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2022-04-16

liver fail kaise hota hai | lakshan | Upchar

लिवर फेल कैसे होता है और लिवर फेल होने के लक्षण (symptoms) के बारे मे


जब लिवर कोशिकाए अधिक संख्या में क्षतिरास्त हो जाती है तो यह काम करना बंद कर देता है। ये स्थिति बनती है लिवर फेलियर का कारण इसलिए संक्रमण होने परन बरतें लापरवाही...


लिवर फेल कैसे होता है?


लिवर यानी यकृत शरीर का एक बहुत जटिल व महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर की कई आवश्यक गतिविधियों को पूरा करता है। कुछ विशेष रसायनों का साव करने के कारण यह पाचन क्रिया के साथ ही अन्य अंगों के लिए भी सहायक की भूमिका निभाता है। लिवर शरीर का इकलौता अंग है, जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं के स्थान पर नई का निर्माण कर सकता है, लेकिन यदि कोशिकाएं अधिक संख्या में क्षतिग्रस्त हो जाएं तो भरपाई करना संभव नहीं है। इसे लिवर फेलियर कहते हैं। 

ये स्थिति तब आती है, जब लिवर का एक बड़ा भाग क्षतिग्रस्त होकर निष्क्रिय हो जाता है और उपचार से ठीक भी नहीं किया जा सकता है। जब लिवर फेलियर कई वर्षों में धीरे-धीरे होता है तो उसे क्रानिक लिवर फेलियर कहते हैं

रोगियों के अधिकतर मामले इसी के होते हैं। जिन मामलों में लिवर कुछ सप्ताह या महीनों में काम करना बंद करता है तो उसे एक्यूट लिवर फेलियर कहते हैं। जिन लोगों को एक्यूट लिवर फेलियर होता है, उनमें से अधिकतर में लिवर से संबंधित कोई बीमारी नहीं होती है, लेकिन कारण की बात करें तो किसी दवा का जब लिवर कोशिकाएं अधिक संख्या में क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो यह काम करना बंद कर देता है। ये स्थिति बनती है लिवर फेलियर का कारण ही लिवर की स्थिति और कार्यप्रणाली के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ व फाइब्रो स्कैन किया जाता है। कुछ मामलों में बायोप्सी भी कराई जाती है, जिससे ऊतकों की स्थिति से रोग की गंभीरता का सटीक पता चल सके।

इसलिए संक्रमण होने पर न बरतें लापरवाही...



उपचारः शुरुआती स्तर में लिवर फेलियर का उपचार दवाइयों से किया जाता है। एक्यूट लिवर फेलियर में तो दवाइयां कारगर होती हैं, लेकिन क्रानिक लिवर फेलियर में दवाईयों से उपचार संभव नहीं होता है। ऐसे में लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प ही बचता है।



इसे अवश्य करें


  • वजन नियंत्रित रखें
  • संतुलित व पोषक भोजन करें
  • फलों का सेवन करें, जिससे शरीर को विटामिंस, मिनरल्स औरफाइबर्स मिलते रहें
  • जंक फूड, फास्ट फूड औरतैलीय भोजन के सेवन से बचें
  • नमक, चाय और काफी का सेवन कम करें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • तनाव से बचें, इससे पाचन ठीक रहेगा और लिवर प्रभावित नहीं होगा।
  • समय-समय पर रक्त परीक्षण कराते रहें,
  • जिससे रक्त में वसा, कोलेस्ट्राल और ग्लूकोज के
  • स्तरकीजानकारी मिलती रहे
  • शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
  • तंबाकू उत्पादों के सेवन से बचें
  • अल्कोहल से परहेज करें

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