अगर आप बिटकॉइन कमाना चाहते है तो इससे बेहतर आपको साइट नहीं मिलेगी? तो बिटकॉइन कमाने के लिए क्लिक करे

Search Your Topic In This Blog : I think I written about that.

2019-07-31

PartnerShip And Business Organization Class 12 Commerce Note Hindi

साझेदार (Partnership)
  • चालू व्‍यवसाय में साझेदारो की सहमति से नये व्‍यक्ति फर्म या संस्‍था को शामिल करना नये साझेदार का प्रवेश कहलाता है ।
  1. New Profit Sharing Ratio = Old Profit Sharing Ratio – New Profit Sharing Ratio
  2. Sacrifice Ratio = Old Profit Sharing Ratio – New Profit Sharing Ratio
  3. त्‍याग अनुपात वह अनुपात है जिसे पुराने साझेदार नये साझेदार को प्रदान करके फर्म में शामिल करते है।
  4. जब नया साझेदार समान दर से सभी साझेदारो से हिस्‍सा पाता है तो पुराना  लाभ हानि अनुपात तथा त्‍याग अनुपात बराबर होता है।
  5. ख्‍याति एक अदृश्‍य स्‍थायी सम्‍पत्ति है। यह सच्‍चाई ईमानदारी प्रतिष्‍ठा आदि का परिणाम होता है।
  6. ‘’ख्‍याति एक लाभ है जो व्‍यवसाय के संबधं एवं प्रसिद्ध‍ि से उत्‍पन्‍न होती है’’ यह कथन लार्ड लिण्‍डले का है।
  7. ख्‍याति तीन प्रकार की होती है। A - बिल्‍ली के स्‍वभाव की ख्‍याति B - कुत्‍ते के स्‍वभाव की ख्‍याति C - चूहे के स्‍वभाव की ख्‍याति
  8. Goodwill = Total Profit x Purchase Number Of The Year/ Number Of The Year
  9. Super Profit = Actual Or Average Profit – Normal Profit
  10. Goodwill = Super Profit x Number Of Purchases Year
  11. नये साझेदार का प्रवेश साझेदारी अधिनियम 1932 की धारा 31(1)(2) में वर्णित है।
  12. अवयस्‍क को केवल लाभ के लिये साझेदार बनाया जा सकता है।
  13. साझेदारो में लाभ हानि का बटवारा साझेदारी संलेख के अनुसार करना चाहिए।
  14. नये साझेदार के प्रवेश के पश्‍चात चिट्ठे मे ख्‍याति खाता बन्‍द करना अनिवार्य है।
  15. फर्म मे छिपी हुयी ख्‍याति गुप्‍त ख्‍याति है।
  16. नये साझेदार के प्रवेश पर सम्‍पत्तियो एवं दायित्‍व का मुल्‍य ज्ञात करने के लिए पुनमूल्‍यांकन खाता बनाया जाता है।
  17. सम्‍पत्तियो के मूल्‍यो में वृध्दि लाभ होता है। इसे Cr. पक्ष में दिखाते है।
  18. दायित्‍वो के मूल्‍यो में वृध्दि हानि होता है। इसे Dr. पक्ष में दिखाते है।
  19. सम्‍पत्तियो के मूल्‍यो में कमी हानि होता है। इसे Dr. पक्ष में दिखाते है।
  20. दायित्‍वो के मूल्‍यो में कमी लाभ होता है। इसे Cr. पक्ष में दिखाते है।
  21. स्‍थायी सम्‍पत्तियो के मूल्‍य में कमी लाभ ह्रास कहलाता है।
  22. पुनर्मूल्‍यांकन खाता नाम मात्र का खाता है।
  23. नये साझेदार के प्रीमियम की राशि पुराने साझेदार त्‍याग अनुपात में बाट लेते है।
  24. पुनर्मूल्‍यांकन पर लाभ तथा हानि को पुराने साझेदार पुराने अनुपात में वहन करते है।
  25. पुनर्मूल्‍यांकन के केडिट पक्ष का Dr. पक्ष पर आधिक्‍य लाभ कहलाता है।
  26. पुनर्मूल्‍यांकन के डेबिट पक्ष का Cr. पक्ष पर आधिक्‍य हानि कहलाता है।
  27. पेटेण्‍ट्स एक अमूर्त सम्‍पत्ति है।
  28. प्रश्‍न में लाभ हानि अनुपात स्‍पष्‍ट न होने पर बराबर अनुपात माना जाता है।
व्‍यावसायिक संगठन
  1. व्‍यापार का अर्थ वस्‍तुओ एवं सेवाओ का क्रय विक्रय है।
  2. देशी की सीमाओ के अन्‍दर होने वाला व्‍यापार देशी व्‍यापार कहलाता है।
  3. देशी व्‍यापार की प्रक्रिया का प्रथम चरण पुछताछ होता है।
  4. पुछताछ के उत्‍तर को ‘’निर्ख पत्र’’ या कोटेशन के नाम से जानते है।
  5. माल उधार देने से पूर्व व्रिकेता क्रेता के आर्थिक स्थिति को निम्‍न बिन्‍दु से जानने की कोशिश करता है व्‍यापारिक सन्‍दर्भ, व्‍यापारिक सुचनालय, व्‍यक्तिगत, व्‍यापार मण्‍डल, निजी साधन, बैंक आदि।
  6. रेलवे से विक्रेता को जो रसीद मिलती है उसे रेलवे बिल्‍टी R/R कहते है।
  7. रेलवे बिल्‍टी अर्ध्‍दविनिमय साध्‍य प्रलेख है।
  8. रेलवे बिल्‍टी खोने पर क्षतिपूर्ति अनुबन्‍ध भरना पडता है।
  9. विक्रेता द्वारा बीजक तैयार किया जाता है।
  10. अवधि के पश्‍चात माल छुडाने पर विलम्‍ब शुल्‍क देना पडता है।
  11. हल्‍के एवं खराब होने वाले सामान सवारी गाडी से भेजा जाता है।
  12. बीजक एक विवरण पत्र है। जिसमें माल की किस्‍म दर संख्‍या आदि का विस्‍तृत विवरण विक्रेता द्वारा क्रेता को दिया जाता है।
  13. बीजक दो प्रकार का होता है। 1. सुचनार्थ बीजक 2. पूर्ण बीजक
  14. व्‍यापारिक छूट बिक्रय मूल्‍य से घटाई जाती है।
  15. सूचनार्थ बीजक अनुमानित होता है।
  16. नकद छूट विक्रय मूल्‍य से व्‍यापारिक छूट घटाने के बाद घटाते है।
  17. व्‍यापारिक छूट को सूची मूल्‍य से घटाया जाता है।
  18. परिशोध कमीशन सकल विक्रय मूल्‍य पर दिया जाता है।
  19. जब बीजक का योग अधिक लग जाता है। विक्रेता द्वारा जमापत्र (Credit Note) बनाया जाता है।
  20. जब बीजक में योग कम लगाता है।तो नाम पत्र Debit Note बनाया जाता है।
  21. रेल मूल्‍य में माल लादने तक के व्‍यय सम्मिलित होते है।
Foreign Trade
  1. दो देशो के मध्‍य होने वाला व्‍यापार विदेशी या अन्‍तर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार कहलाता है।
  2. स्‍टीफेन्‍सन ‘’जो व्‍यापार एक देश की सीमाय पार करके किया जाता है। विदेशी व्‍यापार कहलाता है।‘’
  3. विदेशी व्‍यापार तीन प्रकार के होते है।1. आयात व्‍यापार 2. निर्यात व्‍यापार 3. पुननिर्यात व्‍यापार
  4. भारत में फिलिप्‍स वाटा आदि विदेशी शाखाए है।
  5. विदेशी व्‍यापार से दो देशो के बीच सभ्‍यता एवं संस्‍कृति का विकाश होता है।
  6. विदेशी व्‍यापार का प्रथम चरण आर्डर या इण्‍डेण्‍ट से प्रारम्‍भ होता है।
  7. आर्डर उत्‍पाद कम्‍पनी को दिया जाता है।
  8. इण्‍डेण्‍ट दो प्रकार का होता है 1. खुला इण्‍डेण्‍ट 2. बन्‍द इण्‍डेण्‍ट
  9. वह स्‍थान जहां आयात करनी आयात कर, Import Tax चुकाने तक अपना माल रखता है। प्रमाणित गोदाम कहलाता है।
  10. गोदाम अधिकारी माल रखने पर जो रसीद देता है। गोदी वारन्‍ट या डाक वारन्‍ट कहलाता है।
  11. पूरा जहाज किराये पर लेने के सम्‍बन्‍ध में जहाजी कम्‍पनी एवं निर्यात एजेण्‍ट के मध्‍य होने वाला अनुबन्‍ध नवभाटक पत्र कहलाता है।
  12. नवभाटक पत्र तीन प्रकार का होता है – 1. यात्रा नवभाटक पत्र 2. समय नवभाटक पत्र 3. समय+यात्रा नवभाटक पत्र
  13. आयात कर चुकाने हेतु जो फार्म भरा जाता है। प्रवेश विल या आगम पत्र कहलाता है।
  14. प्रवेश विल की तीन प्रतिया भरी जाती है काल, नीला, आसमानी रंग की होती है।
  15. विदेशी व्‍यापार में रूक्‍के वाला बिल या प्रलेखी बिल का प्रयोग बैक के द्वारा भुगतान करने के लिये होता है।
  16. नवभाटक पत्र को चार्टर पार्टी के नाम से भी जानते है। यह विदेशी व्‍यापार में ही प्रयोग होता है।
  17. जहाजी बिल्‍टी विदेशी व्‍यापार में प्रयोग होता है।
  18. जहाजी बिल्‍टी दो प्रकार का होता है 1 वाहक बिल्‍टी 2 अदिस्‍ट बिल्‍टी
  19. जहाजी बिल्‍टी अर्ध्‍द विनिमय साध्‍य प्रलेख है।
  20. जहाज का कप्‍तान माल लदने पर जो रसीद देता है। कप्‍तान की रसीद या भेट की रसीद कहलाती है।
  21. प्रेषक या प्रतिनिधि का विदेशी चुंगी घर से परमिट प्राप्‍त करना होता है।
  22. कप्‍तान की रसीद दो प्रकार की होती है। 1 स्‍वच्‍छ 2 दूषित
  23. आर्डर एक ही प्रकार का होता है।
  24. आर्डर लिखित तथा मौखिक दोनों हो सकता है।
  25. इण्‍डेण्‍ट केवल लिखित होता है।
  26. विदेशी व्‍यापार में मतभेद होने पर पंच निर्णय का प्रयोग होता है।
  27. रेलवे बिल्‍टी का प्रयोग देशी व्‍यापार में होता है।
  28. विदेशी व्‍यापार में भुगतान विदेशी मुद्रा में किया जाता है।
जैसे- a. जापान के साथ व्‍यापार करने पर JPY (Symbol Of Money  ¥) में करना पडेगा। b.अमेरिका के साथ व्‍यापार करने पर USD (Symbol Of Money $) में करना पडेगा। c.ब्रिटेन के साथ व्‍यापार करने पर Pound  (Symbol Of Money £) में करना पडेगा।
   d. यूरोपिय देशो के साथ व्‍यापार करने पर Euro (Symbol Of Money ) में करना पडेगा।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Thanks You Guys
Please Share This Link