Neonatal Intensive Care Unit - नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) जाए, तो रखें ये सावधानियां
घरमें किसी नन्हे मेहमान की किलकारी गूंजना हर माता-पिता के लिए बहुत ही खूबसूरत अनुभव होता है, जिसकी
तैयारी वह नवजात के दुनिया में आने से
पहले ही शुरू कर देते हैं। पर, कुछ बच्चे
अपने नियत समय से पहले ही जन्मलेलेते
हैं, जिन्हें प्रीमेच्योर बेबी कहाजाता है। ऐसे
नवजात शिशुओं को अस्पताल के एक
विशेष हिस्से में रखा जाता है, जिसे
नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट
(एनआईसीयू) के नाम से जाना जाता है,
जहां शिशुओं को इंटेसिव मेडिकल केयर
प्रदान की जाती है। इसलिए इस विशेष कक्ष
में किसी को भी आने-जाने की इजाजत
नहीं होती, सिर्फ प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी
ही जा सकते हैं। हालांकि एनआईसीयू में
शिशुओं के परिजन जासकते हैं और अपने
शिशु के साथ समय भी बिता सकते हैं,
लेकिन ऐसा करते समय कुछ विशेष
सावधानियां बरतने की जरूरत होती है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
एनआईसीयू में दाखिल शिशुओं की रोग
प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है,
इसलिए साफ-सफाई का खास ख्याल
रखें।इसलिए शिशुको छूने से पहले अच्छी
तरह साबुन से हाथ धोने, दस्ताने पहनने
और पीपीई किट के इस्तेमाल की सलाह
दी जाती है। इसी प्रकार एनआईसीयू से
बाहर निकलने के बाद भी साबुन से अच्छी
तरह हाथ धोने की सलाह दी जाती है।
शोर और तेज रोशनी से परहेज
हो सकता है कि अपने बच्चे से मिलकर
आपकामन उसकी फोटो खींचने का करे,
पर तेज आवाज या कैमरे की फ्लैश
एनआईसीयू में दाखिल अन्य शिशुओं को
असहज बना सकती है। इसलिए
एनआईसीयू में जाते समय अपने फोन को
साइलेंट मोड में रखें।
खुद को भी दें समय
किसी बीमार की तीमारदारी करने में
शारीरिक और मानसिक थकान होना
स्वभाविक है। पर जब बात नवजात शिशु
की आती है, तो यह तनाव और भी बढ़
जाता है। ऐसे में खुद को शांत और स्थिर
रखना बेहद जरूरी है, ताकि बीमार शिशु
के साथ-साथ आप अपने घर से जुड़ी
जिम्मेदारियां भी ढंग से निभा सकें।
सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति
आपके बच्चे को जल्दी ठीक करने में
मददगार साबित होगी।
ऐसे हालातों में प्रियजनों से बातचीत
संबल बनती है। अपने परिवार से इस बारे
में बात अवश्य करें और उनके सामने
अपना डर जाहिर करने से हिचके नहीं।
ऐसा करने से आपका तनाव निश्चित रूप
से कम होगा और आप ज्यादा बेहतर ढंग
से अपने शिशु की देखभाल कर पाएंगी।
आप चाहें तो किसी ऐसे अभिभावक से भी
बात कर सकती हैं, जिनका शिशु पहले
एनआईसीयू में रह चुका हो। किसी और
का अनुभव आपके डर को कम करेगा
और हिम्मत भी प्रदान करेगा।
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