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2020-03-10

Smart Mobile Phone Radiation Ke Use(Upyog) Se Kya Kya Nuksan Hai Tatha Chalane Se Nuksan Aur Baccho Ko Hone Wale Nuksan Hindi Mein Jankari


SmartPhone Or Mobile Ke Jyada Upayog Se Hone Vale Nuskan...... Jane

यदि आप अपने महंगे स्मार्ट फोन का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करते हैं, तो संभल जाएं। इससे आपकी सेहत भी बिगड़ सकती है।


खाते वक्त हाथ में मोबाइल। कहीं जाते वक्त हाथ में मोबाइल। सोते वक्त हाथ में मोबाइल। आप कहीं भी हों, कोई भी काम कर रहे हों, आपका मोबाइल आपके हाथों से दूर नहीं होता। दिन-रात, सोते-जागते, आपकी उंगलियां एवं आपकी नजरें फोन पर ही टिकी रहती हैं। चाहे कितना भी थके हों, मोबाइल चेक करना नहीं भूलते। बेशक, तकनीक ने ज़िदगी को आसान कर दिया है, लेकिन सेहत के लिए ये उतने ही हानिकारक भी हैं। मोबाइल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल आपको शारीरिक एवं मानसिक रूप से बीमार बना सकता है। कई शोध में भी इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि मोबाइल का हद से ज्यादा इस्तेमाल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बनता है।

रात में नींद नहीं:

कई अध्ययनों से पता चला है कि मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से नींद से संबंधित समस्या पैदा होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है, बढ़सव मध्यरात्रि फोन की घंटी का बजना। देर रात तक फोन मोबाइल पर बातें करना। रात में देर तक मोबाइल का उपयोग जरूरत करना 'स्लीप डिसऑर्डर जैसी समस्याएं पैदा कर शामिल सकता है।

दिल के लिए ठीक नहीं:

सेलफोन की रेडिएशन से  न सिर्फ कैंसर होने का खतरा बढ़ता है, बल्कि क्रोनिक डिजीज जैसे हृदय की समस्याएं भी जुड़ी हुई हैं। यूरोपियन जर्नल ऑफ ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मोबाइल और कॉर्डलेस फोन ही आप द्वारा निकलने वाली रेडिएशन हृदय के कार्यप्रणाली में असामान्यता और बाधा उत्पन्न करता है।

बढ़ सकती है इनफर्टिलिटी;

जो पुरुष हद से ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सतर्क होने की जरूरत है। एक शोध में पुरुषों के एक समूह को शामिल किया गया, जो मोबाइल का अधिक इस्तेमाल  करते थे। मोबाइल फोन रेडिएशन के कारण उनके वीर्य में स्पर्म सेल काउंट में कमी पाई गई है।

सुनने में होगी दिक्कतः

आज, सड़क पर चलते हर आप दूसरे व्यक्ति के कानों में ईयरफोन लगा होता है। सिर्फ ईयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुनना ही आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित नहीं कर रहा, बल्कि मोबाइल रेडिएशन भी इसका एक बड़ा पैदा कारण है। एक अध्ययन में कहा गया है कि रोजाना लगभग दो घंटे से अधिक फोन पर बात करने वाले लोगों को कम सुनाई देने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

आंखें हो जाएंगी कमजोर

अधिकतर लोग ई-बुक्स पढ़ने, वेब सर्फिग आदि के लिए मोबाइल का उपयोग करते हैं। विशेष रूप से जब आप अंधेरे में मोबाइल की चमकदार स्क्रीन पर छोटे फॉन्ट्स बिना पलक झपकाए पढ़ रहे होते हैं, तो मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन आपकी आंखों को शुष्क और लाल कर देने के साथ साथ जलन भी पैदा करते हैं। इससे धीरे-धीरे आंखें कमजोर होती चली जाती हैं।

 त्वचा पर असरः

मोबाइल फोन को अधिक आकर्षित बनाने के लिए विशेष प्रकार की चमकीली धातु जैसे निकल, क्रोमियम और कोबाल्ट का प्रयोग किया जाता है। ये 'सेल फोन डर्मेटाइटिस' का सबसे  बड़ा कारण हैं।

संक्रमणः

आप मोबाइल में महत्वपूर्ण डाटा के साथ साथ लाखों संक्रामक जीवों को भी साथ लेकर चलते हैं। जो लोग टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं उनके मोबाइल मूल रूप से ईकोली जीवाणु के मल से दूषित होते हैं। इससे उल्टी, दस्त और त्वचा संक्रमण होने की संभावना रहती है। मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से। थंब अर्थराइटिस भी हो सकता है। इसके कारण आपके अंगठे के निचले हिस्से में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है।

विशेषज्ञ कहते हैं...

आज मोबाइल के बिना जिंदगी अधूरी है, लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। अधिकतर मरीज सिरदर्द, आंखों में दर्द, तनाव आदि से ग्रस्त होते हैं। ये सभी समस्याएं कहीं न कहीं मोबाइल से जुड़ी हुई हैं। मेट्रो शहर में रहने वाले और संपूर्ण पोषण की कमी से जूझ रहे लोग, इन समस्याओं से जल्दी प्रभावित होते हैं। यदि मोबाइल का उपयोग कम कर दिया जाए, तो इन शारीरिक और मानसिक समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है।

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