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2020-05-05

Kidney Kharab Hone Ke Karan, Lakshan, Kidney Kyu Kharab Hoti Hai, Kidney Thik Karane Ke Gharelu Upay

Kidney Ke Bare Me Jankari Ki Kaise Kharab Hoti Hain Aur Use Kaise Healthy Rakhe?

किडनी की बीमारी जिंदगी की रफ्तार पर लगाम लगा सकती है। खानपान की सही आदतें अपनाकर इसके दुष्परिणामों को कम किया जा सकता है। इसीलिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस का आयोजन किया जाता है।


क‍िडनी शरीर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह खून साफ करने, हार्मोन्स बनाने, मिनरल्स का अवशोषण करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और एसिड का संतुलन बनाए रखने का काम करती है। अगर किसी वजह से यह रोगग्रस्त हो जाए, तो शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित होता है। लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन और हड्डियों के लिए आवश्यक विटामिन डी का मेटाबॉलिज्म भी गड़बड़ा जाता है। हर साल किडनी रोगों की वजह से लाखों की जान चली जाती है, लेकिन अगर समय रहते सही उपचार कराया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। किडनी रोगों से लोगों को जागरूक करने के लिए मार्च महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस का आयोजन किया जाता है। किडनी की बीमारियों के आम कारणों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और धमनियों का सख्त होना शामिल है। इनसे किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। दर्दनिवारक या एंटीबायोटिक दवाइयों का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से भी किडनी खराब हो जाती है। पथरी या प्रोस्टेट ग्रंथियों में वृद्धि के कारण भी कई तरह की जटिलताएं हो सकती हैं। किडनी खराब होने पर हाथों और पैरों में सूजन आ जाती है।


रक्तचाप में वृद्धि, हड्डियों में दर्द, कमजोरी, मिचली और उल्टी आना इसके प्राथमिक लक्षण हैं। लक्षण बहुत ही धीमी गति से बढ़ते हैं। इसकी वजह से किडनी रोगों का पता नहीं चल पाता है और सही समय पर रोगी का उचित इलाज नहीं हो पाता। कई बार किडनी के मरीजों के पेशाब में प्रोटीन और लाल रक्त कणिकाओं का रिसाव शुरू हो जाता है। इसके साथ ही रक्तचाप बढ़ जाता है। चेहरे तथा पैरों में सूजन आ सकती है। त्वचा पर लाल चकत्ते उभर सकते हैं और जोड़ों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।


किडनी खराब होने के लक्षणों में मुख्य हैं ?


रक्तचाप में वृद्धि, आंख, हाथ और पैरों में सूजन, पेशाब में खून आना, गंदा या चाय के रंग का पेशाब आना, पेशाब में ज्यादा मात्रा में झाग आना, कम या बार-बार पेशाब आना। मरीजों को भूख कम लगती है, उन्हें थकान बहुत जल्दी होने लगती है। सांस में दुर्गंध और मुंह का स्वाद बिगड़ने की शिकायत भी हो जाती है। किडनी की जांच करने के लिए रोगी का किडनी फंक्शन टेस्ट किया जाता है। किडनी पूरी तरह से खराब होने की स्थिति में भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की मदद से रोगी सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। किडनी प्रत्यारोपण में एक उपयुक्त दाता से किडनी लेकर रोगी के शरीर में प्रत्यारोपित कर दी जाती है।



ऐसे करें बचाव


1. रोजाना डेढ़ से दो लीटर पानी पिएं। यह किडनी को शरीर से सोडियम, यूरिया और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी खराब होने या सूजन आने पर तरल पदार्थ का कम मात्रा में सेवन करें।

2. स्वास्थ्यप्रद भोजन करें। जब किडनी कमजोर हो तो प्रोटीन कम मात्रा में लें। पनीर दालें, फलियां और सोयाबीन आदि से परहेज करें। नमक कम खाए।

3. धूम्रपान और शराब से दूर रहें। धूम्रपान करने से किडनी में खून का प्रवाह धीमा हो जाता है। अधिक शराब के पीने से किडनी को शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने के लिए अधिक कार्य करना पड़ता है।

4. रक्तचाप का ध्यान रखें। उच्च रक्तचाप न केवल हृदय रोगों को न्योता देता है, बल्कि किडनी रोगों का संकेत भी माना जाता है।

5. खुद को फिट रखें। जीवन-शैली में सकारात्मक बदलाव करें। सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट तक व्यायाम करें।

6.बिना चिकित्सकीय सलाह के दर्दनिवारक और एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें।

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