांटिक डेट्स पर
भी जाएं। इससे लाइफ में रोमांस बना रहता है, वरना
नीरसता आने से लाइफ बोरिंग लगने लगती है।
अनुशासन में कमी
अक्सर हमें अनुशासन में रहना पसंद होता है, जैसे
टाइम पर उठना, खाना। कहीं बाहर जाना है, तब
भी टाइम से निकलना, एक्सरसाइज आदि। लेकिन
पैरेंट्स बनने के बाद हम चाहकर भी खुद को
अनुशासन में नहीं रख पाते, जो हमें अंदर ही अंदर
परेशान करता है।
कैसे निपटें
भले ही शुरुआत के 1-2 हफ्ते
आपके बहुत बिजी निकलें, लेकिन
बाद में आप अपना शेड्यूल बना
कर चलें, जैसे अगर आप बाहर
एक्सरसाइज के लिए नहीं जा
सकते तो घर में ही करें और अगर
डिनर फिक्स टाइम पर नहीं हो पा रहा
तो डिनर को टाइम पर करने के लिए
उसमें ओट्स, सूप, सलाद, खिचड़ी शामिल करें,
जो कम समय में बनने के साथ-साथ ज्यादा
सेहतमंद भी है। इससे आप बाहर का खाने से भी
बच जाएंगे और स्वस्थ भी रहेंगे। इसी तरह आप
बाकी चीजों को भी मैनेज करके नई स्थितियों से
आसानी से निपट सकती हैं।
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