मोबाइल फोन के रेडिएशन से कैसे बचें?? जाने कैसे रेडिएशन इफेक्ट्स ऑन ह्यूमन बॉडी????
अपने मोबाइल का रेडिएशन जानते हैं? जिंदगी का प्रमुख हिस्सा बन चुके मोबाइल फोन के रेडिएशन के बारे में जानना भी जरुरी है। यह कई तरह की बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
आधुनिक जीवन शैली में मोबाइल फोन सबसे अहम चीज है। हम मोबाइल के बिना एक मिनट भी अलग नहीं रह पाते। लेकिन कभी इन मोबाइल फोन्स से निकलने वाले रेडिएशन के बारे में जाना है? जो न केवल वातावरण में रहने वाले पशु-पक्षियों, बल्कि इंसान की सेहत पर भी बुरा असर करता है।
मोबाइल रेडिएशन क्या होता है ????
दरअसल हम जिस मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं , उससे विशेष प्रकार की तरंगे (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन) निकलते हैं, जिन्हें आम जनजीवन के लिए हानिकारक माना जाता है। मोबाइल रेडिएशन से मानसिक अवसाद समेत कई घातक बीमारियों के होने की आशंका रहती है।
मोबाइल रेडिएशन को कैसे चेक करें???
अगर आप अपने मोबाइल फोन का रेडिएशन चेक करना चाहते हैं, तो इसके लिए मोबाइल से *#07# डायल करना होगा। यह नंबर डायल करते ही, मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन संबंधित जानकारी आ जाएगी। इसमें दो तरह से रेडिएशन के स्तर को दिखाया जाता है। एक 'हेड' और दूसरा 'बॉडी'।हेड यानी फोन पर बातचीत करते हुए मोबाइल रेडिएशन का स्तर क्या है और बाॅडी यानी फोन इस्तेमाल करते हुए या जेब मे रखे हुए रेडिएशन का स्तर क्या है???
मोबाइल का रेडिएशन कितना होना चाहिए???
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 'स्पेसिफिक एब्जाॅप् र्श रेट' (सार) के तहत किसी भी स्मार्टफोन, टैबलेट या अन्य स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन 1.6 वाॅट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए । शरीर से डिवाइस की 10 मिली मीटर की दूरी पर भी यह नियम लागू होता है। यदि फोन पर बात करते हुए या जेब मे रखे हुए, आपका डिवाइस रेडिएशन की सीमा को पार करता है,तो आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
खतरनाक रेडिएशन से बचने के तरीके या उपाय
टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के मुताबिक, डिवाइस को रेडिएशन से बिल्कुल मुक्त तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे कुछ समय के लिए इस से बचाया जरूर जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, फोन को चार्ज पर लगाकर कभी बात न करें। उस वक्त मोबाइल का रेडिएशन 10 गुना तक बढ़ जाता है। सिग्नल कमजोर होने या फिर बैटरी डिस्चार्ज होने पर काॅल ना करें। इस दौरान भी रेडिएशन लेवल बढ जाता है। जरुरत पड़ने पर ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करे। इससे शरीर पर रेडिएशन का इफेक्ट कम पड़ता है। इंडिया नेशनल स्पेसिफिक एब्जाॅप् र्श रेट लिमिट (INSARL) के अनुसार, मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 1.6
वाॅट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
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