Diabetes Ke Bare Me Jankari
Diabetes Ke Treatment ( Upchar) Kaise Kare?
दुनिया भर में सबसे ज्यादा डायबिटीज़ के मरीज भारत में ही हैं। ज्यादातर मामलो मे डायबिटीज़ अस्वास्थ्यकर जीवनशैली से हाेने वाली समस्या है। कुछ सुझावा पर अमल कर डायबिटीज़ से बचा जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त हो ही जाए तो स्वस्थ जीवनशैली अपना कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है...
प्रायः ऐसा देखा गया है कि जब लोगों को पहली बार मधुमेह (डायबिटीज़) के बारे में पता चलता है तो वे बहुत ज्यादा मानसिक तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं। उन्हें दुख की अनुभूति होती है और उनके मन में एक ही सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज़ को जड़ से खत्म किया जा सकता है? इस सवाल का उत्तर जानने के लिए डायबिटीज़ होने के कारणों को समझना आवश्यक है।
अधिक वजन और डायबिटीज: Vajan Aur Diabetes
डायबिटीज आधुनिक युग में तेजी से बढ़ता एक ऐसा रोग है, जिसका हमारी जीवनशैली (लाइफ स्टाइल) से बहुत गहरा संबंध है। मोटापा डायबिटीज़ की समस्या का एक बड़ा कारण है। शरीर में संचित अतिरिक्त वसा इंसुलिन के प्रति संवेदनशील कोशिकाओं को प्रभावित करती है। इस कारण इंसुलिन शरीर में सही तरीके से काम नहीं कर पाती है और समय के साथ इंसुलिन की कमी भी शरीर में बढ़ने लगती है। मोटापा न सिर्फ डायबिटीज़ का कारण बनता है, बल्कि यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर और हृदय रोग आदि होने के खतरे को भी बढ़ा देता है।
एक बार डायबिटीज़ हो जाने के बाद इसे जड़ से खत्म कर पाना कठिन है, लेकिन अपने वजन को नियंत्रित करके और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाकर सुखद रूप से जीवन यापन अवश्य किया जा सकता है।
डायबिटीज रोकने के उपाय : Diabetes Me Apne Rehne Ka Ya LifeStyle Badale
जीवनशैली में बदलाव करने का मतलब यह नहीं है कि जीने का पूरा तरीका बदल दिया जाए। इसका सही मतलब है कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी आदतें शामिल की जाएं, जो न सिर्फ डायबिटीज को नियंत्रण में रखें, बल्कि आपके स्वास्थ्य को हर तरह से बेहतर बनाएं।
डायबिटीज बढ़ने के लक्षण: Diabetes Me Tension Free Rahane Ki Koshish Kare
जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो शरीर में कुछ ऐसे हार्मोंस प्रवाहित होते हैं, जो रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को बढ़ाते हैं। इसके अलावा तनाव की स्थिति में लोग अक्सर व्यायाम करना, अपने आहार का ध्यान रखना या अपनी दवाएं लेना भूल जाते हैं। इस कारण भी रक्त शर्करा अनियंत्रित हो जाती है। इसलिए तनाव दूर करने के तरीके खोजना आवश्यक है।व्यायाम के साथ योग व मेडिटेशन मानसिक तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भमिका निभाते हैं। इसके अलावा तनाव कम करने के लिए ऐसी चीजें करना भी लाभप्रद होता है, जिसमें आपकी विशेष दिलचस्पी हो।
धूमपान न करें:Diabetes Me Dhumrapan Na Kare
डायबिटीज से आपको हृदय रोग, नेत्र रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, रक्त वाहिका रोग, और पैर से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना रहती है। यदि आप धूमपान करते हैं तो इन समस्याओं के होने की आशंका बढ़ जाती है, क्योंकि धूमपान से कैंसर के अलावा शरीर में खून की नलिकाएं भी अवरुद्ध होती हैं। धूमपान के कारण व्यायाम करने में भी कठिनाई होती है। इसलिए धूमपान छोड़ने के तरीकों के बारे में अपने डॉक्टर से बात जरूर करें और इसे जल्द से जल्द छोड़ें।
मादक पदार्थों से दूर रहें: Diabetes Me Nashe Jaise Padhatho Se Dur Hi Rahe
यदि आप किसी प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन करते हैं तो इससे रक्त शर्करा को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। मादक पदार्थ आपकी रक्त शर्कराको बहुत बढा भी सकते है और कम भी कर सकते हैं।
नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्शः Diabetes Me Niyamit Rup Se Doctor Se Jarur Mile
अपने डॉक्टर से नियमित रूप से परामर्श करना भी जरूरी है ताकि वे आपकी दवाओं की डोज को सही रूप से निर्धारित कर सकें।
जरूरी है व्यायाम: Diabetes Me Exercise/Yoga Aadi Pad Dhyan De
नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर की अनावश्यक वसा घटती है और इंसुलिन बेहतर तरीके से काम कर पाती है। इसलिए डायबिटीज के नियंत्रण के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है, परंतु डायबिटीज़ से ग्रस्त व्यक्तियों की व्यायाम संबंधी कुछ बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है। व्यायाम नियमित रूप से करें। आप एक बार में 40 से 45 मिनट तक व्यायाम कर सकते हैं। डायबिटीज़ में खाली पेट व्यायाम करने से शुगर कम होने (हाइपोग्लाइसीमिया) की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए व्यायाम करने से पूर्व फल या बादाम, अखरोट का सेवन कर सकते हैं।
ऐसा हो आहार: Diabetes Me Kaise Ahar Lena Chahiye
डायबिटीज को नियंत्रित करने में उपयुक्त आहार और व्यायाम की भूमिका महत्वपूर्ण है। मौजूदा दौर में खाना जीभ का स्वाद और पेट भरने का साधन मात्र बनकर रह गया है। एक सामान्य धारणा है कि चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायबिटीज़ की समस्या उत्पन्न होती है, परंतु डायबिटीज़ का एक मुख्य कारण है, हमारी डाइट में पोषक तत्वों का असंतुलन होना। इसलिए पौष्टिक आहार डायबिटीज़ के नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डायबिटीज़ में खाने की मात्रा, खाने की गुणवत्ता एवं खाने के समय का ध्यान रखना अनिवार्य है। प्रायः ऐसा देखा गया है कि खाने में रिफाइंड अनाजव चिकनाई (वसा) की मात्रा काफी अधिक होती है। इसलिए इसपर नियंत्रण रखना जरूरी है।
डायबिटीज में आहार के बारे में : Diabetes Me Kya Khana Chahiye, In Bato Ka Rakhe Khyal
- खाने में रेशायुक्त (फाइबर्स) खाद्य पदार्थों को वरीयता दें। साबुत अनाज जैसे दलिया, ओट्स, रागी, जौ और चोकर युक्त आटे का सेवन लाभप्रद होता है।
- तेल,घीका उपयोग कम मात्रा में करना चाहिए अथवा तेल को नियमित रूपसे बदलते रहना चाहिए।
- हमारे खाने में सब्जियों और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का खास अभाव होता है। इसलिए हरी सब्जियों का ज्यादासे ज्यादा सेवन करना चाहिए अथवा खाने में दाल, चना, छोला, दूध, दही, अंडा जैसे प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों को भी नियमित रूप से शामिल करें।
- खाने में संतुलन स्थापित करने के लिए अपनी खाने की प्लेट का आधा हिस्सा फाइबरयुक्त सब्जियों से भरें (बिना स्टार्च वाली सब्जियां), एक चौथाई हिस्सा प्रोटीन और एक चौथाई हिस्सा कार्बोहाइड्रेटयुक्त अनाज से भरें।
- बीच के समय में चाय के साथ बिस्कुट, नमकीन,रस्क जैसे पैकेज्ड खाद्य पदार्थ खाने की बजाय पौष्टिक चीजें जैसे फल, भुना चना, अंकुरित दाल या चना आदि का सेवन फायदेमंद होता है।
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