लाइब्रेरियन जॉब कैसे पाये, योग्यता, अवसर, सैलरी के बारे मे
लाइब्रेरी मे करियर कैसे बना सकते है?
प्रसिद्ध अमेरिकी दार्शनिक नेवेल डी. हिलिस ने एक बार कहा था, "आप अपने बच्चों के मस्तिष्क को लाइब्रेरी और पुस्तकें दीजिये और फिर दुनिया भर के साहित्य और लोकगाथाएं उन्हें संतों और महापुरुषों की प्रतिभा और पांडित्य से भर देंगे।" आशय स्पष्ट है कि पुस्तकें और पुस्तकालय किसी देश के भविष्य के विकास की गति और बौद्धिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन एक लाइब्रेरी का महत्व यहीं तक सिमट कर नहीं रह जाता है। यदि किसी व्यक्ति में ऑर्गनाइजिंग कैपेसिटी हो, समय के महत्व को समझता हो, पुस्तक पढ़ने और उन्हें व्यवस्थित रखने का शौक रखता हो, राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की जिज्ञासा हो, तो उसके लिए लाइब्रेरी एक अच्छे कॅरिअर निर्माण का डोमेन साबित हो सकती है।
लाइब्रेरी साइंस के पांच नियम
एस.आर. रंगनाथन को लाइब्रेरी साइंस का जनक कहा जाता है और उनके जन्म दिन 12 अगस्त को भारत में "नेशनल लाइब्रेरियन डे" के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर में लाइब्रेरी साइंस में 5 नियम और कोलन क्लासिफिकेशन के लिए प्रसिद्ध गणित के विद्वान और पेशे से लाइब्रेरियन एस.आर. रंगनाथन की लाइब्रेरी साइंस के डॉक्यूमेंटेशन और डेवलेपमेंट में अहम भूमिका रही है।
लाइब्रेरी साइंस के पांच नियम निम्नांकित हैं-
- किताबें उपयोग के लिए होती हैं।'
- .प्रत्येक पाठक की अपनी किताब होती है।
- प्रत्येक पुस्तक का अपना पाठक होता है।
- पाठकों का समय बचना चाहिए।
- .पुस्तकालय एक डायनामिक इंस्टीट्यूट है।
लाइब्रेरियन का जॉब प्रोफाइल
लाइब्रेरी की पुस्तकों, पत्रिकाओं, रिफरेन्स मैटेरियल्स, जर्नल्स, ऑडियो और वीडियो डिस्क से लेकर अन्य बहुमूल्य फाइल्स, फोल्डर्स, डाटा और रिकार्ड्स की ट्रैकिंग से लेकर उनके मेंटेनेंस के लिए शार्प ब्रेन और अच्छी याद्दाश्त अनिवार्य होती है। बुक्स को उनकी विषय वस्तु के हिसाब से केटेगराइजेशन (केटालॉगिंग) करना, एक्सेसन नंबर उपलब्ध कराना, स्टूडेंट्स और टीचर्स को इशू करने के साथ उनको वापस करने के रिकार्ड्स का मेंटेनेंस लाइब्रेरियन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में शुमार होता है। लाइब्रेरी साइंस का कोर्स कर आप लाइब्रेरियन, लाइब्रेरी असिस्टेंट, लाइब्रेरी अटेंडेंट, डिप्टी लाइब्रेरियन, सीनियर इन्फॉर्मेशन एनालिस्ट इत्यादि पदों पर नौकरियां ढूंढ सकते हैं।
शैक्षणिक योग्यताएं
लाइब्रेरी साइंस में कॅरिअर निर्माण के इच्छुक उम्मीदवार के लिए सबसे पहली के योग्यता किसी भी स्ट्रीम में बारहवीं परीक्षा का पास होना होता है। इसके पश्चात लाइब्रेरी साइंस या लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस में बैचलर और मास्टर डिग्री होना जरुरी है। देश में कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी इस फील्ड में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बैचलर और मास्टर डिग्री के कोर्स में एडमिशन ऑफर करते हैं।
सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स
- सर्टिफिकेट इन लाइब्रेरी साईस (सी.लिब)
- सर्टीिफकेट इन लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस
- डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस साइंस (डी.लिब)
- डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंस
बैचलर कोर्स
- बैचलर ऑफ़ लाइब्रेरी साइंस (बी.लिब)
- बैचलर ऑफ़ लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस
मास्टर डिग्री
मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (एम.लिब) मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंस लाइब्रेरी साइंस और लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंस में इन डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर्स के साथ कोई उम्मीदवार एम.फिल और पीएचडी की डिग्रियां भी प्राप्त कर सकता है।
प्रमुख संस्थान
- डिपार्टमेंट ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंस, पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
- लोयला कॉलेज, चेन्नई
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई
- महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक
- किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली
- सेंट जोसफ कॉलेज, चिकमंगलूर
- यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, हैदराबाद
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, इग्नू, नई दिल्ली
- सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी, पुणे
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