Fire Engineering And Safety Management Kya Hota Hain?
आपदा और मुसीबत के समय दूसरों
की मदद करने का जज्बा आपके भीतर है,तो फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग करियर का एक
बेहतरीन हो सकता है ।
आंकडे बोलते है
30 हजार रूपये प्रतिमाह से अधिक
कमा सकते है
05 सालों में इस क्षेत्र में और
बढेगी संभावनांए
बिल्डिंग निर्माण, रिफाइनरी, गैस
फैक्ट्री, निर्माण उद्योग, प्लास्टिक,एलपीजी तथा
केमिकल्स प्लांट, बहुमंजिली इमारतों व एयरपोर्ट हर जगह
रहती है खासी डिमांड।
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हाल के दिनों में आगजनी की
घटनाएं तेजी से बढी है। कभी मॉल,कभी ऑफिस,तो कभी ऊची-ऊची इमारतो में आग लगने से
करोडों का नुसकान हो जाता है। आग पर काबू पाने के लिए फायर इंजीनियरिंग से जुडे
लोगों की एक ऐसी टीम की जरूरत होती है, जो आग की किस्म , आग लगने के कारण, आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के सामान और आग में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के
हुनर की जानकारी हो। यदि आपके अंदर भी फौलाद सा जिगर, साहस, आग में खेलने की हिम्मत है, तो फायर
इंजीनियरिंग बनकर लोगों और देश की संपत्ति की सुरक्षा कर सकते है। इस क्षेत्र में
आने के लिए कई तरह के कोर्स के साथ-साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस क्षेत्र में
फायरमैन से लेकर चीफ फायर ऑफिसर तक बन सकते है। यदि आप चाहते है आग से खेलते हुए
कॅरियर की बुलंदी तक पहुंचना, तो डिप्लोमा से लेकर
बीई(फायर) करके विभिन्न पदों पर काम कर सकते है। फायरमैन वह व्यक्ति होता है, जो सीधे-सीधे आग से जूझता है। फायरमैन की टीम हर फायर स्टेशन में तैनाक
होती है। लीडिंग फायरमैन बनने के बाद विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण कर लीडिंग फायरमैन
बना जा सकता है।सब ऑफिसर किसी भी फायर टेंडर का लीडर होता है, जिसकी कमान में फायरमैन और लीडिंग फायरमैन होते है। यह परिस्थिति का आंकलन
कर अपनी टीम को मार्गदर्शक देता है कि किस प्रकार से कम से कम नुकसान झेलते हुए आग
को बुझाया जा सके। स्टेशन ऑफिसर किसी भी फायर स्टेशन का प्रमुख होता है, जो न सिर्फ फायर स्टेशन की टीम को लीड करता है, बल्कि इस बात की पूरी जानकारी रखता है कि उसकी जिम्मेदारी के दायरे में
आने वाले इलाके में किस तरह की इमारते, फैक्ट्रियां,रिहाइशी इलाके है। इसके साथ ही असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर,डिविजनल ऑफिसर, डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर, चीफ फायर ऑफिसर जैसे कई अधिकारी होते है।फायर फाइटर्स का मुख्य काम होता
है, आग लगने के कारणों का पता लगाना । उसे रोकनेके
उपायों का विश्लेषण करना। फायर फाइटिंग सिविल, इलेक्ट्रिक, एन्वायमेंटल इंजीनियरिंग से जुडा क्षेत्र है। मसलन, आग बुझाने के यंत्रों की तकनीकी जानकारी, स्प्रिंक्लर
सिस्टम, अलाम , पानी
की बौछार का सबसे सटीक इस्तेमाल, कम से कम समय में
अधिक से अधिक जान और माल की रक्षा करना होता है।
यहां से करें कोर्स...............
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खडगपुर
iitkgp.ac.in
राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा
महाविद्यायल, पालम रोड, नागपुर
www.nfscnagpur.nic.in/
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फायर
इंजीनियरिंग, नईदिल्ली
dife.in
गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट
टेक्नोलॉजी, झज्जर, हरियाणा
www.gangainstitute.com
इंडियन फायर सर्विस
इंजीनियरिंग एंड सेफ्टी मैनेजमेंट, औरंगाबाद
www.firesafetycollege.com
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अवसरों की कोई कमी नही
डिप्लोमा या डिग्री में दाखिले
के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य है। कुछ पदों के लिए बीई(फायर) की डिग्री अनिवार्य
है। प्रवेश के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम होता है। केमिस्ट्री के साथ फिजिक्स
या गणित विषय में 50% अंकों
के साथ उत्तीर्ण हो। डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी, बीएससी
एन फायर इंजीनियरिंग, सर्टिफिकेट कोर्स इन फायर फाइटिंग, फायर टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट आदि कोर्स कर सकते है, जिसकी अवधि छह महीने से लेकर तीन साल तक है। कोर्स के दौरान आग बुझाने की
मकनीकी जानकारी से लेकर जान-मान के बचाव के साइंटिफिक फॉर्मूला की जानकारी दी जाती
है। इसमें रोजगार की अगर संभावनाएं है। फायर इंजीनियर की जरूरत अग्निशमक विभाग के
अलावा रिफाइनर, गैस फैक्ट्री,प्लास्टिक, एलपीजी, तथा केमिकल्स प्लांट में होती है।
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