कंपनी की छवी बनाते है
ब्रांड मैनेजर
नूडल्स के बारे में
सोचते ही एक कंपनी का नाम दिमाग में सबसे पहले आता है। यह छवि ऐसे ही नहीं बनती है।
इसके पीछे होती है कंपनी के ब्रांड मैनेजर की क्रिएटिव सोच।
आंकडे बोलते है
5-10 ब्रांड मैनेजर्स की जरूरत होती है हर बडी कंपनी
को मैनेजमेंट के लिए10 लाख रूपये तक हो सकती है सालाना सैलरी
शुरूआत में आप चाहें,
तो प्रोडक्ट मैनेजर या ब्रांड मैनेजर के रूप में काम कर सकते है।
प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांनिंग एंड मैनेजमेंट,
दिल्ली
जेवियर इंस्टीट्यूट
ऑफ मैनेजमेंट एंड इंटरप्रिन्योरशिप इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद, गुजरात
इंडियन इंस्टीट्यूट
ऑफ साइंस एंड मैनेजमेंट, रांची, झारखंड
लग्जरी कनेक्ट बिजनेस
स्कूल, गुरूग्रा, हरियाणाएमपी बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, बंगलुरू
आप जब भी कोई प्रोडक्ट खरीदते है, तो उसके ब्रांड को जरूर देखते है। कई
ब्रांड है, जिनका नाम ही उस उत्पाद की पहचान बन गया है। मार्केटिंग प्रतिद्वंदता के
इस दौर में हर कंपनी अपने उत्पाद की ब्रांडिंग करना चाहती है। ग्राहको के मन में उत्पाद
के ब्रांड की छवि बनाने की जिम्मेदारी ब्रांड मैनेजमेंट टीम की होती है। ब्रांडिंग
की इस प्रकिया में ब्रांड मैनेजर की भूमिका अहम मानी जाती है। अपने उत्पाद को अलग
ढंग से प्रस्तुत करने की चाहत के कारण ही ब्रांड मैनेजर्स की मांग बढ रही है। ब्रांड
मैनेजर किसी खास उत्पाद को मार्केटिंग तकनीको के प्रयोग से ग्राहको के सामने इस ढंग
से पेश करते है कि उसकी छाप लंबे समय तक बरकरार रहे।
किसी भी विषय से स्नातक
की डिग्री लेकर या कैट और मैट की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद आप मास्टर्स ऑफ बिजनेस
एडमिनिस्ट्रेशन (ब्रांड मैनेजमेंट) कोर्स में दाखिला ले सकते है। यह कोर्स यूं तो
दो साल की अवधि का है, लेकिन आप चाहे तो इसमें डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते है जिसकी
अवधि एक साल होती है। कई बिजनेस स्कूल और विश्वविद्यालयों में पोस्ट ग्रेजूएट सर्टिफिकेट/डिप्लोमा
कोर्स इन ब्रांड मैनेजमेंट और बीए (ऑनर्स) लग्जरी ब्रांड्स जैसे कोर्स उपलब्ध है।
इस कोर्स के लिए व्क्तिगत गुणों की बात करें, तो बतौर ब्रांड मैनेजर आपके भीतर हिंदी
और अंग्रेजी भाषा की अच्छी पकड होना जरूरी है। बाजार की पूरी जानकारी यानी जरूरत,
मांग, पहुंच और चलन का ज्ञान होना जरूरी है। इसी के साथ आपमें रचनात्मकता और लोगों
से अच्छे संपर्क साधने की कला भी होनी चाहिए। एक ब्रांड मैनेजर को ब्रांड बिल्डिंग
के अलावा ब्रांड एनालिटिक्स, ब्रांड मीनिंग, ब्रांड पोजिशनिंग और ब्रांड इक्विटी का
भी ध्यान रखना होता है। ग्राहको के साथ भावनात्मक जुडाव के लिए ब्रांड मैनेजमेंट
टीम को ब्रांड के मूल्यों की अच्छी समझ होना बहुत जरूरी है।ब्रांड मैनेजमेंट की पढाई
करने के बाद संभावनाओं की कमी नहीं रह जाती है।इस कोर्स को करने के उपरांत आपके पास
कई विकल्प है, जहां से आप अपने करियर की शुरूआत कर सकते है। शुरूआती तौर पर आप चाहें,
तो प्रोडक्ट मैनेजर या ब्रांड डेवलपमेंट मैनेजर के रूप काम कर सकते है। आमतौर पर कोर्स
पूरा करने के बाद छात्रों का प्लेसमेंट देश की प्रमुख कंपनियों जैसे हिंदुस्तान लीवर,
गोदरेज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, आदित्य बिरला ग्रुप, रिलायंस आदि में हो
जाता है। लग्जरी लाइफ, कमाई आसमान परब्रांड मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाने
के दो लाभ है। यहां आपका लाइफस्टाइल लग्जरी होता है और अनुभव के साथ कमाई आसमान पर
पहुंच जाती है। बस इस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए आपको धैर्यवान होने और जुनून से
लबरेज होने की जरूरत है। ब्रांड मैनेजर को सलाना 10 लाख रूपये और असिस्टेंट ब्रांड
मैनेजर को करीब 5 से 6 लाख रूपये सालाना का वेतन मिल सकता है। यह वेतन नौकरी के स्थान,
व्क्ति के कौशल और अन्य मानदंडो के हिसाब से निर्धारित होता है। ब्रांड मैनेजमेंट
से संबंधित एक कोर्स है, जिसे लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट कहते है। इसमें अंतरराष्ट्रीय
फैशन ब्रांडों का प्रबंधन किया जाता है।
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