सिर पर चोट की समस्याओं का उपचार व निदान कैसे करे?
सिर पर लगने वाली चोट कई बार बनती है गभीर समस्या। इसलिए इसके उपचार में देरी ठीक नहीं...
हमारे देश में प्रति वर्ष लाखों लोग सड़क दुघर्टना में जान गंवा देते हैं। सरकारी व गैरसरकारी प्रयासों के बाद भी लोगों में अभी भी यातायात नियमों के प्रति जागरूकता व जिम्मेदार नागरिक होने का भाव नहीं है। इन हादसों की मूल वजह नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल
का प्रयोग, हेलमेट न पहनना और गाड़ी का
तेज रफ्तार में होना जैसी गलतियां शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, इन घटनाओं में सिर की
चोट के मरीजों की संख्या सर्वाधिक होती है।
कई बार सिर में चोट लगने पर किसी तरह के
गंभीर लक्षण न दिखने और पीड़ित के होश
में होने के कारण इसे सामान्य चोट मानकर
नजरअंदाज कर दिया जाता है। ध्यान रहे कि
सिर में लगी चोट का असर कई घंटों बाद भी
होता है और तब स्थिति बिगड़ सकती है।
सावधानी: सिर पर चोट खाए व्यक्ति के सिर
में यदि कोई चीज घुस गई है तो उसे निकालें
नहीं और मरीज को करवट देकर लिटा दें। सिर
में जहां से रक्तस्राव हो रहा हो, उस जगह को
साफ कपड़े से दबाएं, जिससे रक्तस्राव रुक
जाए। उल्टी होने पर ठीक से सफाई करें,
जिससे सांस बाधित न हो। बच्चे के सिर पर
चोट लगने पर यदि वह सो जाए तो एक-दो
घंटे में जगाकर मानसिक स्थिति पर नजर रखें। बच्चों के सिर पर चोट लगने पर यदि बच्चा सो जाता है तो अभिभावक समझते हैं कि सिर पर कोई क्षति नहीं हुई और इसलिए वह सो रहा है, लेकिन बच्चों के मामले में 24 घंटे तक निगरानी रखने की जरूरत होती है।
प्रमुख लक्षण
● सिरके दर्द का बढ़ना
● तेज नीद और बेहोशीआना
● उल्टी होना
● मिर्गी के दौरे पड़ना
● बच्चों में चिड़चिड़ापन, रोनाव उल्टी होना
● कमजोरीवसुन्नता आना
● आंखों की रोशनी, स्वादव सुनने की क्षमता का प्रभावित होना
कब जरूरी है सीटी स्कैन
● चोट के दो घंटे बाद भी होश न आने पर
●अनियंत्रित हृदयगति व ब्लडप्रेशर
● सिर की हड्डी में फ्रैक्चर होने पर
● बच्चों में सिर का फूलना
● 60 साल से ज्यादा उम्र के मरीज
उपचार
सिर में चोट लगने पर लक्षणों व सीटी स्कैन के आधार पर प्रारंभिकउपचार दवाओं व इंजेक्शन से किया जाता है। सिर की चोट गंभीर है और अंदरूनी रक्तस्राव अधिक हुआ है तो सर्जरी से निदान किया जाता है।
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