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2020-04-11

Long Drive (Lambi Yatra) Ya Road Trip Par Nikalne Se Pahle Car Me kya-kya Check Karana Jaruri Hai Ya Car Se Ghumane Jane Se Pahale Kya Check Kare Jankari In Hindi


Long Drive (Lambi Yatra) Ya Road Trip  Par Nikalne Se Pahle Car Me Ye Chije Jarur Check Kare




लंबी यात्रा से पहले जरूरी है कि आप अपनी गाड़ी की जांच कर लें। लेकिन किस किस चीज की जांच करें, यह जान लेना भी जरूरी है।
रोड ट्रिप प्लान कर रहे हैं।  वह भी अपनी पर्सनल गाड़ी से? तो बाकी सारी तैयारियों के साथ-साथ आपको यह भी देखना होगा कि आपकी गाड़ी की कंडीशन दुरुस्त है या नहीं? क्या आप अपनी कार से लम्बी यात्रा पर निकल सकते हैं? कहीं ऐसा न हो कि आप अपने पूर परिवार के साथ घुमने के लिए निकलें और बीच में ही आपकी कार धोखा दे जाए। ऐसे में घूमने का सारा मजा किरकिरा भी हो सकता है, इसलिए घूमने निकलने से पहले अपनी गाड़ी की कंडीशन को अच्छी तरह से परख लेना चाहिए। जब भी आप सफर के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय खुद की गाड़ी चला कर जाने का निर्णय लेते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी और चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं। यही कारण है कि खुद लम्बी दूरी तक ड्राइव करके जाना अक्सर जिंदगी भर याद रखने वाला एक अनुभव बन जाता है। हर कोई अपनी पसंद और नापसंद के लिहाज से अपना गंतव्य स्थान चुनता है। और उसी के अनुसार अपने सफर की तैयारी करता है, लेकिन गाड़ी को लेकर आपकी क्या बुनियादी तैयारी होनी चाहिए, यह भी जानना जरूरी है। 

स्पेयर व्हील

लम्बी दूरी के सफर में सबसे ज्यादा मार टायर्स पर ही पड़ती है। ऐसे में सबसे पहले टायसे की ठीक से जांच कर लें। टिप के लिए जरूरी है कि आपकी गाड़ी के टायर्स की कंडीशन ठीक हो. क्योंकि कई बार बीच सड़क पर टायर ही धोखा दे जाते हैं। यह भी देख लें कि टायर किसी एक ही साइड से ज्यादा न घिसा हो। यदि ऐसा है, तो पहले अलाइनमेंट करा लें। इसके अलावा हाल ही में ठीक कराए हए पंक्चर या टायर में आई हुए नए क्रेक की भी ठीक से जांच कर लें। यूजर मैनुअल में देख लें कि मैन्युफैक्चरर ने टायर्स की कितनी वॉरंटीऔर माइलेज का दावा किया है। सबसे आखिर में टायर्स का एयर प्रेशर भी चेक कर लें। हमेशा गाड़ी में अच्छी कंडीशन में एक स्पेयर व्हील रखें। यात्रा के लिए निकलने से पहले स्पेयर व्हील या स्टेपनी का भी एयर प्रेशर चेक करें और निर्धारित मानक पर ही रखे। इसके अलावा यदि स्पेयर व्हील का प्रयोग मैन्युफैक्चरर द्वारा दी गई वॉरंटी पीरियड खत्म होने तक नहीं हआ है, तो भी इसे बदलने की जरूरत है।

लीक्स और पाइप्स

गाड़ी से किसी भी फ्लूइड का लीक या रिसाव पहले ही चेक करना बेहतर होगा। इसके लिए आपको अपनी गाड़ी के पार्किंग स्पेस को देखना होगा, जहां आप अपनी गाड़ी खड़ी करते हैं। इतना ही नहीं, कई बार तापमान बढ़ने पर रिसाव आसानी से दिखने लगता है, तो गाड़ी को स्टार्ट करके एक्सेलरेट करें, जिससे गाड़ी गर्म हो जाएगी। इस दौरान बोनट खोलकर इंजन और गाड़ी के नीचे की प्लेट को भी देखें कि कहीं कोई रिसाव तो नहीं हो रहा? इसके अलावा गाड़ी के निर्धारित तापमान से ज्यादा बढ़ना भी रिसाव का संकेत हो सकता है।

हेडलाइट और टेललाइट

गाडी की लाइट्स न केवल रात में हमें रोड को देखने में मदद करती हैं, बल्कि रोड पर अन्य वाहन चालकों के साथ कम्यूनिकेट करने में भी मदद करती है। हाईवे हों या शहर के रास्ते ड्राइवर्स डिपर, इंडीकेटर्स, हाई-बीम और लो बीम की मदद से एक-दूसरे को संकेत देते हैं। इसके अलावा ब्रेक के साथ जुड़ी हुई इमरजेंसी लाइट्स आपके पीछे आ रही गाड़ी को आपके ब्रेक लगाने की जानकारी देती हैं। ऐसे में इमरजेंसी ब्रेक ठीक से काम कर रही है या नहीं, इस बात का ध्यान दें। साथ ही काम न कर रहें बल्व को बदल दें। फॉग या मिस्ट जम चुकी लाइट्स को भी बदलना बेहतर होगा। अमूमन, हम बैटरी पर ध्यान नहीं देते। इसमें दिक्कत होने पर आपकी लाइट्स ठीक से काम नहीं करेंगी। रोड ट्रिप पर जाने से पहले बैटरी की ग्रैविटी (बैटरी कितनी चार्ज है मापने का मानक) को चेक करा लें।

ब्रेक पैड्स

थोड़े घिसे ब्रेक पैड्स का पता लगाना मुश्किल होता है। इस स्थिति में मैकेनिक की मदद की जरूरत होगी। वहीं अगर आपको ब्रेक पैडल दबाते समय हल्का सा जर्क महसूस हो या पैडल के थोड़ा ज्यादा नीचे जाने के बाद ब्रेक लगे, तो समझ लें कि आपके ब्रेक शू या पैड्स को बदलने की जरूरत है आज  बाजार में मौजूद अधिकांश कारों में डिस्क ब्रेक दी जाती है। इस तरह की ब्रेक्स में पैड घिसने पर घर्षण की आवाज आने जगाती है, तो पता लगाना आसान हो जाता है कि ब्रेक पैडम घिस चुके हैं।

 इंजन ऑयल और कूलेंट

 गाडी में इंजन ऑयल एक अहम भूमिका निभाता है। इंजन ऑयल इंजन के कलपुर्जी को सुचारू रूप से चलते रहने के लिए ल्यूबरिकेट रखता है। वहीं कूलेंट इंजन के तापमान को ठंडा रखने में मदद करता है। इस तरह यह दोनों ही फ्लूइड इंजन के चलने के लिए बहुत जरूरी हैं। साथ ही ध्यान दें कि लम्बी दूरी के सफर में अक्सर कूलेंट का स्तर कम हो जाता है, तो जरूरी है कि आप समय-समय पर कूलेंट चेक करते रहें।

जीपीएस और मैप्स

अनजान या नई जगहों पर सफर करते समय रास्ता खोजने के लिए जीपीएस आपकी मदद कर सकता है। साथ ही आप जीपीएस में पहले ही रास्ता देखकर अपनी सहूलियत और पसंद के हिसाब से कोई वैकल्पिक रास्ता भी चुन सकते हैं। आज लगभग हर स्मार्टफोन में आप जीपीएस की सुविधा इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सुविधा से आप हेवी ट्रैफिक वाले रास्तों से भी बच सकते हैं। इसके अलावा ऐसी जगहों जहां नेटवर्क की समस्या हो, आप पहले ही उन जगहों का मैप ऑफलाइन देखने के लिए सेव कर सकते हैं, जिससे आपको सफर के दौरान काफी सहूलियत रहेगी।

हजार्ड लाइटस और डाक्यूमेट्स रखे साथ

बीच रास्ते गाड़ी खराब होने की स्थिति मे हजार्ड लाइट्स (लाल रंग का तीकौना  चिन्ह, जिसे गाड़ी खराब होने की स्थिति मे अन्य ड्राइवर्स को संकेत देने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं और टूल किट ही आपका सहारा बचती हैं। हजार्ड लाइट्स को देखकर रोड से गुजरते दूसरे ड्राइवर्स भी आपकी मदद के लिए सामने आ सकते हैं। वही टूल किट की मदद से आप पंचर टायर भी बदल सकते हैं। इसके अलावा अपने शहर मे भी गाड़ी चलते समय आपको सारे डाक्यूमेंट्स साथ लेकर चलना चाहिए, लेकिन लंबी रोड ट्रिप पर आपको खास तौर पर डाक्यूमेंट्स का ख्याल रखना चाहिए। गाड़ी चलाने के लिए आपको गाड़ी का रजिस्ट्राशन सर्टिफिकेट, इन्सोरेंस, पाल्युशन अंडर कंट्रोल(पीयूसी) और ड्राइवरी लाइसेन्स की जरूरत होती हैं।

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