कही आपकी प्राइवसी (गोपनीयता) हैक तो नहीं कर रहा हैं थर्ड पार्टी App या जो आप App यूज कर रहे हैं Mobile Me
Agar Aap Apane Mobile Ya Smartphone Me Third Party App Istemal Kar Rahe Ho To Yah Bat Aapko Janani Chahiye...............
Apane Smartphone Tatha Computer Ko Kaise Bachaye??
फेसबुक डाटा लीक विवाद की वजह से सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है। यूजर्स के डाटा को सुरक्षित न रख पाने की वजह से फेसबुक की काफी आलोचना हुई, जिसके बाद कंपनी के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने लोगों से माफी मांगी और यूजर्स के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए बदलाव की बात की।इससे पहले भी टारगेट डाटा ब्रीच की वजह से एक महीने में ही करीब सात करोड़ क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की जानकारियां लीक हुई थीं, जबकि कंपनी के आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में कोई खामी नहीं थी, फिर भी डाटा लीक हुआ, जिसमें मूलरूप से थर्ड पार्टी का हाथ था। फेसबुक डाटा लीक में शुरुआती जांच से पता चलता है कि थर्ड पार्टी ऐप्स को परमिशन देने की वजह से ही यह घटना संभव हो सकी है। कुछ सावधानी बरतकर हम अपने डाटा या निजी जानकारियों को लीक होने से बचा सकते हैं।
महत्वपूर्ण डाटा की पहचान
सबसे पहले व्यवसाय में इस्तेमाल हो रहे यूजर्स के महत्वपूर्ण डाटा की पहचान करनी चाहिए। इससे हमें उस डाटा के बारे में जानकारी हो जाती है, जिसे सबसे ज्यादा सुरक्षा की जरूरत होती है। इसके लिए डाटा लॉस प्रिवेन्शन सॉफ्टवेयर (डीएलपी) का इस्तेमाल करना चाहिए। इस तरह के महत्वपूर्ण डाटा किसी भी योजना का ब्लू-प्रिंट, वित्तीय लेखाजोखा या फिर किसी भी तरह की निजी तस्वीरें भी हो सकती हैं। डीएलपी सॉफ्टवेयर सुरक्षित की जाने वाली जानकारियों को वर्गीकृत कर देता है, जिसके बाद संस्था या आपको उसकी सुरक्षा के लिए एक योजना के तहत अत्यंत ही महत्वपूर्ण जानकारियों के रख-रखाव की उचित व्यवस्था करनी होती है। यह एक तरह का उत्कृष्ट उपाय है, जिसकी मदद से आप सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को हानि पहुंचने से बचा सकते हैं।
पहुंच और गतिविधियों की निगरानी
डाटा को सुरक्षित रखने के लिए अगला कदम होता है उसकी पहुंच और गतिविधियों की निगरानी करना। इस स्टेप में हम ध्यानपूर्वक सभी डाटा ट्रैफिक की निगरानी करते हैं और देखते हैं कि जानकारियों को किस नेटवर्क पर भेजा गया है। इस स्टेप में हम अपने व्यवसाय से जुड़ी निजी जानकारियों के बारे में एक रियल-टाइम तस्वीर के बारे में पता लगा सकते हैं। इसे डाटा एक्टिविटी मॉनिटरिंग (डैम) कहते हैं। इसके उपयोग से अनधिकृत कार्यों का पता लग सकता है।
इन्क्रिप्शन का उपयोग
किसी भी निजी गोपनीय या संवेदनशील जानकारी को जरूर ही इन्क्रिप्ट करना चाहिए। मालूम हो कि इन्क्रिप्शन अभेद्य नहीं होता हैं, लेकिन डाटा को सुरक्षित रखने के बेहतरीन तरीके में से एक है। इन्क्रिप्शन प्रबंधन प्रक्रिया के इस्तेमाल की वजह से चुराया गया डाटा अपठनीय और बेकार हो जाता है। नेटवर्क के विभिन्न बिंदुओं पर इन्क्रिप्शन का इस्तेमाल डाटा के स्थानांतरण और आदान-प्रदान के दौरान होने वाले डाटा लॉस से आपकी जानकारियों को सुरक्षित कर देता हैं।
नेटवर्क लॉक करना
जैसे-जैसे कंप्यूटर और मोबाइल टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, डाटा लीक होने की संभावनाएं भी बढ़ने लगी हैं। बहत कम लोगों अपने डाटा को खाने से बचाने का तरीका पता होता है। डाटा लीक होने से बचाने के लिए पहला उपाय हैं की जिस नेटवर्क का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे उसे लॉक कर दीजिये। जिस प्रकार की वैबसाइट आप प्रयोग नहीं करते हैं, उसे ब्लॉक कर दीजिए।
आखिरी सीमा तक डाटा की सुरक्षा
डीएलपी सॉफ्टवेयर की मदद से हमें यह भीपता चल जाता है कि डाटा का किस चैनल के माध्यम से आदान-प्रदान हो रहा है। इसके अलावा खासतौर पर, फेसबुक जैसे तमाम सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर थर्ड पार्टी ऐप्स भरमार होती है, जिनके जरिए प्रायः हमारी जानकारी लीक होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है। फेसबुक पर थर्ड पार्टी ऐप्स को एक साथ हटाने के लिए आपको फेसबुक सेटिंग्स में ऐप्स विकल्प के अंदर सभी थर्ड पार्टी ऐप्स मिल जाएगी, जिन्हें आपने अपने फेसबुक से लिंक किया है। इन ऐप्स को आप एक साथ सेलेक्ट करके रिमूव कर सकते हैं।आप चाहें,तो इन ऐप्स की मदद से फेसबक पर शेयर किए गए पोस्ट, फोटोज और विडियो को रख सकते हैं या रिमूव कर सकते हैं
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