NGO Non Governmental Organization
एनजीओ का क्षेत्र केवल समाज सेवा ही नहीं, रोजगार के लिहाज से भी युवाओं को बहुत आकर्षित कर रहा है…
एनजीओ को नॉन गवर्नर मेंटल आगनाइजेशन यानी गैर सरकारी संगठन कहते हैं। आज देश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व समाज में बहत से गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन हैं। इस क्षेत्र में समाज सेवा के साथ-साथ बेहतर करियर भी बनाया जा सकता है। यदि आपको सोशल वर्क में रुचि है. लोगों से घुलना-मिलना अच्छा लगता है, तो आप भी नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन में करियर बना सकते हैं। नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए खोले जाते हैं। सामाजिक समस्याओं का समाधान करना और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गतिविधियों को उचित तरीके से चलाना एक एनजीओ का मुख्य उद्देश्य होता है।
भविष्य की संभावनाएं
यह क्षेत्र न केवल समाज सेवा बल्कि रोजगार के लिहाज से भी युवाओं को बहुत आकर्षित कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनिसेफ, यूनाइटेड नेशंस, यूनेस्को, नाटो, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन जैसे संस्थाए में आप कम्यूनिटी सर्विस मैनेजर, हेल्थ ऑफिसर, सोशल वर्क प्रोवाइडर जैसे पदों पर जॉब कर सकते हैं। सामाजिक क्षेत्र में नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन और बहुत सी संस्थाएं हैं, जो समाज के विभिन्न वर्गों को सेवाएं प्रदान करती हैं। आज देश में लाखों कार्यशील रजिस्टर्ड एनजीओ हैं। इसमें सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इसके बाद ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के क्षेत्र में, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण और अन्य सेक्टर में कार्यरत हैं। यह क्षेत्र लाखों लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार देता है। आप किसी भी प्रगतिशील क्षेत्र में नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन के साथ काम शुरू कर सकते हैं या आप अपना खुद का एनजीओ रजिस्टर्ड करवाकर सोशल वर्क शुरू कर सकते हैं।
जरूरी कौशल
1 समाज कल्याण की भावनाओं के साथ संवेदनशील होना भी बहुत जरूरी है।
2 प्रशिक्षण कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने में महारत हासिल होनी चाहिए।
3 निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।
4 लोगों की सहायता करने में रुचि होनी चाहिए।
5 सुनने और बोलने की अच्छी स्किल्स के अलावा, आपके पास सामाजिक कौशल भी होने चाहिए।
2 प्रशिक्षण कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने में महारत हासिल होनी चाहिए।
3 निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए।
4 लोगों की सहायता करने में रुचि होनी चाहिए।
5 सुनने और बोलने की अच्छी स्किल्स के अलावा, आपके पास सामाजिक कौशल भी होने चाहिए।
कार्य और धन की व्यवस्था
नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन अपने क्षेत्र की सामाजिक, पर्यावरणीय एवं आर्थिक चुनौतियों के प्रति स्थानीय समुदाय, संस्थाओं एवं सरकारी निकायो में जागरूकता तथा सामुदायिक सोच को उजागर करके लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाकर राष्ट्रीय विकास में योगदान देते हैं। आप महिला समस्या, बाल विकास, मानवाधिकार, स्वास्थ्य, कषि, पर्यावरण, सांस्कृतिक आदि क्षेत्र में कार्य कर सकते हैं। एनजीओ के एन होनी चाहिए। काम करने का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। एनजीओ को सरकारी, गैर-सरकारी, कॉर्पोरेट जगत एवं आम लोगों से धन एवं अनुदान की बड़ी रकम मिलती है। सरकार भी कई कल्याणकारी परियोजनाओं को एनजीओ के साथ मिलकर लागू करती है।
प्रमुख संस्थान
- दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क, दिल्ली
- www.dssw.du.ac.in
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ला
- www.jmi.ac.in
- सेंटर फॉर सोशल इनिशिएटिव एंड मैनेजमेंट,हैदराबाद
- wwwesim.in
- डॉ. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस
- www.brauss.in
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल वेलफेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट, कोलकाता www.iiswom.edu
वेतन
20-30 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिल सकता है शुरुआती वेतन
शैक्षणिक योग्यता
वैसे तो किसी भी स्ट्रीम से जड़े छात्र इस फील्ड में हाथ आजमा सकते हैं, लेकिन आप विशेषज्ञता हासिल करना चाहें तो 12वीं के बाद सोशियोलॉजी या सोशल वर्क विषय में ही ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। कई संस्थान एनजीओ वर्क में डिप्लोमा कोर्स भी कराते हैं। लगभग सभी यूनिवर्सिटीज आजकल सोशल वर्क या एनजीओ में डिग्री कोर्स चला रही हैं। सोशियोलॉजी बैकग्राउंड भी इसी क्षेत्र से संबंधित है। डिग्री के साथ इस फील्ड में सफल करियर बनाने के लिए व्यवहारिक और प्रैक्टिकल नॉलेज भी आवश्यक है।
कोर्स के प्रकार
- सर्टिफिकेट इन एनजीओ मैनेजमेंट (06 माह)
- पीजी डिप्लोमा इन एनजीओ मैनेजमेंट (01 वर्ष)
- एमबीए डिग्री इन एनजीओ मैनेजमेंट (02 वर्ष)
- पार्ट टाइम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एनजीओ मैनेजमेंट (01 वर्ष)
- मास्टर ऑफ सोशल वर्क (2 वर्ष)
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