एक्चुरिअल साइंस के बाद,सब कहेंगे
‘शबाश’
मैथ्स के साथ अगर आपकी एनालिटिकल
स्क्लि भी अच्छी है, तो एक्चुरियल साइंस कोर्स आपके लिए बेहतर है। बैकिंग या किसी
भी वित्तीय संस्थान में बेहतरीन अवसर मिल सकते है।आंकडे बोलते है10 शीर्ष कोसों की
सूची में शामिल है यह कोर्स30000 रूपये से होती है सैलेरी की शुरूआतएक्चुरियल प्रोफेशनल्स
बिजनेस में होने वाले खतरे और अनिश्चितताओं को पहले ही भाप लेते है।किसी भी बीमा पॉलिसी
के निर्माण या फाइनेंशियल योजना बनाने में एक्चुरियल प्रोफेशनल्स का सबसे बडा रोल
होता है। एक्चुरियल प्रोफेशनल्स को बीमा और पेंशन इंडस्ट्रीज का बैकबोन भी कहा जाता
है, क्योकि ये ऐसी पॉलिसी बनाने का काम करते है, जिनसे भविष्य में फायदा हो सके।
साथ ही एक एक्चुरियल प्रोफेशनल भविष्य में आने वाले खतरे को भी पहले सक पहचान लेता
है। यानी एक्चुरियल प्रोफेशनल्स बीमा के जोखित और प्रीमियम की गणना कर भविष्य की
घटनाओं का वित्तीय रूप से आकलन करते है। आप इसे यूं समझ सकते है कि डिमोनेटाइजेशन
से अर्थव्यवस्था के अंदर होने वाली चीजों को एक्चुरियल प्रोफेशनल्स ही विश्लेषण
करके उसके प्रभाव को बता सकता है।मैथ्स के साथ-साथ अगर आपकी एनालिटिकल स्किल अच्छी
है, तो करियर के लिहाज से यह क्षेत्र आपके लिए बेहतर हो सकता है। इंश्योरंस, बैंक,
और फाइनेंशियल कंपनियों में ऐसे प्रोफेशनल्स की ज्यादा मांग रहती है। एक्चुरियल
साइंस कोर्स करने के लिए विद्यार्थी को गणित और सांख्यिकी जैसे विषयों में माहिर होना
जरूरी है। यह एक ऐसा कोर्स है, जिसका हर देश में बहुत महत्व है, लेकिन हर देश के हिसाब
से एक्चुरियल साइंस का सिलेबस अलग-अलग है। सिलेबस अलग होने की वजह हर देश की अर्थव्यवस्था
का अलग होना है। भारत में भी एक्चुरियल साइंस की एक अलग सिलेबस है, जो कि भारत में
रह रहे विद्यार्थियों के लिए है। भारत की संस्था के सिलेबस के अनुसार, एक्चुरिअल
साइंस में कुल 15 पेपर होते है। इस कोर्स की खास बात यह है कि अगर आप 4 या 5 पेपर भी
क्लियर कर लेते है, तो भी आपको जॉब आसानी से मिल जाती है। इस कोर्स को करने के लिए
कोई तय उम्र सीमा नहीं है। कोर्स को करने के बाद आपको नौकरी के कई सारे विकल्प मिलेंगे।
एक्चुरियल प्रोफेशनल्स की मांग सरकारी और प्राइवेट इंश्योरेस कंपनियों, बैंक, सोशल
सिक्योरिटी, फाइनेंशियल एनालिसिस फर्म आदि में भी है। अर्थात एक्चुरियल प्रोफेशनल्स
की मांग उन सभी सेक्टर्स में होती है, जहां वित्तिय जोखिम की गुंजांइस होती है। जहां
तक बात सैलरी की है, तो आपकी शुरूआती सैलरी करीब 3-4 लाख रूपये सलाना होती है। अनुभव
के साथ आपकी सैलरी भी बढती जाती है।
यहां से करे कोर्स
इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुरीज ऑफ इंडिया
www.actuariesindia.org
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, दिल्ली
यूनिवर्सिटी, दिल्ली
www.du.ac.in
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ
www.amu.ac.in
डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड
सोशल साइंस, आईआईटी, मुबई
www.iitb.ac.in
इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाइड रिस्क
एंड इंश्योरेंस मैनेजर्स, हैदराबाद
www.icrimindia.org
यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे, पुणेअन्नामलाई
यूनिवर्सिटी, अन्नामलाई नगर
www.annamalaiuniversity.ac.in
ये चीजें जरूरी हैं
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