दूध और दही के फायदे या दूध दही खाने से क्या फायदा
जिन्हे लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या नही, वे दूध एवं दही दोनों का सेवन करें। कई बार लैक्टोज इन्टॉलरेंस होने पर ज्यादातर लोग दोनों का सेवन बंद कर देते है। ऐसा करना ठीक नही है। पहले दही एक बार जरूर खाकर देखें। यदि दही आसानी से पच जाता है, तो प्रतिदिन इसका सेवन करें। बुजुर्गो के लिए भी दूध से ज्यादा दही को पचाना आसान होता है। हालांकि किसी भी चीज को पचाना आपकी पाचनशक्ति पर निर्भर करता है। बच्चों को प्रतिदिन दूध एवं दही जरूर देना चाहिए। दो गिलास दूध पीने से उनके शरीर में कैल्शियम की कमी नही होगी। दही इसलिए जरूरी है, क्योकि इससे उनकी पाचनशक्ति दुरूस्त रहेगी। पेट ठीक रहेगा।
जिन्हे दही रात में सूट नही करता, वे न खाएं। एक गिलास दूध (लगभग 250 एमएल) में 305 मिलीग्राम कैल्शियम और एक कटोरी दही (लगभग 170ग्राम) में 180 मीलीग्राम कैल्शियम की मात्रा होती है। बच्चों को दोनों मिलाकर प्रतिदिन तीन सर्विग्स दूध-दही पर्याप्त है। दही,दूध के मूकाबले फायदेमंद इसलिए भी होता है, क्योकि इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया पेट के लिए अच्छा होता है। शरीर में मौजूद दूषित तत्वों को भी दही खत्म करता है। इससे डायरिया और आंत से संबंधित बीमारियां कम होती है। महिलाओं को दही का सेवन अवश्य करना चाहिए। इससे हडि्डयां मजबूत होती है। दही से परहेज उन्हें आर्थराइटिस, अस्थमा, कब्ज आदि की समस्या होती है।
कई लोग छाछ में कैलोरी का फर्क होता है। वे लोग जो कम कैलोरी लेते है, वे दही के विकल्प के रूप में छाछ पी सकते है। आंत में 400 प्रकार के जीवाणु मौजूद होते है, जिसमें कुछ अच्छे, तो कुछ हानिकारक होते है। जब हानिकारक जीवाणुओं की संख्या अच्छे जीवाणुओं से ज्यादा हो जाती है, तो पाचन क्रिया धीमी होने लगती है। ऐसे में दही से मिलने वाले प्रोबायोटिक्स आपकी मदद कर सकते है।
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