ट्रांसिएंट इस्कीमिक अटैक (टीआईए) क्या होता है और इसके लक्षण(symptoms) और उपचार(treatment) के बारे मे इन हिन्दी
टीआईए के लक्षण जल्दी खत्म हो जाते है, इसलिए अधिकांश लोगों को इसका पता नहीं चल पाता है।लेकिन इसको हल्के में न लें टीआईए के लक्षण आमतौर पर कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटे (अधिकतम 24 घंटे) तक रहते हैं.......
कभी-कभी कुछ वजहों से मस्तिष्क में रक्त का संचार थोड़ी देर के लिए अचानक बाधित हो जाता है। इसे 'ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक' या 'टीआईए' कहते हैं। इसको मिनी स्ट्रोक भी कहा जाता है। टीआईए के लक्षण आमतौर पर कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटे (अधिकतम 24 घंटे) तक रहते हैं।इससे मस्तिष्क को कोई स्थायी क्षति तो नहीं होती, लेकिन इसे मेडिकल इमरजेंसी ही माना जाता है। इसे भविष्य में आने वाले गंभीर स्ट्रोक की चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। आमतौर पर स्ट्रोक, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बाधित होने पर होता है। यह मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के फटने या किसी दूसरी तरह की रुकावट से भी हो सकता है। रक्त की आपूर्ति रुकने के कारण मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिलती और वे मृतप्राय हो जाती हैं।
इससे न्यूरो संबंधी जटिलताएं बढ़ जाती हैं और कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। बढ़ती उम्र के साथ टीआईए या मिनी स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, हालांकि युवा भी इसके शिकार होते हैं। यह उन रोगियों में अधिक देखा जाता है, जो पहले से ही उच्च रक्तचाप, डायबिटीज या हृदय रोग से पीड़ित हैं। आंकड़े बताते हैं कि टीआईए के तीन महीने के भीतर पूर्ण विकसित स्ट्रोक आने की आशंका 20 फीसदी बढ़ जाती है। उच्च रक्तचाप इस स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। मोटापा, धूम्रपान, मादक पदार्थों का सेवन और हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
इसके अन्य लक्षण हैं।
सीटी स्कैन और आर्टेरिओग्राफी
चूंकि टीआईए के लक्षण बहुत लंबे समय तक नहीं रहते हैं, इसलिए इनका कोई तत्काल उपचार नहीं होता। टीआईए के बाद के संभावित खतरों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह की जांच करा सकते हैं। सिर का सीटी स्कैन टीआईए का पता लगाने में मदद करता है। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवल और लिपिड प्रोफाइल जैसे अन्य टेस्ट भी किए जाते हैं। टीआईए की पुष्टि करने के लिए आर्टेरिओग्राफी भी की जाती है। यह एक विशेष प्रकार का एक्स-रे होता है। एस्पिरिन जैसे ब्लड थिनर इसके उपचार में विशेष तौर पर कारगर है। यह खून में थक्का बनने से रोकता है। समस्या बढ़ने पर थक्के को हटाने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ती है।
अधिकांश लोगों को टीआईए का पता भी नहीं चलता।
इसके लक्षण जल्दी खत्म हो
जाते हैं, इसलिए लोग इसे कोई
आम बीमारी समझने की भूल
कर बैठते हैं और डॉक्टर की
सलाह नहीं लेते। दरअसल,
बिना वजह शरीर में
होता। जब यह स्ट्रोक आता है तो
रोगी के चेहरे, हाथ और पैर
सुन्न पड़ जाते हैं। अक्सर शरीर
के किसी एक हिस्से में कमजोरी
आ जाती है। तेज सिरदर्द, चलने
और देखने में कठिनाई, संतुलन का बिगड़ना और
कभी-कभी सोचने-समझने की शक्ति का लोप हो जाना
इसके लक्षण जल्दी खत्म हो
जाते हैं, इसलिए लोग इसे कोई
आम बीमारी समझने की भूल
कर बैठते हैं और डॉक्टर की
सलाह नहीं लेते। दरअसल,
बिना वजह शरीर में
होता। जब यह स्ट्रोक आता है तो
रोगी के चेहरे, हाथ और पैर
सुन्न पड़ जाते हैं। अक्सर शरीर
के किसी एक हिस्से में कमजोरी
आ जाती है। तेज सिरदर्द, चलने
और देखने में कठिनाई, संतुलन का बिगड़ना और
कभी-कभी सोचने-समझने की शक्ति का लोप हो जाना
इसके अन्य लक्षण हैं।
- टीआईए से बचने के लिए कुछ बातों का कड़ाई से पालन करें।
- रक्तचाप और मधुमेह के रोगी अपनी दवाएं नियमित रूप से लें।
- धूम्रपान या नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
- आहार में कोलेस्ट्रॉल और वसा को सीमित करें। नियमित व्यायाम करें तथा वजन काबू में रखें।
- सबसे महत्वपूर्ण बात, जब भी ऐसे लक्षण महसूस हों, डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
सीटी स्कैन और आर्टेरिओग्राफी
चूंकि टीआईए के लक्षण बहुत लंबे समय तक नहीं रहते हैं, इसलिए इनका कोई तत्काल उपचार नहीं होता। टीआईए के बाद के संभावित खतरों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई तरह की जांच करा सकते हैं। सिर का सीटी स्कैन टीआईए का पता लगाने में मदद करता है। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवल और लिपिड प्रोफाइल जैसे अन्य टेस्ट भी किए जाते हैं। टीआईए की पुष्टि करने के लिए आर्टेरिओग्राफी भी की जाती है। यह एक विशेष प्रकार का एक्स-रे होता है। एस्पिरिन जैसे ब्लड थिनर इसके उपचार में विशेष तौर पर कारगर है। यह खून में थक्का बनने से रोकता है। समस्या बढ़ने पर थक्के को हटाने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ती है।
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